बोले प्रयागराज : बेटियों को कैसे पढ़ाएं जब उनके लिए खुला एक मात्र विद्यालय भी बंद हो गया
Gangapar News - मऊआइमा नगर पंचायत में कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय पिछले पांच वर्षों से बंद है। स्थानीय नागरिकों ने इसे दोबारा खोलने की मांग की है, क्योंकि अंसार गर्ल्स इंटर कॉलेज सभी छात्राओं को शिक्षा देने में...

मऊआइमा नगर पंचायत की 30 हजार की आबादी में जब बात लड़कियों की शिक्षा की होती है, तो आज सिर्फ एक नाम सामने आता है अंसार गर्ल्स इंटर कॉलेज। लेकिन लोग भूलने लगे हैं कि कभी इसी इलाके में एक और संस्थान था, जो लड़कियों की शिक्षा, व्यक्तित्व विकास और सामाजिक बदलाव का केंद्र था। जिला पंचायत कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय। इस विद्यालय की पहचान एक मॉडल स्कूल के रूप में थी। स्वतंत्रता के बाद से यह विद्यालय न सिर्फ लड़कियों की शिक्षा का केंद्र रहा, बल्कि यहां अनेक प्रशिक्षण कार्यक्रम भी चलते थे। लेकिन आज यह संस्था बस एक वीरान इमारत में सिमट कर रह गई है।
समस्या की शुरुआत तब हुई जब विद्यालय में तैनात शिक्षक एक-एक करके रिटायर होने लगे। जिला पंचायत की ओर से न तो किसी की पुनर्नियुक्ति हुई, न ही स्थायी शिक्षक भेजे गए। अंततः पांच वर्ष पहले अंतिम शिक्षक के रिटायर होते ही विद्यालय बंद हो गया। आज वहां एकमात्र चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी की भी नियुक्ति बची है। जिसे शिक्षा विभाग द्वारा कहीं और संबद्ध कर दिया गया है। इस विद्यालय की करोड़ों की कीमत वाली बिल्डिंग और ज़मीन अब सुनसान पड़ी है। स्थानीय लोगों को आशंका है कि कहीं इस जमीन का उपयोग किसी अन्य योजना या व्यावसायिक हित में न कर लिया जाए। विद्यालय परिसर में पीएम श्री प्राथमिक विद्यालय भी संचालित है, जिसमें 125 से कम बच्चे और पांच शिक्षक हैं। संसाधनों का यह असमान वितरण खुद एक सवाल बन गया है। जहां एक विद्यालय में वर्तमान में पांच शिक्षक हैं, जबकि इसके पहले आठ शिक्षक थे। वहीं कन्या विद्यालय शिक्षकविहीन होकर बंद हो गया है। मॉडल स्कूल के ही इस कैंपस में पीएम श्री विद्यालय संचालित है यहां पर पर्याप्त शिक्षकों को नियुक्ति भी है। किंतु यहीं मौजूद छात्रों का मॉडल स्कूल बंद हो गया। जिला पंचायत और शिक्षा विभाग द्वारा सामंजस्य बिठाया जाता तो विद्यालय के बंद करने की नौबत ना आती। यहां लगे दो हैंडपंप अभी भी कार्य कर रहे हैं। खाली पड़ा मैदान कस्बे के बच्चों के लिए खेलने का स्थान बन चुका है। विशालकाय पेड़ की साए तो हैं लेकिन यहां पढ़ने के लिए बच्चियां नहीं हैं। कमरे और मैदान में दिनभर सन्नाटा रहता है। जबकि पांच साल पहले तक यहां छात्राएं पढ़ती और खेलती दिखती थीं। जिला पंचायत सदस्यों से विद्यालय के संचालन की उठाई मांग विद्यालय का संचालन जिला पंचायत की जिम्मेदारी है। ऐसे में नगरवासी डॉ. महताब आलम, निमिष खत्री, नवील अख्तर, अतीक अहमद अंसारी, शेखू राशिद, मनीष कुमार आदि ने मऊआइमा के जिला पंचायत सदस्य अंकेश पटेल तथा कमरुल हसन से विद्यालय में स्थायी शिक्षकों की तैनाती कराने की मांग की। मांग पत्र में कहा गया कि इसके लिए स्थानीय योग्य शिक्षकों की संविदा पर अस्थायी नियुक्ति की पहल भी हो सकती है। पीएम श्री स्कूल योजना की मानकों पर खरा उतरता है, तो राज्य सरकार और केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेजा जा सकता है। जब तक शिक्षक नहीं मिलते, तब तक परिसर में कोचिंग सेंटर, कौशल विकास प्रशिक्षण या महिला सशक्तिकरण कार्यक्रम चलाए जा सकते हैं। इससे भवन जीवित बना रहेगा और कोई अन्य व्यावसायिक प्रयोग नहीं हो सकेगा। चूंकि परिसर में पहले से ही एक पीएम श्री प्राथमिक विद्यालय चल रहा है, उसकी तर्ज पर ही माध्यमिक विद्यालय को भी समायोजित किया जा सकता है। दोनों संस्थानों का एकीकरण भी एक विकल्प हो सकता है। जिला पंचायत सदस्यों ने इन प्रस्तावों को सदन में उठाने और अध्यक्ष के समझ रखने का भरोसा दिलाया है। कन्या विद्यालय के लिए सोशल मीडिया पर भी छेड़ी मुहिम नगर पंचायत मऊआइमा में स्थित जिला पंचायत द्वारा संचालित कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय पिछले पाँच वर्षों से बंद