लोकतंत्र की हत्या करने वाले संविधान की प्रतियां लेकर घूम रहे: रजनी तिवारी
Kannauj News - कन्नौज, संवाददाता। भारतीय लोकतंत्र और राजनीति के सबसे दुखद और काले अध्याय वाले
कन्नौज, संवाददाता। भारतीय लोकतंत्र और राजनीति के सबसे दुखद और काले अध्याय वाले दिन को भारतीय जनता पार्टी काला दिवस के रूप में मानती है। साथ ही इस आपात काल की घोर निंदा करती है। कांग्रेस ने अपने राजनीतिक भविष्य की चिंता के लिए देश पर आपातकाल थोपा था। आपातकाल लगाकर लोकतंत्र की हत्या करने वाली कांग्रेस आज संविधान की प्रतियां लेकर घूम रही है और देश को गुमराह करने का काम कर रही है।यह बात मंत्री रजनी तिवारी ने शहर के डिग्री कॉलेज में बुधवार को भारतीय लोकतंत्र के काले दिवस के रूप में मनाते हुए कही। कहा कि देश में लोकतंत्र की हत्या और उस पर बार-बार आघात करने का कांग्रेस का लंबा इतिहास रहा है।
आज के ही दिन कांग्रेस के द्वारा लगाया गया आपातकाल इसका सबसे बड़ा उदाहरण है। आपातकाल में पत्रकारों की लेखनी पर रोक लगा दी गई थी। जिन पत्रकारों ने बात नहीं मानी उन्हें जेल में डाल दिया गया , बर्बरता का यह आलम था कि अदालते बंद कर दी गई थी। हिन्दू त्योहारों पर प्रतिबंध लगा दिया गया था । इस भ्रष्टाचारी सरकार ने संविधान को कुचलने का काम किया था। आज भी जहां-जहां कांग्रेस की सरकारें हैं वहां यह संविधान को कुचलने का काम कर रही हैं। आज भी वहां आपातकाल जैसा माहौल है। आपातकाल का विरोध करने वालों की हत्या करने का काम इस दमनकारी सरकार ने किया था। आज मोदी सरकार गरीबों को सबल ,महिलाओं को सम्मान और शोषित वंचितों को विकास की मुख्य धारा से जोड़ने का काम कर रही है । प्रदेश मंत्री अभिजात मिश्रा ने कहा कि कांग्रेस का इतिहास ही काला है । हमारा संविधान विश्व का सबसे बड़ा संविधान है हमारा देश लोकतंत्र की जननी है इस लोकतंत्र की जननी की हत्या करने का काम कांग्रेस की इंदिरा गांधी सरकार ने किया था कांग्रेस ने आपातकाल देश की समस्याओं के लिए नहीं अपने व्यक्तिगत लाभ के लिए देश पर थोप था ।विधायक सुशील शाक्य ने कहा कि लोकतंत्र में अगर किसी ने अधिकारों का हनन करने का काम किया है तो वह कांग्रेस ने आपातकाल लगाकर किया था 21 माह तक आपातकाल देश में लगा रहा। लोकतंत्र की हत्या होती रही आवाज उठाने वालों को जेल भेज दिया गया। वहीं जिला अध्यक्ष वीर सिंह भदौरिया ने कहा कि वर्ष 1975 में आज ही के दिन 25 जून को तत्कालीन कांग्रेसी प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने आपातकाल की घोषणा की थी, संविधान का गला घोंटकर लिए गए इस निर्णय से प्रेस पर सेंसरशिप लगा दी गयी, विपक्षी नेताओं को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया साथ ही जनसंख्या नियंत्रण के लिए जबरन नागरिकों को पकड़कर क्रूरता से सामूहिक नसबंदी करा दी गयी। पूछे गए सवालों पर कहा कि आपातकाल में मीडिया पर प्रतिबंध लगा दिया गया था और मीडिया के लोगों को जेल भेज दिया था। इस मौके पर रामवीर कठेरिया, हरिवक्स सिंह, अशोक सिंह,शरद मिश्रा, श्यामू राजपूत, मिथलेश बाथम,अभिषेक पांडेय , शिवेंद्र कुमार,विपिन द्विवेदी, विवेक पाठक,संजीव तिवारी सहित तमाम कार्यकर्ता उपस्थित रहे। प्रदर्शनी और लोकतंत्र रक्षक सेनानियों का हुआ सम्मान इस मौके पर मीसा के तहत जेलों में कैद रहे जिले भर के लोकतंत्र रक्षक सेनानियों को सम्मानित किया गया। साथ ही आपातकाल के काले अध्याय की प्रदर्शनी भी इस मौके पर लगाई गई । लोकतंत्र की हत्या करने वाली सरकार के खिलाफ आवाज उठाने वाले लोकतंत्र सेनानियों को याद करते हुए उनकी याद में ब्लॉक परिसर में फलदार वृक्षों का रोपण किया गया।
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