नए सर्किल रेट पर फिर लगेगा ग्रहण, अधिग्रहण ने उलझाया
Hapur News - डाल रही रोड़ा - हापुड़ पिलखुवा विकास प्राधिकरण हरिपुर आवासीय योजना के लिए किसानों की कर रहा 23 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण - सर्किल रेट बढ़ने से किसान मां

हापुड़, जिले में आठ साल बाद भी नए सर्किल रेट पर ग्रहण लग सकता है। गंगा एक्सप्रेस-वे के बाद अब बाबूगढ़ के चक्रसेनपुर में हापुड़-पिलखुवा विकास प्राधिकरण की हरिपुर आवासीय योजना के लिए किसानों की 23 हेक्टेयर भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया से नए सर्किल रेट रोड़ा बनती जा रही है, ऐसे में डीएम के साथ लगातार बैठकों का दौर चलने के बाद भी सर्किल रेट बढ़ाने पर अभी कोई फैसला नहीं लिया गया है। सूत्रों का कहना है कि जिलेवासिलयों का शायद इस साल भी सर्किल रेट बढ़ने का सपना अधूरा रह सकता हैं। जिले में करीब आठ साल से सर्किल रेट की दरों में किसी तरह की कोई बढ़ोत्तरी नहीं हुई है।
जबकि जनपद में सर्किल रेट से कई गुना पर जमीन की खरीद फरोख्त हो रही है। लेकिन साल 2025 में जनपद में सर्किल रेट बढ़ाने की प्रक्रिया शुरू की गई। डीएम ने बीती 24 मई को जनपद की तीनों तहसीलों में सर्किल रेट की प्रस्तावित सूची जारी की थी। इसमें धौलाना तहसील में 15 से 30 फीसदी, हापुड़ तहसील में 10 से 20 फीसदी और गढ़मुक्तेश्वर में 5 से 10 फीसदी ही सर्किल रेट बढ़ाना प्रस्तावित किया था। चार जून तक प्रशासन ने प्रस्तावित सर्किल रेट की दरों पर आपत्ति मांगी थी। इस दौरान कुल आठ आपत्ति प्राप्त हुई। इनपर उप निबंधन विभाग के अफसरों का डीएम के साथ मंथन शुरू हुआ, लेकिन कई दौर की वार्ता के बाद भी सर्किल रेट बढ़ाने पर कोई निर्णय नहीं हुआ। सूत्रों की मानें तो हापुड़-पिलखुवा विकास प्राधिकरण द्वारा बाबूगढ़ में एक हरिपुर आवासीय योजना बनाई जा रही है, इसके लिए किसानों से करीब 23 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण किया जा रहा है। ऐसे में अगर सर्किल रेट बढ़ाया जाता है तो किसान आपत्ति लगाकर नए सर्किल रेट के हिसाब से चार गुना मुआवजा मांग सकते है। ऐसे में जिला प्रशासन नए सर्किल रेट बढ़ाने में रूचि नहीं दिखा रहा हैं। ------------------------------------------- गंगा एक्सप्रेस-वे के आसपास वाले गांवों को भी सर्किल रेट से रखा गया दूर: डीएम ने नए सर्किल रेट की प्रस्तावित सूची जारी की थी, इसमें मेरठ से प्रयागराज जाने वाले गंगा एक्सप्रेस-वे के आसपास वाले करीब 70 गांवों में सर्किल रेट नहीं बढ़ाने का प्रस्ताव था। इससे जनपद के करीब एक लाख 20 हजार किसान प्रभावित हो रहे थे। ऐसे में सबसे ज्यादा आपत्ति गढ़मुक्तेश्वर तहसील से ही आई थी। आपत्ति लगाने वालों ने जिला प्रशासन से छह बिंदुओं पर सवाल पूछे थे। ---------------------------------------------- सर्किल रेट से चार गुना महंगी बिक रही जमीन: जिले में बेशक आठ साल से सर्किल रेट नहीं बढ़ाए गए हो, इसके बावजूद जनपद में चार से पांच गुना महंगी जमीन बिक रही है। इसकी जिला प्रशासन के अधिकारियों को भी जानकारी है। इतना ही नहीं, शहर में कई स्थानों पर तो दस गुना तक महंगी जमीनों की खरीद-फरोख्त हो रही हैं। ऐसे में प्रशासन ने दावा किया था कि राजस्व बढ़ाने के लिए सर्किल रेट बढ़ाने का प्रस्ताव मांगा था।
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