नवागढ़ तीर्थक्षेत्र भारतीय संस्कृति की अमूल्य धरोहर
Lalitpur News - फोटो- 14, 15कैप्सन- नवागढ़ में खुदाई के दौरान मिली प्राचीन प्रतिमाएं, भग्नावशेषों पर शोध करती टीम के सदस्यनवागढ़ तीर्थक्षेत्र भारतीय संस्कृति की अमूल्य

फोटो- 14, 15 कैप्सन- नवागढ़ में खुदाई के दौरान मिली प्राचीन प्रतिमाएं, भग्नावशेषों पर शोध करती टीम के सदस्य नवागढ़ तीर्थक्षेत्र भारतीय संस्कृति की अमूल्य धरोहर इस क्षेत्र की पहाड़ियों से मिल चुके हजारों वर्ष पुराने पाषाण के औजार विलक्षण कलाकृतियों और भारतीय कला संपदा का अक्षय भंडार नवागढ़ ललितपुर। शहर से 65 किलोमीटर दूर महरौनी विकासखंड में सौंजना के निकट स्थित नवागढ़ तीर्थक्षेत्र का इतिहास काफी पुराना है। यहां खुदाई कहीं भी हो बड़ी ही सावधानी से की जाती है। का्रण, इस क्षेत्र की धरा से कई अतिप्राचीन मूर्तियां और पुरातात्विक साक्ष्य, औजार मिलते रहते हैं। इस क्षेत्र में अभी भी शोष जारी है।
प्रागैतिहासिक अतिशय क्षेत्र नवागढ़ में भगवान अरनाथ स्वामी के अतिशय के साथ संरक्षित हजारों वर्ष प्राचीन शैलाश्रय, 8000 वर्ष प्राचीन जैन रहस्य वाले शैलचित्र, 3000 वर्ष प्राचीन उत्कीर्ण कला तथा सातवीं सदी के स्थापत्य कलायुक्त भौंयरा व मूर्ति शिल्प जैन धर्म की प्राचीनतम एवं महत्वशाली साक्ष्य हैं। यहां संग्रहीत पुरा संपदा में पाषाण कालीन औजार, मूर्ति शिल्प, चंदेल बावड़ी, काष्ठ बेदी, काष्ठ मानस्तंभ, काष्ठ मंदिर, काष्ठ परात मिट्टी के विशिष्ट शिल्प, धातु शिल्प आभूषण, रजत एवं ताम्र के सिक्के, पाषाण मिट्टी एवं रतन के मनके प्राचीन गाथा के सशक्त साक्ष्य हैं। इस पुरा संपदा का रासायनिक संरक्षण एन आर एल सी लखनऊ के प्रशिणार्थी 25- 25 छात्रों द्वारा कई शिविरों में सतत संरक्षण का कार्य डॉक्टर वी बी खरबड़े के निर्देशन तथा श्री पी के पांडे के सानिध्य में संपन्न हुआ है। डा. अर्पित रंजन पुरालेखविद् भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण एएसआई दिल्ली ने यहां के अभिलेख, पुरातत्व पर डा. प्रकाश राय के निर्देशन में वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय आरा से डॉक्टरेट की उपाधि प्राप्त करने का गौरव प्राप्त किया है। संजय आठिया ने नवागढ़ के संलग्न नगरों में पुरातात्विक धरोहर विषय पर सर हरि सिंह गौर विश्वविद्यालय सागर से शोध कार्य कर रहे हैं। नवागढ़ क्षेत्र की पुरा संपदा के शोध, काल निर्धारण, धार्मिक, ऐतिहासिक, पुरातात्विक विश्लेषण के लिए पनस एनजीओ दिल्ली की पांच सदस्यीय अन्वेषण टीम राज कुंवर विष्ट के निर्देशन में कार्यरत हैं। आपने यहां संग्रहीत कला शिल्पों का अवलोकन करते हुए नवागढ़ को सातवीं सदी का क्षेत्र घोषित किया है । यहां प्राकृतिक रूप से निर्मित भौंयरे में अरनाथ स्वामी विराजमान है। क्षेत्र निर्देशक ब्रह्मचारी जयकुमार निशांत भैया ने बताया नवागढ़ की सांस्कृतिक, धार्मिक, ऐतिहासिक, राजनीतिक, शैक्षिणिक विधाओं का अन्वेषण देश के ख्याति प्राप्त पुरातत्वविद् एवं इतिहासविद् प्रोफेसर मारुतिनंदन प्रसाद तिवारी, डा. शांति स्वरूप सिंहा वाराणसी, डा. भागचंद्र भागेंदु दमोह, डा. कस्तूरचंद सुमन, महावीर, डा. बृजेश रावत लखनऊ, डा. गिरिराज कुमार आगरा, डा. सलाहुद्दीन सागर, डा. एसके दुबे झांसी, नरेश पाठक ग्वालियर, डा. काशी प्रसाद त्रिपाठी, श्रीहरि विष्णु अवस्थी टीकमगढ़ के निर्देशन में किया गया है।
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