चिड़ियाघर संग्रहालय में पंचमार्क के सिक्के से रूबरू होंगे दर्शक
Lucknow News - पुरातत्व -चिड़ियाघर के संग्रहालय में रखे जाएंगे जाजमऊ में मिले पंचमार्क के सिक्के

पुरातत्व -चिड़ियाघर के संग्रहालय में रखे जाएंगे जाजमऊ में मिले पंचमार्क के सिक्के -छठी शताब्दी में जारी किए गए पंच मार्क के सिक्के कानपुर के जाजमऊ में मिले थे लखनऊ। वरिष्ठ संवाददाता देश दुनिया के सिक्कों के बारे में अगर आप रूबरू होना चाहते है तो लखनऊ स्थिति चिड़ियाघर के जू संग्रहालय आइए। वहां पर प्राचीन भारत में छठी शताब्दी ईसा पूर्व यानी 3000 वर्ष पहले जारी किए गए पंचमार्क के सिक्को से रूबरू होंगे। धीरे धीरे सिक्के का स्वरूप बदलता रहा। जहां चांदी, तांबा, चमड़ा, शीशा, सोना, मानव गढ़, राजा महाराजाओं और उनके वंशज के नाम लिखे सिक्कों जारी होते रहे।
इन्हीं सिक्कों में भारत में सबसे पहले 16 जनपदकाल के समय जारी पंच-चिह्नि के सिक्के कानपुर के जाजमऊ में वर्ष 2007 से 2011 के बीच खुदाई के दौरान मिले थे जिन्हें आहत सिक्के भी कहा जाता है। ऐसे 780 सिक्के चांदी और तांबे से बने मिले थे। युवा पीढ़ी के लिए संग्रहालय में संरक्षित किए जा रहे पुरातत्व निदेशालय के उत्खनन एवं अन्वेषण अधिकारी राम विनय ने बताया कि इन सिक्कों में पेड़, हाथी और मछली के सिम्बल थे। ऐसे सिक्के प्राचीन काल के इतिहास, भाषा, प्रशासन, धर्म और आर्थिक स्थिति को उजागर करते रहे हैं। यह सिक्के अब संरक्षित करते हुए जू के राज्य संग्रहालय में दर्शकों के लिए रखे जाएंगे। ताकि नए युग के युवा पीढ़ी प्राचीन सिक्कों के बारे में जानकारी जुटा सके। महराजगंज में मिले थे कुषाणकाल के सिक्के पिछले साल नेपाल से सटे जनपद महराजगंज बनरसिहा कला में कुषाणकाल के सिक्के मिले थे। यह सिक्के कॉपर के थे। इनमें एक सिक्का गोल्ड का मिला था। कुछ और भी सिक्के समुंद्रगुप्तकाल के थे। इन सिक्कों को संरक्षित करने की तैयारी है। लखनऊ के हुलास खेड़ा में मिले प्राचीन सभ्यता के सिक्के लखनऊ के हुलास खेड़ा में खुदाई के दौरान सिक्के मिले थे, जो इस क्षेत्र की प्राचीन सभ्यता पर को दर्शाते है। इन सिक्कों के साथ-साथ, मिट्टी के बर्तन, टेराकोटा की मूर्तियां और ईंटों की संरचनाएं भी मिली थीं। जो हुलास खेड़ा के इतिहास को बताती हैं।
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।