गंगा व टोंस से धड़ल्ले से निकाल रहे मछलियां
Gangapar News - गंगा व टोंस नदी में धड़ल्ले से निकाल रहे मछलियां मेजा। इस समय जल जीवों का वीडिंग काल चल रहा है, जल में रहने वाले जीवों को कोई मार न सके, इसके लिए शासन

इस समय जल जीवों की वीडिंग का समय चल रहा है। जल में रहने वाले जीवों को कोई मार न सके, इसके लिए शासन व विभाग से स्थानीय पुलिस प्रशासन व संबधित विभाग को निर्देश प्राप्त हो चुके हैं। बावजूद इसके मछली मारने वाले शिकारी दिन रात मछली का शिकार कर आर्थिक मुनाफा कमा रहे हैं। 15 जनू से 15 अगस्त के बीच मछलियां व जल में रहने वाले कछुए सहित अन्य जीव अंडे देते हैं। गंगा व टोंस सहित अन्य नदियों में विभिन्न प्रकार की मछलियां व अन्य जल जीव पाए जाते हैं। बाढ़ के समय पानी मटमैला हो जाने पर जल जीव उपरी सतह में पहुंच जाते हैं, जिससे शिकारी जाल डाल कर इन्हें पकड़ ले रहे हैं।
परानीपुर से मिर्जापुर के गोंगाव तक शासन की ओर से कछुआ सेच्युरी घोषित हो गया है, इस क्षेत्र में मछली व अन्य जल जीवों को मारने पर वन विभाग की ओर से सख्त कार्रवाई किए जाने का निर्देश है। सूत्रों की मानें तो परानीपुर से लेकर गोंगांव के बीच कछुओं की विभिन्न प्रकार की प्रजातियां मौजूद हैं। इसके अलावा डाल्फिन व मछलियां पाई जाती हैं, इनके संरक्षण व संबर्द्धन के लिए वन विभाग की ओर से कोठरी गंगाघाट पर वाच टावर बनाया गया है, जहां वन विभाग के कर्मचारी इन जल जीवों की निगरानी करते हैं। कछुआ सेंच्यूरी क्षेत्र में बालू निकालने पर पूरी तरह रोक है।
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