केजीएमयू में शिक्षक भर्ती मामला गरमाया
Lucknow News - लखनऊ में केजीएमयू में आरक्षित पदों पर सामान्य अभ्यर्थियों की भर्ती के आरोपों की जांच के लिए शासन ने संयुक्त समिति गठित की है। यह समिति बुधवार को केजीएमयू का जायजा लेगी और भर्ती से संबंधित दस्तावेजों...

शासन ने आरोपों की सच्चाई के लिए कमेटी गठित की कमेटी जांच के लिए केजीएमयू का आज जायजा लेगी लखनऊ, वरिष्ठ संवाददाता। केजीएमयू में आरक्षित पदों पर सामान्य अभ्यर्थियों की भर्ती का मामला फिर से उठ गया है। आरोपों की सच्चाई का पता लगाने के लिए बुधवार को शासन की ओर से गठित संयुक्त जांच समिति पहुंचेगी। उपसचिव आनंद त्रिपाठी ने आदेश जारी कर दिया है। शासन की ओर से जारी पत्र में कहा गया है कि उत्तर प्रदेश विधान मंडल की अनुसूचित जातियां, अनुसूचित जनजातियों और विमुक्त जातियों संबंधी संयुक्त समिति (2024-25) की ओर से यह जांच की जानी है।
केजीएमयू प्रशासन पर अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों और पिछड़ा वर्ग की आरक्षित सीटों पर गैर आरक्षित व्यक्तियों की नियुक्ति करने के आरोप हैं। यह मामला केजीएमयू में काफी लंबे समय से चल रहा है। नतीजतन केजीएमयू में शिक्षकों की भर्ती एक साल से ज्यादा लटकी रही। अब शासन की ओर से गठित संयुक्त समिति बुधवार को केजीएमयू आएगी। समिति भर्ती से संबंधी सभी दस्तावेजों का परीक्षण कर सकती है। ये था मामला केजीएमयू में 112 पदों पर शिक्षकों की भर्ती के लिए 12 जुलाई 2022 को सामान्य विज्ञापन निकाला गया था जिसमें ईडब्लूएस को 20 फीसदी, अनारक्षित को 63 प्रतिशत, अन्य पिछड़ा वर्ग को 10 प्रतिशत, अनुसूचित जाति को सात प्रतिशत और अनूसूचित जन जाति के लिए शून्य पद विज्ञापित किए गए थे। शिकायतों के बाद आरक्षित वर्ग के अनारक्षित से भरे गए 20 अधिसंख्य पदों की मांग शासन को भेजी। लेकिन आज तक लम्बित है।
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