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देवरिया-कुशीनगर के लिए भी :: एमए की मौखिक परीक्षा में बाह्य परीक्षक की भूमिका खत्म

Gorakhpur News - - डीडीयू के परीक्षा समिति की बैठक में लिया गया महत्वपूर्ण निर्णय - मौखिक परीक्षाएं

Newswrap हिन्दुस्तान, गोरखपुरFri, 9 May 2025 05:34 AM
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देवरिया-कुशीनगर के लिए भी :: एमए की मौखिक परीक्षा में बाह्य परीक्षक की भूमिका खत्म

गोरखपुर, निज संवाददाता। दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय (डीडीयू) से सम्बद्ध महाविद्यालयों और छात्रों के लिए बड़ी खबर है। परास्नातक में कला संकाय के विषयों (प्रायोगिक को छोड़कर) की शोध परियोजना- मौखिक परीक्षा से बाह्य परीक्षकों की भूमिका खत्म कर दी गई है। गुरुवार को एकल एजेंडे पर हुई परीक्षा समिति की बैठक में इसे मंजूरी दे दी गई। वर्तमान सत्र से ही इसे लागू करने की तैयारी है। बताते हैं कि डीडीयू के अधिष्ठाता कला संकाय प्रो. राजवंत राव ने परास्नातक में कला संकाय के अप्रायोगिक विषयों की शोध परियोजना-मौखिक परीक्षाओं से बाह्य परीक्षक की भूमिका खत्म किए जाने का प्रस्ताव डीडीयू प्रशासन को दिया था।

विश्वविद्यालय प्रशासन ने इस पर मंथन के बाद परीक्षा समिति में ले जाने का निर्णय लिया था। गुरुवार को परीक्षा समिति की बैठक हुई। करीब 45 मिनट तक चले मंथन के बाद मंजूरी दे दी गई। परीक्षा समिति द्वारा लिए गए निर्णय के मुताबिक अप्रायोगिक विषयों में परास्नातक अंतिम वर्ष में होने वाली शोध परियोजना- मौखिक परीक्षा के लिए अब बाह्य परीक्षक नहीं जाएंगे। राजकीय, एडेड और स्ववित्त पोषित कॉलेज खुद जांचकर अंक अपलोड करेंगे। उल्लेखनीय है कि स्नातक कला में पहले ही मौखिक परीक्षाएं खत्म कर दी गई हैं। ... अक्सर उठते रहते थे सवाल बाह्य परीक्षकों को अब डीडीयू द्वारा टीए-डीए नहीं मिल पा रहा है। डीडीयू से कई कॉलेजों की दूरी 100 किमी से भी अधिक है। बाह्य परीक्षक के रूप में किसी दूरवर्ती कॉलेज में जाने के लिए संसाधन पर बहुत पैसा खर्च करना पड़ता है। भुगतान नहीं होने के कारण शिक्षकों में असंतोष है। कई शिक्षकों द्वारा सम्बंधित कॉलेजों से ही वाहन मंगाए जाने की भी चर्चा रहती है। इसके अलावा ‘डिमांड की उड़ती खबरें भी आती रहती हैं। ... जांच के घेरे में रहेगा अधिक अंक शोध परियोजना और मौखिक परीक्षा 100 अंकों का होता है। विश्वविद्यालय या किसी कॉलेज में पंजीकृत में से 50 प्रतिशत से अधिक विद्यार्थियों को यदि आंतरिक मूल्यांकन में 75 प्रतिशत से अधिक अंक दिया जाता है, तो वह जांच के घेरे में आ जाएगा। ऐसी परिस्थिति में डीडीयू प्रशासन वहां दोबारा मूल्यांकन का निर्णय ले सकता है। किसी विद्यार्थी को 80 प्रतिशत से अधिक अंक दिया जाता है, तब विश्वविद्यालय प्रशासन आख्या मांग सकता है। परीक्षा समिति में लिए गए निर्णय को वर्तमान सत्र से ही लागू किए जाने की तैयारी शुरू कर दी गई है। जल्द ही इसका नोटिफिकेशन जारी कर दिया जाएगा। प्रो. पूनम टंडन, कुलपति, डीडीयू

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