कन्नौज में कोर्ट ने एनकाउंटर पर उठाए सवाल, पुलिस की गोली से घायल युवक को छोड़ा
Kannauj News - कन्नौज की अदालत ने पुलिस के एनकाउंटर पर सवाल उठाते हुए घायल युवक बाबुद्दीन को निजी मुचलके पर रिहा कर दिया। पुलिस की कहानी में संदेह जताते हुए कोर्ट ने 10 दिन में प्रामाणिक साक्ष्य पेश करने का आदेश...

कन्नौज, संवाददाता। एनकाउंटर पर सवाल उठाते हुए कोर्ट ने पुलिस की गोली से घायल हुए युवक को निजी मुचलके पर रिहा कर दिया है। गुरसहायगंज पुलिस ने युवक को न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेजने के लिए शुक्रवार को रिमांड अर्जी डाली थी। कोर्ट ने पुलिस की ओर से प्रस्तुत किए गए साक्ष्यों को संदेहास्पद माना है। पुलिस ने बताया था कि युवक को एक गोली लगी है, जबकि मेडिकल में दो गोलियां लगने की पुष्टि हुई है। कोर्ट ने पुलिस को दस दिन में मुठभेड़ के प्रामाणिक साक्ष्य प्रस्तुत करने का आदेश दिया है। गुरसहायगंज कोतवाली पुलिस ने गुरुवार रात को जेल रोड के पास से कानपुर देहात के थाना रूरा के गांव नौरंगाबाद निवासी बाबुद्दीन व साथी रुस्तम निवासी आनंदनगर थाना रावतपुर कानपुर नगर को मुठभेड़ में गिरफ्तार करने का दावा किया था।
पुलिस के मुताबिक दोनों ने 10 जून को टप्पेबाजी कर 81 हजार रुपए पार कर दिए थे। मुठभेड़ में बाबुद्दीन के दाहिने पैर में एक गोली लगी थी। इसके चलते उसे जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था। पुलिस ने दोनों को न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेजने के लिए अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट स्नेहा की आदालत में पेश करते हुए रिमांड अर्जी डाली। अधिवक्ता अमित मिश्रा के मुताबिक अदालत ने पुलिस की बताई गई मुठभेड़ की कहानी का अवलोकन किया तो उसमें झोल नजर आया। इस पर कोर्ट ने मुठभेड़ पर संदेह जाहिर करते हुए बाबुद्दीन को जेल भेजने की रिमांड अर्जी खारिज कर दी। इतना ही नहीं उसे दस हजार के निजी मुचलके पर रिहा कर दिया। वहीं रुस्तम को न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेज दिया गया। कोर्ट ने एसपी विनोद कुमार को पूरे मामले की जांच के आदेश दिए हैं। साथ ही गुरसहायगंज कोतवाली पुलिस को 10 दिन में मुठभेड़ से संबंधित साक्ष्य प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं। सीओ सिटी अभिषेक प्रताप अजेय ने बताया कि विवेचक ने रिमांड अर्जी दाखिल की थी, जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया व जमानत पर आरोपित को छोड़ दिया है। वायरल वीडियो:: हमारी आंखों में पट्टी बंधी थी उधर अस्पताल में भर्ती बाबुद्दीन का मीडिया से बातचीत का एक वीडियो वायरल हो रहा है। गोली किसने मारी, इस सवाल के जवाब में वह कह रहा है, मुझे नहीं पता मुझे गोली किसने मारी। मेरी आंखों में पट्टी बंधी थी। उसने यह भी कहा कि उसने गोली नहीं चलाई। आपका अपना अखबार हिन्दुस्तान वायरल वीडियो की पुष्टि नहीं करता है। उधर पुलिस का दावा है कि बाबुद्दीन ने गोली चलाई थी, जवाबी फायरिंग में उसके गोली लगी थी।
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