पांच माह नहीं होंगे मांगलिक कार्य, देवगुरु बृहस्पतिवार हुए अस्त
Hathras News - फोटो 43 आचार्य सुरेंद्रनाथ चतुर्वेदी। पांच माह नहीं होंगे मांगलिक देवगुरु बृहस्पतिवार हुए अस्तपांच माह नहीं होंगे मांगलिक देवगुरु बृहस्पतिवार हुए अस्त

फोटो 43 आचार्य सुरेंद्रनाथ चतुर्वेदी। पांच माह नहीं होंगे मांगलिक कार्य, देवगुरु बृहस्पतिवार हुए अस्त छह जुलाई को देवश्यनी एकादशी से लगेगा चर्तुमास, दो नवम्बर को एकादशी से शुरु होंगे शुभ कार्य हिन्दुस्तान संवाद हाथरस। इस साल चार नहीं बल्कि पांच महीने मांगलिक कार्यो पर ग्रहण रहेगा। हिंदू मान्यताओं के अनुसार देवशयनी एकादशी से देवोत्थान एकादशी तक मागलिक कार्य वर्जित रहते हैं। इस साल 12 जून को देव गुरु बृहस्पति के अस्त होने के कारण पांच महीने तक शादी विवाह नहीं होंगे। इस बार गुरुवार की रात को एक बजकर दस मिनट गुरु पशिचम दिशा में अस्त हो गए हैं। इसके बाद छह जुलाई को पूर्व दिशा में शाम सात बजकर 18 मिनट पर उदय होंगे।
चार जुलाई को भडरियाा नवमी है। आचार्य सुरेंद्रनाथ चतुर्वेदी ने बताया कि देवश्यनी एकादशी से चर्तुमास लग जाएगा। इस दौरान मंगल कार्य वर्जित रहते हैं। दो नवम्बर को देवा प्रबोधनि एकादशी से फिर से मांगलिक कार्य शुरू होंगे। उन्होंने बताया कि साल में छह अनसूझे साए होते हैं। इनमें सर्वार्थ सिध्दि योग होने के कारण सहालग नहीं देखे जाते हैं। चार जुलाई को भडरिया नवमी व 12 जुलाई को देवश्यनी एकादशी है। उन्होने बताया कि नवम्बर में 18, 22, 23, 24, 25, 26, 27, 29, 30 तारिख को विवाह के मुहुर्त हैं। इसके अलावा दिसंबर में चार, छह, दस 11 तारिख को विवाह के शुभ मुहुर्त हैं।
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