नकली नोट के मामले में पहले भी बदनाम रह चुका हापुड़
Hapur News - उत्तर प्रदेश एटीएस ने जाली भारतीय मुद्रा छापने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया है। गिरोह के मास्टरमाइंड और रेलवे में तैनात प्वाइंट मौन समेत तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। आरोपियों के पास से 3.90...

उत्तर प्रदेश एटीएस की टीम ने जाली भारतीय मुद्रा छापने वाले अंतरराज्यीय गिरोह का पर्दाफाश कर पिलखुवा क्षेत्र से गैंग के मास्टरमाईंड व रेलवे विभाग में तैनात प्वाइंट मौन समेत तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है। आरोपियों के कब्जे से एसटीएफ की टीम ने 3.90 लाख रुपये बरामद किया है। नकली नोटों के मामले में हापुड़ पहले भी कई बार बदनाम रह चुका है। इस मामले में देश के विभिन्न हिस्सों में कई लोग गिरफ्तार हो चुके हैं। अगस्त 2013 में डायरेक्टरेट आॅफ रवेन्यू इंटीलेंज (डीआरआर) की टीम ने बिहार के रक्सौल बार्डर से नगर के मोहल्ला मदरसा सादार निवासी जमील उर्फ वसीम उर्फ भूरा को 29.61 लाख के नकली नोटों के साथ गिरफ्तार किया था।
वह पाकिस्तान से वाया नेपाल होकर देश में नकली नोट खपाने के लिए जा रहा था। उस समय डीआईआई को सूचना मिली थी कि आरोपी इंडियन मुजाहिदीन और पाकिस्तान में बैठे आईएसआई के जाली नोटों के अंतराष्ट्रीय लिकं से जुड़े इकबाल उर्फ काना उर्फ हाफिज के संपर्क में था। यह कोई पहला मामला नहीं था। इसके अलावा भी बिहार के रक्सौल में 25 जून 2007 को दिल्ली पुलिस ने निजामुद्दीन रेलवे स्टेशन से हापुड़ निवासी नसीम उर्फ भूरा को उसके साथी नईम के साथ 1000 और 500 रुपये के 33 लाख रुपये के नकली नोटों के साथ गिरफ्तार किया था। बताया गया था कि नकली नोट पाकिस्तान, नेपाल के रास्ते भारत लाए गए थे। भूरा उस समय हत्या के मामले में जमानत पर छूटा हुआ था। जनवरी 2013 में उसकी जमानत हुई थी। इसके अलावा 27 जनवरी 2005 को हाफिजपुर पुलिस ने 1.23 लाख रुपये के नकली नोटों के साथ सेना के एक अधिकारी की पत्नी समेत पांच लोगों को गिरफ्तार किया था। 15 अगस्त 2006 को बाबूगढ़ पुलिस ने बछलौता रोड से तीन लोगों को गिरफ्तार कर 28 हजार रुपये के नकली नोट,25 नवंबर 2007 को गांधी विहार निवासी बानो और उसके पति समीर को 30 हजार रुपये के नकली नोट के साथ साथ गिरफ्तार किया था। 11 दिसंबर 2007 को एसटीएफ की टीम ने मेरठ तिराहा से दो लोगों को गिरफ्तार कर 60 हजार रुपये के नकली नोट बरामद किए थे। बैंकों में भी मिले भी नकली नोट 14 दिसंबर 2007 को हापुड़ स्टेट बैंक से जुलाई माह में कानपुर चेस्ट से गई सौ सौ की गड्डियों में 477 के सौ सौ के नकली नोट मिले थे। 23 अक्टूबर 2008 को एसबीआई के तत्कालीन शाखा प्रबंधक ने मुकदमा दर्ज कराते हुए बताया था कि आरबीई की टीम को जांच के दौरान एक हजार के तीन और 500 रुपये का एक और 100 रुपये का नकली नोट मिला था। 4 सितंबर 2009 को भी कानपुर एसबीआई चेस्ट के प्रबंधक वीपी सिंह और एसबीआई की दावा शाखा कानपुर के प्रबंधक अनिल बजारी ने नकली नोटों के मामले में मुकदमा दर्ज कराया था।
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