सीएचसी-पीएचसी दूर, मेडिकल कॉलेज में भी नहीं है थायराइड जांच की सुविधा
Kushinagar News - कुशीनगर। निज संवाददाता जिले के मेडिकल कॉलेज ही नहीं बल्कि यहां के किभी भी
कुशीनगर। निज संवाददाता जिले के मेडिकल कॉलेज ही नहीं बल्कि यहां के किभी भी सीएचसी व पीएचसी में अब तक थायरॉइड जांच की सुविधा उपलब्ध नहीं हो सकी है। इसका खामियाजा सबसे अधिक गर्भवती महिलाओं को उठाना पड़ता है, जिन्हें जांच के लिये बाहर से प्राइवेट लैब का सहारा लेना पड़ता है। इसके लिये उन्हें अधिक रुपये खर्च करने पड़ते हैं। जिले के किसी भी अस्पताल में थायराइड की जांच करने की सुविधा नहीं होने से यहां आने वाली कई गर्भवती महिलाएं परेशान रहती हैं। वहीं, गरीब परिवारों की अधिकांश महिलाएं समय से जांच भी नहीं करा पाती हैं। बाहर जांच कराने के लिए महिलाओं को चार से पांच सौ रुपये तक खर्च करना पड़ता है।
ग्रामीण इलाकों से आने वाली महिलाओं की थायराइड की जांच समय से नहीं हो पाने में इलाज के लिये डॉक्टरों को भी परेशान होना पड़ता है। डॉक्टरों की मानें तो गर्भवती होने वाली महिला का हर तीन माह के भीतर थायराइड जांच होना बेहद जरूरी होता है। ताकि मां और गर्भ में पल रहे शिशु दोनों के स्वास्थ्य की समय रहते देखभाल की जा सके। इसकी जांच में देरी या लापरवाही मां और बच्चे दोनों के लिये जोखिमभरा हो सकता है। डॉक्टरों का कहना है कि थायराइड दो प्रकार की होती है। इसमें हाइपो थायराइड होने पर अचानक वजन बढ़ने लगता है। इस कारण व्यक्ति काम में रुचि नहीं लेता है। ऐसे में महिलाओं की माहवारी की समस्या होने लगती है। जोड़ों में पानी भर जाता है और पैरों में सूजन होने लगता है। यह परेशानी 30 से 60 वर्ष की महिलाओं में अधिक होती है। दूसरा हायपर थायराइड है। इसमें वजन अचानक कम होने लगता है। गर्मी बर्दाश्त नहीं होती है तथा मांसपेशियां कमजोर होने लगती हैं। पीड़ित महिला के प्रजनन शक्ति पर भइसका प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। यह बीमारी 20 साल की महिलाओं को अधिक होती है। थायराइड के कारण गर्भपात का भी जोखिम बना रहता है। डॉक्टरों का कहना है कि हाइपो थायराइड और हाइपर थायराइड जैसी स्थितियां गर्भावस्था में कई तरह की जटिलताएं उत्पन्न कर सकती हैं। मेडिकल कॉलेज में आने वाले हर मरीज को समय पर इलाज, दवा और हर तरह की जांच की सुविधा दी जा रही है। कुछ दिनों के अंदर ही थायरॉइड की जांच करने की सुविधा भी शुरू हो जायेगी, इसके लिये मशीन भी आ रही है। मरीजों की बेहतर सुविधा के लिये हर संभव प्रयास किया जा रहा है। डॉ आरके शाही, प्राचार्य, मेडिकल कॉलेज कुशीनगर सीएचसी में थायराइड जांच शुरू कराने के लिए प्रयास किया जा रहा है। इसकी जांच की व्यवस्था जल्द की जायेगी। इसके लिए विभाग को पत्र भेजा गया है। उम्मीद है कि जल्द ही यह जांच जिले के सरकारी अस्पतालों में शुरू हो जाएगी। डॉ. अनुपम प्रकाश भाष्कर, सीएमओ
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