सौरई बुजुर्ग का पांच दिवसीय त्रिशाला मेला सम्पन्न
Kausambi News - सौरई बुजुर्ग गांव में चल रहे पांच दिवसीय त्रिशाला मेले का समापन बुधवार को हुआ। अंतिम दिन श्रद्धालुओं ने गंगा स्नान किया और मां शीतला का दर्शन किया। हर तीन साल में होने वाले इस मेले में भक्त भिक्षा...
सिराथू हिन्दुस्तान संवाद। विकास खंड कड़ा के सौंरई बुजर्ग गांव में चल रहे पांच दिवसीय त्रिशाला मेला बुधवार को समापन हुआ। मेले के अंतिम दिन पांच दिनों से घरों से निकले गंगा स्नान व मां शीतला का दर्शन-पूजन करने के बाद घरों को गए। सौरई बुजुर्ग गांव में हर तीन साल पर लगने वाले इस मेले में गांव के प्रत्येक घर से एक-एक व्यक्ति भिक्षा मांगने के लिए निकलता है। भिक्षा में मिलने वाली सामग्री से ही तैयार प्रसाद मां को अर्पित कर भक्तों को वितरित किया जाता है। पांच दिवसीय इस मेले में श्रद्धालु गांव स्थित काली माता मन्दिर में पूजा पाठ करते हैं और ऊपरी भव बाधा व कष्टों के निवारण के लिए मां से प्रार्थना करते हैं।
पांच दिवसीय त्रिशाला मेले में श्रद्धालु मां काली, मां सभरभखी, मां दक्खिनी, मां हुलकी एवं भैरव बाबा की विधि विधान व परंपरागत तरीके से पूजा अर्चना करते हैं। मेले के तीसरे दिन पूजन अर्चन के बाद शाम को काली माता मंदिर प्रांगड़ में ब्राह्मण भोज का आयोजन किया जाता है। वहीं देर रात दिव्य हवन का आयोजन होता है। इस मेले में मनोकामना की पूर्ति के लिए श्रद्धालु भक्त यहां बलि चढ़ाने की मन्नत मांगते है। मन्नत पूरी होने पर चढ़ाए गए बकरे का कान काटकर उसे स्वतन्त्र छोड़ दिया जाता है। सौरई बुजुर्ग गांव के रहने वाले श्याम मूरत शर्मा, अंशुमान मिश्र एवं कृष्ण कुमार तिवारी ने बताया कि जो भी श्रद्धालु इस त्रिशला मेला में मां काली की श्रद्धाभाव से पूजा आराधना करता है उसके ऊपर मां काली की विशेष कृपा बरसती है और उसके एवं उसके घर परिवार के ऊपर से ऊपरी भव बाधा का प्रकोप हट जाता है। मेले के अंतिम दिन श्रद्धालु पूरे श्रद्धा भाव से कड़ाधाम पहुंचे व मोक्षदायनी मां गंगा में पुण्य क़ी डुबकी लगा कर जयकारा लगाते हुए मां शीतला दरबार पहुंचे। दर्शन पूजन कर मां से घर परिवार की सुख शांति के लिए कामना करते हुए पांच दिन बाद घर के लिए रवाना हुए।
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