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बारिश के बाद तेज धूप से बढ़ी उमस, पेयजल के लिए हाहाकार

Gangapar News - मांडा। बरसात के बाद तेज धूप से उमस बढ़ने के साथ ही मांडा क्षेत्र के

Newswrap हिन्दुस्तान, गंगापारSun, 22 June 2025 04:32 PM
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बारिश के बाद तेज धूप से बढ़ी उमस, पेयजल के लिए हाहाकार

बरसात के बाद तेज धूप से उमस बढ़ने के साथ ही मांडा क्षेत्र के पहाड़ी गांवों में पेयजल संकट गहराने लगा है। बूंद बूंद पानी के लिए ग्रामीणों को लंबी दूरी तय करनी पड़ रही है। पेयजल उपलब्ध कराने के सरकारी दावे मांडा क्षेत्र के पहाड़ी गांवों में सच साबित नहीं हो रहे हैं। जनपद के दक्षिणी पहाड़ी भूभाग में बसे मांडा विकास खंड के ज्यादातर गांव पहाड़ पर स्थित हैं। इन गांवों में हर साल गर्मी में पेयजल की समस्या गहरा जाती है। चार बजे भोर से देर शाम तक पेयजल हेतु दर दर ठोकरें खाते रहते हैं। क्षेत्र के सुरवांदलापुर पहाड़ पर बसे अंगद, मेरू, सरस्वती, मालती, संगीता, रानी, रामरती, ननकी, कौशल्या, पुष्पा, नीता, राजकुमारी, शांति देवी, सुहागी देवी आदि का कहना है कि सुरवांदलापुर गांव में जल निगम द्वारा लगायी गई पेयजल टंकी पिछले एक साल से खराब होने के कारण पेयजल की आपूर्ति ठप है।

पहाड़ी क्षेत्र होने के कारण जलस्तर गर्मी शुरु होते ही काफी नीचे चला जाता है, जिससे पहाड़ के हैंडपंप व कुएं भी पानी विहीन हो जाते हैं। ग्रामीणों ने पेयजल टंकी अविलंब ठीक कराने के लिए विभागीय अधिकारियों और जन प्रतिनिधियों से कई बार शिकायत की, लेकिन अभी तक टंकी ठीक नहीं हो पायी। सुरवांदलापुर के अलावा मांडा दक्षिणी पहाड़ी क्षेत्र के धनावल, बेरी, परसीधी, परोहनी, शिवराजपुर, नेवारी, कूदर, मेहा, कोसड़ा खुर्द आदि तमाम गांवों में भी पेयजल संकट बरकरार है। जिस क्षेत्र में आम इंसान ही पेयजल हेतु परेशान हो, उस क्षेत्र में पालतू पशुओं और मवेशियों की क्या दशा होती होगी, इसका सहज ही अनुमान लगाया जा सकता है। नहरों के जाल के बावजूद मांडा क्षेत्र के किसी भी नहर या तालाब में पानी न होने से पशुओं व मवेशियों के लिए भी चारे पानी का संकट गहराने लगा है। हर साल गर्मी में चारे पानी के अभाव में मांडा क्षेत्र के विभिन्न गांवों के तमाम पालतू पशुओं और मवेशियों का असमय मौत है जाता है। तमाम ग्रामीणों ने पेयजल संकट को दूर करने के लिए ब्लॉक से लेकर जिले तक के अधिकारियों से अपील की है। मामले को कई बार प्रकाशित भी किया गया, लेकिन बंद पड़े मांडा खास पेयजल समूह योजना, सिकरा पेयजल समूह योजना, दिघिया, महेवा, राजापुर, लक्षन चौकठा, सुरवांदलापुर आदि बड़ी पेयजल योजनाओं पर करोड़ों खर्च होने के बावजूद अभी तक शुरुआत नहीं किया जा सका, जिससे हर साल गर्मी में मांडा क्षेत्र के विभिन्न गांवों में पेयजल संकट गहरा जाता है

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