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थायराइड का असंतुलन भी पैदा करता दिमागी भ्रम

Gorakhpur News - विश्व सिजोफ्रेनिया दिवस सिजोफ्रेनिया के कुछ मरीजों में असंतुलित मिला थायराइड मानसिक रोग

Newswrap हिन्दुस्तान, गोरखपुरSat, 24 May 2025 05:50 AM
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थायराइड का असंतुलन भी पैदा करता दिमागी भ्रम

गोरखपुर, वरिष्ठ संवाददाता। थायराइड का असंतुलन दिमागी बीमारी का भी कारण बन सकता है। थायराइड के लंबे समय तक असंतुलन से दिमागी भ्रम होता है। अवसाद, मेनिया, साइकोसिस के साथ ही सिजोफ्रेनिया जैसे लक्षण भी हो जाते हैं। यह सामने आया है बीआरडी मेडिकल कॉलेज में मानसिक रोगियों के इलाज में। मानसिक रोग विभाग में पहुंचे सिजोफ्रेनिया के कुछ मरीजों में थायराइड असंतुलित मिला है। मानसिक रोग विभाग के पूर्व असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. प्रभात अग्रवाल ने बताया कि 48 वर्षीय महिला को करीब एक साल से मानसिक बीमारी थी। परिजन उसका सालभर तक झाड़-फूंक करवाते रहे। इससे मर्ज बढ़ गया। इलाज के लिए घर वाले उसे लेकर मेडिकल कॉलेज पहुंचे।

उसमें सिजोफ्रेनिया जैसे सभी लक्षण थे। वह दूसरों पर शक करती। कानों में आवाज सुनाई देती। मानसिक तौर पर वह असंतुलित और अस्वस्थ थी। जब उसकी थायराइड जांच कराएगी तो टीएसएच 200 से अधिक मिला। यह हाइपोथाइरॉएड है। मरीज को एंटी साइकाइट्रिक के साथ थायराइड की भी दवाएं दी गईं। करीब छह महीने के इलाज के बाद मानसिक रोग की दवाएं बंद कर दी गईं। अब वह सिर्फ थायराइड की दवा खा रही है। वह पूरी तरह स्वस्थ है। एक फीसदी लोग हैं सिजोफ्रेनिया के शिकार मानसिक रोग विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. तपस आइच ने बताया कि समाज में एक फीसदी लोग सिजोफ्रेनिया के शिकार हैं। ओपीडी में तो करीब सात फीसदी मरीज सिजोफ्रेनिया के ही आते हैं। इन मरीजों की जांच में अक्सर थायराइड का असंतुलन मिलता है। थायराइड असंतुलन वाले मामले महिला मरीजों में अपेक्षाकृत अधिक मिलते हैं। थायराइड के असंतुलन से डिप्रेशन, साइकोसिस, मेनिया, ब्रेन फॉग और डिल्यूजन जैसी दिमागी बीमारी हो जाती है। पीड़ित हमेशा भ्रम की स्थिति में रहता है। वह दूसरों पर शक व संदेह करता रहता है। उसकी निर्णय लेने की क्षमता प्रभावित हो जाती है। खास बात यह है कि हाइपोथाइरॉएड या हाइपरथाइरॉएड दोनों स्थिति में मरीज को मानसिक भ्रम होता है। वह दिमागी तौर पर बीमार हो जाता है। कानों में सुनाई देती है आवाज मेडिकल कॉलेज के मानसिक रोग विभाग में एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. आमिल हयात खान ने बताया कि सिजोफ्रेनिया के मरीज को लगता है कि उसके खिलाफ साजिश हो रही है। शक में मरीज हत्या तक कर देते हैं। इन मरीजों में आत्महत्या की प्रवृत्ति भी मिलती है। उन्होंने बताया कि सिजोफ्रेनिया एक गंभीर मानसिक रोग है। जिसमें व्यक्ति की सोचने, महसूस करने और व्यवहार करने की क्षमता प्रभावित होती है। इसे मनोविकृति विकार कहते हैं।

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