पड़ा है। इस विद्यालय के पुनः संचालन की मांग लगातार होती रही है। स्थानीय नागरिकों, जनप्रतिनिधियों और नगर पंचायत अध्यक्ष ने शिक्षा विभाग से इसे दोबारा शुरू कराने की मांग की है। विद्यालय के बंद होने से नगर की छात्राओं को शिक्षा में भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। कस्बे का एकमात्र अंसार गर्ल्स इंटर कॉलेज छात्राओं की बढ़ती संख्या को समुचित रूप से शिक्षा देने में सक्षम नहीं है। यही कारण है कि अब कस्बेवासियों ने इस मुद्दे को लेकर सोशल मीडिया पर भी अभियान छेड़ दिया है। मऊआइमा कस्बा निवासी जनकवि मुजाहिद लालटेन ने भी सोशल मीडिया पर मांग उठाई कि अंसार गर्ल्स इंटर कॉलेज कस्बे की समस्त छात्राओं की शिक्षा बोझ नहीं उठा पा रहा, मऊआइमा की बेटियों को फिर से उनका बंद हुआ स्कूल चाहिए। उन्होंने अपील की कि कन्या विद्यालय को तत्काल पुनः चालू किया जाए। इसके लिए उन्होंने नगर वासियों से मुस्लिम चलाने की भी मांग की। स्थानीय लोगों का कहना है कि करोड़ों की लागत से बनी विद्यालय की इमारत बेकार पड़ी है। ऐसे में विद्यालय चालू न करना जनधन की बर्बादी और बेटियों के भविष्य से खिलवाड़ है। बोले जिम्मेदार विद्यालय में शिक्षकों की नियुक्ति करने पर जिला पंचायत पर भारी बोझ बढ़ेगा। इसलिए किसी विश्वसनीय गैरसरकारी संस्था या एजुकेशनल ट्रस्ट को संचालन की जिम्मेदारी सौंपी जाएगी। जरूरत के तहत खाली जमीन पर कक्षाएं बनाकर सड़क की ओर बनी दुकानों के किराए से विद्यालय का रख-रखाव किया जाएगा। इस प्रकार का प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है। -डॉ. वीके सिंह, जिला पंचायत अध्यक्ष प्रयागराज नगर पंचायत मऊआइमा में संचालित कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय परिषदीय विद्यालयों की श्रेणी में नहीं आता है। यह विद्यालय जिला पंचायत के अधीन संचालित होता है। यहां कार्यरत शिक्षकों के सेवानिवृत्त हो जाने के कारण विद्यालय का संचालन बाधित हो गया है। -शिव अवतार सिंह, कार्यवाहक बेसिक शिक्षा अधिकारी, प्रयागराज --------------------- हमारी भी सुनें कन्या विद्यालय के संचालन के लिए कई बार शिक्षा विभाग से संपर्क किया गया लेकिन बताया गया कि यह हमारे विभाग से संचालित नहीं है। इसके लिए शासन से मांग है कि इसका पुनः संचालन किया जाए। ताकि मऊआइमा नगर पंचायत की बेटियों को अच्छी शिक्षा मिल सके। शोएब अंसारी, चेयरमैन मऊआइमा इस विद्यालय को केंद्र सरकार की पीएम श्री स्कूल योजना में शामिल कर आधुनिक सुविधाएं और फंड दिलाया जाए। यदि आसपास के स्कूलों में शिक्षक अधिशेष हैं, तो कुछ शिक्षकों को शिक्षक की कमी से बंद इस विद्यालय में स्थानांतरित किया जा सकता है। -कामरान अहमद, आइका, समाजसेवी विद्यालय का संचालन कस्बे की जरूरत है। स्थानीय नगर पंचायत और अभिभावकों को शामिल करते हुए एक संचालन समिति गठित की जाए जो विद्यालय की निगरानी और दैनिक कार्य संचालन सुनिश्चित करे। -तीरथ यादव, प्रधान, मऊआइमा ग्राम पंचायत मऊआइमा का यह विद्यालय सिर्फ एक इमारत नहीं है, यह एक युग की गवाही है। इसे बंद कर देना केवल एक स्कूल बंद करना नहीं, बल्कि आने वाली पीढ़ियों की संभावनाओं को कुंद करना है। -उमैर जलाल, सपा नेता कस्बे को इस कन्या स्कूल की सख्त जरूरत है। अब समय है कि सरकार, स्थानीय प्रशासन और समाज एक साथ मिलकर इस विद्यालय को पुनर्जीवित करे। ताकि एक बार फिर यह क्षेत्र ‘मॉडल स्कूल की परिभाषा में लौट सके। -डॉ. फैजान आलम, भाजपा नेता इस ऐतिहासिक कन्या विद्यालय को फिर से शुरू करने के लिए कुछ ठोस और व्यवहारिक कदम उठाए जा सकते हैं। प्राथमिक स्तर पर शिक्षकों की तत्काल नियुक्ति की जाए। चाहे संविदा के आधार पर या रिटायर्ड शिक्षकों की अस्थायी सेवाएं लेकर शुरुआत की जाए। -नूरुद्दीन सैफी, प्रबंधक इंपीरियल स्कूल आफ एक्सीलेंस। विद्यालय जिला पंचायत द्वारा संचालित था। इसके बंद होने की जानकारी है। इसके पुनर्जीवित करने के लिए हमने जिला पंचायत अध्यक्ष से बातचीत की थी। उन्होंने प्रस्ताव बनाकर विद्यालय के संचालन का भरोसा दिलाया है। जल्द ही इस दिशा में कार्य होगा। -अंकेश पटेल, जिला पंचायत सदस्य मऊआइमा
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।