बिना ऑपरेशन जानलेवा दर्द से मुक्ति दिलाएंगे एम्स के डॉक्टर
Gorakhpur News - गोरखपुर में एम्स बिना सर्जरी के मरीजों को दर्द से राहत देने के लिए अल्ट्रासाउंड तकनीक का उपयोग करेगा। रेडियोफ्रीक्वेंसी एब्लेशन (आरएफए) तकनीक के माध्यम से गंभीर दर्द जैसे स्पाइन दर्द, साइटिका और...

गोरखपुर, कार्यालय संवाददाता। एम्स बिना ऑपरेशन मरीजों को जानलेवा दर्द से मुक्ति दिलाएगा। स्पाइन दर्द, साइटिका, प्रेग्नेंसी जैसे गंभीर दर्द वाले मरीजों की सर्जरी नहीं होगी, बल्कि अल्ट्रासाउंड तकनीक से रेडियो तरंगे भेजकर जानलेवा दर्द से निजात दिलाएंगे। इसे लेकर एम्स एमबीबीएस छात्रों को जानकारी दे रहा है। एम्स में इसके लिए कैडेवरिक वर्कशॉप का आयोजन भी हुआ हैं, जिसमें छात्रों को बताया गया है कि किस तरह से सुई के जरिए रेडियो तरंगे भेजकर दर्द से निजात दिलाई जा सकती है। एम्स के डॉक्टरों के मुताबिक, रेडियोफ्रीक्वेंसी एब्लेशन (आरएफए) तकनीक गंभीर दर्द के लिए बेहद कारगर है। इस तकनीक से शरीर के अलग-अलग हिस्सों पर इलाज किया जा सकता है।
यह तकनीक पीठ दर्द, घुटनों के ऑस्टियो आर्थराइटिस और कैंसर दर्द के लिए सबसे ज्यादा फायदेमंद है। एम्स के एनेस्थीसिया के डॉ. संतोष शर्मा ने बताया कि अल्ट्रासाउंड तकनीक के माध्यम से नसों की सटीक पहचान कर दर्द निवारक दवा को सीधे प्रभावित नस में डाला जाता है, जिससे हाथ, पैर, रीढ़, घुटने से जुड़े दर्द का प्रभावी इलाज किया जा सकता है। इस तकनीक में तत्काल मरीजों को आराम भी मिल रहा है। साथ ही सर्जरी के रुपये भी बच रहे हैं। अच्छी बात यह है कि इसके लिए मरीजों को ज्यादा रुपये भी नहीं खर्च करने होंगे। एम्स की एनेस्थीसिया विभाग की टीम इस तकनीक पर काम करना शुरू कर दी है। क्या है रेडियोफ्रीक्वेंसी एब्लेशन तकनीक रेडियोफ्रीक्वेंसी एब्लेशन एक आधुनिक तकनीक है, जो न्यूनतम सर्जरी के जरिए मरीजों के दर्द को कम करता है। इस तकनीक में डॉक्टर एक पतली सुई को दर्द के स्रोत के पास तंत्रिका तक पहुंचाते हैं। सुई के माध्यम से रेडियो तरंगें भेजी जाती हैं, जो तंत्रिका ऊतकों को गर्म करती हैं। यह गर्मी तंत्रिका ऊतकों को नुकसान पहुंचाती है। इससे दर्द के संकेत मस्तिष्क तक नहीं पहुंच पाते हैं। इस तकनीक से खासतौर पर नसों से जुड़े दर्द, कैंसर दर्द, गठिया, जोड़ों के दर्द में काफी आराम मिलता है।
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