देश में पहली बार हुआ ये कमाल, बाघिन और तेंदुए के शावकों ने बर्ड फ्लू से जीत ली जंग
विशेषज्ञ का कहना है कि बिल्ली फैमिली में यदि बर्ड फ्लू का संक्रमण हुआ तो फेफड़े तक संक्रमण तेजी से पहुंच जाता है, जिसके बाद उन्हें बचा पाना लगभग नामुमकिन हो जाता है। गोरखपुर चिड़ियाघर में बाघ और तेंदुए के शावक की रिपोर्ट निगेटिव आई तो इसका एक ही कारण हो सकता है कि संक्रमण फेफड़ों तक न पहुंचा हो।

देश में पहली बार बाघिन और तेंदुओं के शावकों ने बर्ड फ्लू से जंग जीती है। बिल्ली परिवार के वन्यजीवों में यह पहला मामला है, जब संक्रमित होने के बाद जानवरों की मौत नहीं हुई। बाघिन मैलानी और तेंदुए के दोनों शावकों की लगातार दो रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद चिड़ियाघर प्रशासन ने इस उपलब्धि पर शोध का फैसला लिया है।
शहीद अशफाक उल्ला खां प्राणि उद्यान में सात मई को बाघिन शक्ति की मौत बर्ड फ्लू से हुई थी। इसके बाद बर्ड फ्लू जांच के लिए चिड़ियाघर के वन्य जीवों के सैंपल राष्ट्रीय उच्च रोग पशु संस्थान भेजे गए, जहां से 23 मई को बाघिन मैलानी, तेंदुए के दो शावक, हिमालयन गिद्ध और दो कॉकाटील पक्षी में बर्ड फ्लू की पुष्टि हुई। चिड़ियाघर के मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डॉ. योगेश प्रताप सिंह ने इलाज शुरू किया। मैलानी, तेंदुए के दो शावक, हिमालयन गिद्ध और कॉकाटील पक्षी की दो बर्ड फ्लू की रिपोर्ट निगेटिव आ गई है।
फेफड़े में संक्रमण फैला तो मरना तय है
वाइल्ड लाइफ विशेषज्ञ डॉ. यूसी श्रीवास्तव बताते हैं कि बिल्ली फैमिली में अगर बर्ड फ्लू का संक्रमण हुआ तो उनके फेफड़े तक संक्रमण तेजी से पहुंच जाता है, जिसके बाद उन्हें बचा पाना मुमकिन नहीं है। गोरखपुर चिड़ियाघर में बाघ और तेंदुए के शावक की रिपोर्ट निगेटिव आई तो इसका एक ही कारण हो सकता है कि संक्रमण फेफड़ों तक न पहुंचा हो।
पहली बार रिपोर्ट निगेटिव
डॉ. आरके सिंह बताते हैं कि देश में पहली बार ऐसा हुआ है जब जानवरों में फैलने वाली बर्ड फ्लू की दो-दो रिपोर्ट निगेटिव आई है। हिमालयन गिद्ध और कॉकाटील का बचना भी चमत्कार से कम नहीं है। पहली बार देश में ऐसी रिपोर्ट आई है। ऐसे में अब इस पर शोध किया जाएगा।
इटावा लायन सफारी के विशेषज्ञ डॉ. आरके सिंह बताते हैं कि पिछले साल दिसंबर में नागपुर चिड़ियाघर में बाघ और तेंदुओं में बर्ड फ्लू की पुष्टि हुई थी। उन्हें इलाज के दौरान बचाया नहीं जा सका था। बैंकॉक में भी एक बाघ में बर्ड फ्लू की पुष्टि हुई थी और इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई थी।
मैलानी ने बर्ड फ्लू को हराया, पर खुराक घटी
बाघिन मैलानी की बर्ड फ्लू की दो रिपोर्ट तो निगेटिव आ चुकी हैं, लेकिन उसका खुराक बेहद कम हो गया है। जहां पहले वह 10 किलोग्राम के आसपास मांस खाती थी, अब यह खुराक ढाई से तीन किलो तक पहुंच गया है। इसके अलावा उसे दिखाई भी कम दे रहा है। हालांकि, पहले से वह स्वस्थ है। डॉ. योगेश प्रताप सिंह ने बताया कि उसकी खुराक बेहद कम हो गई है। वह कभी दो से तीन किलो मांस खा रही है, कभी एकदम नहीं खा रही है। सेहत पर नजर रखी जा रही है। वहीं, दूसरी तरफ तेंदुए के दोनों शावक पर्याप्त आहार ले रहे हैं और पूरी तरह स्वस्थ हैं।