सदाचार अपना कर ही मोक्ष की कामना की जा सकती है
Ghazipur News - गाजीपुर के गहमर गांव के उत्तरी स्कूल में सात दिवसीय संगीतमय श्रीमद्भागवत कथा का आयोजन किया गया। पहले दिन कथा वाचक त्रिलोकीनाथ उपाध्याय ने भक्ति और ज्ञान का महत्व बताया। उन्होंने कहा कि सदाचार को...

गाजीपुर (बारा)। क्षेत्र के गहमर गांव के उत्तरी स्कूल में चल रहे सात दिवसीय संगीतमय श्रीमद्भागवत कथा के पहले दिन कथा वाचक सेनानी धर्मगुरु त्रिलोकीनाथ उपाध्याय ने श्रीमद्भागवत कथा के श्रवण एवं भक्ति पर प्रकाश डाला। पहले दिन श्रोताओं से भरे पंडाल में त्रिलोकीनाथ उपाध्याय ने कहा कि श्रीमद्भागवत महापुराण महाग्रंथ भक्ति ज्ञान एवं वैराग्य का समन्वित सागर है ज्ञान कर्म एवं भक्ति का मूल आधार सदाचार है। सदाचार को मानव जीवन मे अपनाकर ही मोक्ष की कामना की जा सकती है। सतयुग में सत्यतप, त्रेतायुग में तपबल और द्वापर में यज्ञतप द्वारा जो फल की प्राप्ति होती है कलयुग में केवल सदाचार को जीवन का आधार मानकर श्रीमननारायन का संकीर्तन करके श्रीमद्भागवत सप्ताह ज्ञानयज्ञ को पाकर मानव मुक्त हो जाते है।
कथा की समाप्ति पर आरती के पश्चात लोगो मे प्रशाद वितरण किया गया। उक्त अवसर पर उपेंद्र पांडेय, रजनीश उपाध्याय, विष्णु सिंह गहमरी, लक्ष्मीकांत उपाध्याय, आनंद गहमरी, राजेश उपाध्याय, लारा बाबा आदि लोग मौजूद रहे।
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