38 हजार बच्चों के आधार, जन्मप्रमाणपत्र का सत्यापन का इन्तजार
Hardoi News - हरदोई में 38 हजार बच्चे जन्म प्रमाणपत्र और आधार कार्ड न बन पाने के कारण विभागीय योजना का लाभ नहीं उठा पा रहे हैं। बच्चों को मुफ्त ड्रेस, जूते और अन्य सुविधाएं नहीं मिल रही हैं। शिक्षा विभाग की सुस्ती...

हरदोई, वरिष्ठ संवाददाता। बेसिक शिक्षा विभाग के परिषदीय स्कूलों में पढ़ने वाले 38 हजार बच्चे जन्म प्रमाणपत्र और आधार कार्ड न बन पाने व सत्यापन न होने के कारण विभागीय योजना से वंचित हैं। मुफ्त ड्रेस, जूता, मोजा, टाई बेल्ट समेत अन्य विभागीय योजना का लाभ इन्हें नहीं मिल पा रहा है। बेसिक शिक्षा विभाग की सुस्ती का खामियाजा बच्चे भुगतने को मजबूर हैं। कई अभिभावक जन्म प्रमाणपत्र बनवाने के लिए भटक रहे हैं तो कई लापरवाही भी बरत रहे हैं। जिले में 3646 परिषदीय स्कूल संचालित हैं। इनमें कक्षा एक से आठ तक की कक्षाएं चलती हैं। इनमें शैक्षिक सत्र 2025-26 में अब तक 325431 बच्चों का दाखिला हो चुका है।
शैक्षिक सत्र केकरीब तीन महीने बीतने वाले हैं। इन बच्चों में से अब तक 240535 बच्चों को ही विभागीय योजना (1200 रुपये प्रति बच्चे के हिसाब से) का लाभ मिल पाया है। 84896 बच्चों को अभी तक विभागीय योजना का लाभ नहीं मिल पाया है। विभागीय आंकड़ों के अनुसार बच्चों व उनके अभिभावकों के जन्म प्रमाणपत्र और आधार के सत्यापन की प्रक्रिया चल रही है। संबंधित स्कूलों के अध्यापकों को सत्यापन की जिम्मेदारी दी गई है। इसकी समीक्षा ब्लाकों के बीईओ के हवाले है। गर्मियों की छुट्टी इसे इस कार्य पर ब्रेक लगा रहा। बार बार जिम्मेदारों के निर्देशों के बावजूद 38103 बच्चों के अभिलेखों का सत्यापन का इन्तजार हो रहा है। ऐसे में कोई पुरानी ड्रेस मे स्कूल जाएगा तो कोई पुराने जूते मोजे पहनेगा। कई बच्चे जूते फट जाने के चलते चप्पल पहनकर जाने को मजबूर होंगे। किस ब्लाक में कितने बच्चों का सत्यापन लंबित पिहानी में 2871, अहिरोरी में 2860, शाहाबाद में 2746, बावन में 2635, सुरसा में 2348, भरावन में 2176, संडीला में 2091, साण्डी में 2058, माधौगंज में 2034, हरियांवा में 2024, बिलग्राम में 1842, टड़ियांवा में 1833, भरखनी में 1758, हरपालपुर में 1658, मल्लावां में 1656, टोंडरपुर में 1655, कोथावां में 1303, कछौना में 1184, बेहंदर में 991, शहर हरदोई में 341, पतसेनी में 39 बच्चों के आधार व जन्म प्रमाणपत्र के सत्यापन का कार्य अभी अधूरा है। -- कोट जिन बच्चों के जन्म प्रमाणपत्र नहीं बने हैं उनके बनवाए जा रहे हैं। शिक्षकों व बीईओ को जिम्मेदारी दी गई है जो बच्चे व अभिभावक अवशेष हैं उनके जन्म प्रमाणपत्र व आधार का सत्यापन कार्य तेजी से पूर्ण करें। - विजय प्रताप सिंह, बीएसए
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