जिला स्तर पर खेल शिक्षक संकट, फीकी पड़ रही ‘खेलो इंडिया की चमक
Lakhimpur-khiri News - प्रधानमंत्री की खेलो इंडिया पहल का उद्देश्य खेल प्रतिभाओं को निखारना है, लेकिन लखीमपुर खीरी में बुनियादी ढांचे की कमी है। राजकीय स्कूलों में केवल दो खेल शिक्षक हैं, जिससे 30 से 35 हजार छात्रों की खेल...

प्रधानमंत्री की महत्वाकांक्षी पहल खेलो इंडिया का उद्देश्य छात्र-छात्राओं की खेल प्रतिभा को निखारकर उन्हें राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर तक पहुंचाना है, लेकिन लखीमपुर खीरी में यह मिशन बुनियादी ढांचे की कमी से जूझ रहा है। जिले के राजकीय और सहायता प्राप्त स्कूलों में खेल शिक्षकों की भारी कमी के चलते यह योजना सिर्फ कागज़ों तक सिमटती नजर आ रही है। शासन स्तर पर भले ही छात्रों को खेलों के लिए प्रेरित करने की कोशिशें की जा रही हों, लेकिन ज़मीनी हालात इसकी सच्चाई बयां कर रहे हैं। जिले के 51 राजकीय स्कूलों में महज दो खेल शिक्षकों की तैनाती की गई है, जबकि 45 सहायता प्राप्त स्कूलों में सिर्फ 22 शिक्षक कार्यरत हैं।
इससे लगभग 30 से 35 हजार छात्र-छात्राओं की खेल शिक्षा प्रभावित हो रही है। राजकीय इंटर कॉलेज लखीमपुर और राजकीय बालिका इंटर कॉलेज फूलबेहड़ दो ऐसे स्कूल हैं, जहां अभी भी खेल शिक्षक मौजूद हैं। अन्य राजकीय विद्यालयों में यह पद रिक्त पड़े हैं। स्कूलों के प्रधानाचार्य बताते हैं कि खेल शिक्षक न होने से छात्रों की शारीरिक प्रतिभा को आगे बढ़ाना लगभग असंभव हो गया है। छात्रों को ना तो खेल के सही नियमों की जानकारी मिल पा रही है और ना ही अभ्यास की समुचित व्यवस्था। जिला विद्यालय निरीक्षक विनोद कुमार मिश्रा ने कहा कि उन्होंने हाल ही में कार्यभार संभाला है और उन्हें वर्तमान स्थिति की पूरी जानकारी नहीं है। उन्होंने कहा कि स्थिति को बेहतर बनाने के प्रयास किए जाएंगे।
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