पियरी पेयजल समूह बना शो पीस, ग्रामीण परेशान
Gangapar News - मांडा। ग्रामीण पेयजल योजना के तहत मांडा के पियरी गांव में बना पेयजल समूह

ग्रामीण पेयजल योजना के तहत मांडा के पियरी गांव में बना पेयजल समूह 11 वर्षों से शोपीस बना हुआ है। पेयजल समूह के ज्यादातर उपकरण व विशालकाय टंकी निरंतर ध्वस्त होती जा रही है। पूरे पेयजल समूह परिसर में झाड़ झंखाड़ और कूड़े का अंबार है। मांडा विकास खंड के दक्षिणी पहाड़ी क्षेत्र में स्थित पियरी गाँव में वर्ष 2014 में साढ़े सात करोड़ के लागत से निर्मित पेयजल समूह निर्माण के बाद से ही बंद हो जाने से ग्रामीणों में काफी निराशा व्याप्त है। इस समूह परिसर में स्थित ट्रांसफार्मर, मशीन, बोरिंग व आवासीय तथा मशीन के कमरों की हालत देखरेख के अभाव में बेहद खराब है।
परिसर में झाड़ झंखाड़ फैले हुए हैं। कमरों और बाउंड्री में अराजक तत्वों, मवेशियों और आवारा कुत्तों का डेरा रज्ञने से गंदगी भरी रहती है। जब यह पेयजल समूह और इसकी विशालकाय टंकी बनकर तैयार हुई, तो पियरी व इसके आसपास के एक दर्जन गांवों के ग्रामीणों में काफी प्रसन्नता व्याप्त थी कि अब उनके पेयजल की समस्या का निस्तारण हो जाएगा, लेकिन समूह शुरु ही न होने से लोगों में भारी निराशा हुई। विभागीय अधिकारियों और कर्मचारियों का कहना है कि पाइपलाइन न बिछ पाने और मशीन में व्याप्त तकनीकी गड़बड़ी के चलते इस पेयजल समूह को शुरु नहीं किया जा सका। ग्रामीणों का कहना है कि जिले के उच्चाधिकारियों को इस पेयजल समूह को शुरु कराने की दिशा में आवश्यक पहल करनी चाहिए, क्योंकि इस पेयजल समूह से दर्जनों गांवों के हजारों ग्रामीणों की प्यास बुझ सकती है। साथ ही इस तथ्य की भी जांच आवश्यक है कि किन परिस्थितियों में इस समूह का ताला नहीं खुल पा रहा है।
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