वृंदावन सो बन नहीं नंदगांव सो गांव, बंसीबट सो वट नहीं कृष्ण नाम सो नाम
Hapur News - धरम करमके सामने बैकुंठ धाम की छवि को कुछ भी मानने से इंकार कर दिया। गढ़ गंगानगरी की बागवाली कालोनी और पौराणिक

गढ़मुक्तेश्वर, संवाददाता। भगवान श्रीकृष्ण ने अपने बैकुंठ धाम का दर्शन कराया तो ब्रजवासियों ने अपने वृंदावन के सामने बैकुंठ धाम की छवि को कुछ भी मानने से इंकार कर दिया। गढ़ गंगानगरी की बागवाली कालोनी और पौराणिक मुक्तेश्वर महादेव नक्का कुआं मंदिर में चल रहे श्रीमद् भागवत ज्ञान सप्ताह कथा यज्ञ के छठे दिन भगवान श्रीकृष्ण की लीलाओं का गुणगान सुनकर महिला बच्चों समेत सैकड़ों भक्तों की भीड़ भाव विहोर हो उठी। वृंदावन धाम से आए व्यास रुद्र कृष्ण ठाकुर और यश कृष्ण आचार्य ने प्रवचन करते हुए कहा कि ब्रजवासियों को भगवान श्रीकृष्ण ने अपने बैकुंठ धाम का दर्शन कराया।
परंतु ब्रजवासियों ने कहा कि हे कन्हैया हमारे वृंदावन के आगे तुम्हारा बैकुंठ धाम कुछ भी नहीं है। जिसका उल्लेख वृंदावन सो बन नहीं, नंदगांव सो गांव। बंसीबट सो वट नहीं, कृष्ण नाम सो नाम दोहे के माध्यम से भी किया गया। इसके उपरांत भगवान श्रीकृष्ण की गोपियों के साथ में खेली गई रासलीला का वर्णन किया गया। व्यास ने कहा कि गोपियां कोई साधारण स्त्रियां नहीं थीं। भगवान श्रीकृष्ण के साथ रासलीला करने को बड़े बड़े ऋषि मुनि और देवता भी अपनी सहभागिता करने को ब्रज में गोपियों के रूप में अवतरित होकर आए थे। जिनके साथ में भगवान श्री कृष्ण ने रासलीला की। व्यास ने 19 श्लोकों में गोपी गीत सुनाया तो भक्तों की भीड़ भावुक हो उठी। कोंस्मर्दन लीला के पश्चात रुक्मणी मंगल की कथा का वर्णन हुआ। भगवान श्रीकृष्ण और रुक्मणी का विवाह समारोह बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। इस दौरान भक्तों ने व्यास जी को भगवान श्रीकृष्ण की प्रतिमा भी भेंट कीं। मदन पाल चौधरी, डोली शर्मा, रुपेश पंडित, वर्षा शर्मा, पूजा गोस्वामी, पार्थ कौशिक, जितेंद्र चौधरी, नरेश त्यागी, विपिन त्यागी, विरेंद्र चौधरी, अलका चौहान, निर्मल त्यागी समेत सैकड़ों भक्त मौजूद रहे।
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