एलडीए के बाबुओं ने हारे सरहद पर साहस दिखाने वाले कर्नल
Lucknow News - लखनऊ, प्रमुख संवाददाता निराला नगर के रहने वाले कर्नल संजय शर्मा ने सेना में

लखनऊ, प्रमुख संवाददाता निराला नगर के रहने वाले कर्नल संजय शर्मा ने सेना में रहते कई मोर्चों पर फतेह हासिल की। लेकिन लखनऊ विकास प्राधिकरण के बाबुओं से वह हार गए। बाबुओं ने सब कुछ सही होने के बावजूद उन्हें इतना दौड़ाया कि वह अब पस्त हो गए हैं। गुरुवार को लखनऊ विकास प्राधिकरण में आयोजित जनता अदालत में अपनी फरियाद लेकर पहुंचे कर्नल को एक बार फिर आश्वासन ही मिला। इस बार बाबू ने तीन दिन में उनके नाम पर पैतृक मकान करने की बात कही है। इनके अलावा जनता अदालत में तमाम अन्य लोगों ने भी अपनी शिकायतें दर्ज कराई।
हालांकि, बैठक होने की वजह से जनता अदालत में बड़े अधिकारी मौजूद नहीं रहे। जनता अदालत में पहुंचे कर्नल संजय शर्मा ने बताया कि निराला नगर में उनका मकान संख्या सी-238 है, जो उनकी माताजी के नाम पर था। लगभग 38 वर्ष पहले उनकी माताजी का निधन हो गया था। गाजियाबाद, बीकेटी और लखनऊ के निराला नगर में उनकी संपत्तियां थीं। कोर्ट से पारिवारिक बंटवारे के बाद उन्हें यह मकान मिला। उन्होंने इसके दाखिल-खारिज के लिए एलडीए में कई बार आवेदन किया। करीब 50 बार बाबुओं और पूर्व अधिकारियों से मिले। कोर्ट का आदेश, संपत्ति की डीड की प्रति, मृत्यु प्रमाणपत्र सहित सारी औपचारिकताएं पूरी कीं। उन्होंने बताया कि सब कुछ सही होने के बावजूद सिर्फ इसलिए दाखिल-खारिज नहीं हो पाया क्योंकि वे बाबू की “फरमाइश” पूरी नहीं कर सके। उन्होंने कहा कि अगर वह बाबू की मांग पूरी कर देते तो दाखिल-खारिज हो गया होता। जनता अदालत में उन्होंने अधिकारियों से गुहार लगाई। अंत में फिर वही बाबू बुलाया गया, जिसने वर्षों से उनका काम रोक रखा था। लेकिन इस बार बाबू ने अधिकारियों के सामने तीन दिनों में काम करने का आश्वासन दिया है। उन्होंने बताया कि वे 25 वर्ष तक सेना में कप्तान रहे और अब 68 वर्ष की उम्र में एक बुजुर्ग हो चुके हैं। 2016 में रिटायरमेंट के बाद से लगातार एलडीए के चक्कर लगा रहे हैं, लेकिन उनका काम आज तक नहीं हुआ। --- फ्लैट भी नहीं मिला, पैसा भी गलत खाते में गया, भटक रहे हैं राकेश कुमार राकेश कुमार ने देवपुर पारा योजना के समाजवादी लोहिया एनक्लेव में वर्ष 2015-16 में एलडीए से फ्लैट खरीदा था, जिसमें उन्होंने लगभग 3.50 लाख रुपये जमा किए थे। एलडीए ने पिछले वर्ष इस योजना का आवंटन निरस्त कर दिया। जिन लोगों ने इसमें फ्लैट खरीदे थे, उन्हें उनका पैसा वापस भेजा गया। राकेश कुमार को फ्लैट संख्या एसडब्ल्यूआईI/110/भी 1 आवंटित हुआ था। उनके अनुसार, आवंटन निरस्त होने के बाद एलडीए ने उनका पैसा उनके खाते में भेजने की बजाय किसी अन्य व्यक्ति के खाते में भेज दिया। वह व्यक्ति अब पैसा लौटाने को तैयार नहीं है। राकेश कुमार का कहना है कि एलडीए के अधिकारियों ने मानवीय त्रुटि की बात कहकर पिछले एक वर्ष से उन्हें आश्वासन ही दिया है, लेकिन पैसा अब तक वापस नहीं मिला है। --- बहू से मकान खाली कराने की गुहार लगाने पहुंचीं शाहिदा बानो वसंत कुंज योजना के प्रधानमंत्री आवास में रहने वाली शाहिदा बानो जनता अदालत पहुंचीं और अधिकारियों से मकान खाली कराने की गुहार लगाई। उन्होंने बताया कि उनका बेटा विदेश में नौकरी कर रहा है और उसने अपनी पत्नी को तलाक दे दिया है। पहले यह परिवार अकबरनगर में रहता था। अकबरनगर के मकान टूटने के बाद उन्हें वसंत कुंज योजना में मकान संख्या 35/34 आवंटित हुआ। शाहिदा बानो ने बताया कि अब मकान का ताला तोड़कर उनकी बहू ने उसमें कब्जा कर लिया है। उन्होंने अधिकारियों को बताया कि जब मकान उनके नाम है और बेटे से तलाक हो चुका है, तो बहू कैसे मकान पर कब्जा कर सकती है? --- जानकीपुरम के रमेश उर्फ गुड्डू ने चबूतरे की मांग उठाई जानकीपुरम के सिकंदरपुर निवासी रमेश कुमार उर्फ गुड्डू रावत भी जनता अदालत पहुंचे। उन्होंने बताया कि वर्ष 1987 में उनकी जमीन का अधिग्रहण एलडीए ने किया था। अन्य किसानों को रोज़गार के लिए चबूतरे आवंटित किए गए, लेकिन उन्हें अब तक चबूतरा नहीं मिला है। वह वर्ष 2015 से लगातार फार्म भर रहे हैं, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही है।
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