बोले फिरोजाबाद: जसराना को बिजली आपूर्ति का कब मिलेगा नजराना
Firozabad News - किसानों का भविष्य खेती पर निर्भर करता है, लेकिन उन्हें बिजली की कमी का सामना करना पड़ रहा है। समय पर बिजली न मिलने से उनकी फसलें सूख रही हैं। किसान बार-बार अधिकारियों से मदद मांगते हैं, लेकिन समस्या...

किसानों का पूरा भविष्य खेती पर निर्भर करता है। खेती के माध्यम से ही उनका पूरा परिवार चलता है। इन दिनों किसानों को पूरी बिजली नहीं मिल पा रही है। वे जो भी फसल उगाते हैं उसको सिंचाई की जरूरत होती है। किसानों को जब समय पर बिजली की आपूर्ति नहीं मिल पाती है तो उनकी फसलें खराब होने लगती हैं। किसानों द्वारा बार बार कटौती से निजात दिलाने की बात कही जाती है लेकिन किसानों को सही तरीके से आपूर्ति नहीं मिल पा रही। किसान न तो खेतों में सही से फसलों की सिंचाई कर पा रहे हैं और न ही रात को कटौती के चलते सो पाते हैं।
किसानों का कहना है कि उच्चाधिकारियों को हमारी समस्या को लेकर हस्तक्षेप करना चाहिए। पूरे जनपदभर का किसान इन दिनों कटौती का सामना कर रहा है। सिंचाई के उसके पास और कोई माध्यम नहीं हैं। बिजली के आने पर ही वह खेतों को हरा भरा रख सकता है। बिजली की कटौती उनके इस कार्य में बाधा उत्पन्न कर रही है। बिजली की आपूर्ति को लेकर किसानों द्वारा समय समय पर अधिकारियों से गुहार लगाई जाती है। किसानों का कहना है कि अगर उनको सही समय पर और लगातार आपूर्ति मिल जाए तो वे अपनी फसलों की सिंचाई कर सकते हैं। बिजली की कटौती को लेकर जब वे फीडरों पर जाकर अपनी समस्याओं को बताते हैं तो उनकी समस्या की सुनवाई नहीं होती। या तो लाइनमैन या फिर अधिकारी उनकी बात सुनने के बाद जल्द समस्या के निदान की बात कहकर लौटा देते हैं लेकिन आपूर्ति को लेकर ठोस कदम नहीं उठाए जाते हैं। किसानों की फसलें सूख जाती हैं और किसान बर्बादी के कगार पर पहुंच जाते हैं। किसानों का कहना है कि इस सरकार में अन्नदाता की काफी सुनवाई की बात कही जाती है लेकिन आपूर्ति के नाम पर किसानों को कटौती ही मिलती है। किसानों का कहना है कि सरकार द्वारा 18 से 20 घंटे बिजली आपूर्ति के आदेश दिए जाते हैं और हमें 8 से 10 घंटे ही बिजली मिल पाती है। अगर सरकार के आदेशों के क्रम में 16 घंटे तक आपूर्ति मिलना प्रारंभ हो जाए तो भी वे अपनी फसलों की सिंचाई कर सकते हैं। बिजली का तार टूट जाने पर कई घंटों तक उसको जोड़ा नहीं जाता। अगर झूलते तारों को ठीक करने की बात कही जाए तो उसकी ओर ध्यान नहीं दिया जाता और हादसे होते रहते हैं। जर्जर तारों को बदलने की बात कही जाती है तो बजट का अभाव बताया जाता है। अगर एक बार बिजली चली जाए तो घंटों बाद ही लौटकर आती है। किसानों का कहना है कि लगातार आपूर्ति मिलती रहे तो उनको कोई समस्या नहीं आए लेकिन रातभर बिजली आने की आस में खेतों पर जागकर सिंचाई के लिए जागते रहते हैं और फिर रात को बिजली नहीं आने पर दिन में घर पर सोने के लिए जाते हैं तो भी बिजली नहीं आती। आखिर बिजली को दिन और रात दोनों समय में क्यों काटा जाता है। बिजली आने और जाने का समय निर्धारित हो तो किसानों को कोई समस्या नहीं आए। किसानों की मेहनत खेतों में उगती है और उसे अगर समय पर पानी नहीं मिलता तो वह मुरझा जाती है। इस बिजली की कटौती से इन दिनों काफी समस्या आ रही है। बिजली कटौती से फसलें सूखने लगीं किसानों ने बताया कि लगातार हो रही बिजली कटौती के चलते उनकी फसलें सूखने लगी हैं। किसानों को बिजली कटौती से मुक्त रखने की बात कही जाती है लेकिन जसराना क्षेत्र में किसानों को बिजली की कटौती से परेशान होना पड़ रहा है। आखिर फसलें खराब होने पर कौन जिम्मेदार होगा। मन की बात देहात क्षेत्र में तार टूटने एवं अन्य फाल्ट की वजह से लाइनमैनों को फोन द्वारा सूचना देने के बाद लाइनमैन समय पर नहीं पहुंचते हैं। रात्रि में अंधकार में ही कई बार सोना पड़ता है। - हंसराज रात के समय बिजली कब काट दी जाती है, किसानों एवं लोगों को पता ही नहीं चलती है। वे नींद में होते हैं। लेकिन उसे कटौती के समय के बारे में विभाग नहीं बताता है। कटौती की सूचना पहले दे देनी चाहिए। - चंद्रकांत बिजली के बिलों को ठीक कराया जाए। बिल की वजह से कई बार समस्याएं सामने आती हैं। जिससे किसानों को दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। अधिकारी अपनी मनमानी के हिसाब से बिल भेजते हैं। - रामवीर सिंह गर्मी के मौसम में हर कोई चाहता है कि बिजली कटौती पर अंकुश लग जाए। तारों को बदलने के नाम पर शटडाउन लिया जाता है। तो कभी पेड़ों को काटने या तार टूटने का बहाना बनाकर कटौती की जाती है। - निलेश कुमार दिहुली में हुए नरसंहार की हत्याओं के बाद तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने इस विद्युत लाइन का नाम दिहुली फीडर रखा था। 24 घंटे बिजली देने का आदेश किया था। अधिकारी ऐसा नहीं करते। - बृजेश दीक्षित देहात की बात की जाए तो 10 से 15 घंटे की कटौती की जाती है। गर्मी का पारा चढ़ते ही बिजली कटौती हो जाती है। अपनी मनमानी से विद्युत आपूर्ति दी जाती है। इस ओर किसी का ध्यान नहीं है। - विकास कुमार दिहुली फीडर के किसान कहते हैं यह फीडर आजादी के बाद से बना हुआ है। विद्युत अधिकारी आपूर्ति में मनमानी कर रहे हैं। इसी वजह से फसलें सूखने की वजह बन जाती है। - सुरेश चंद बिजली कटौती को लेकर किसानों की हित का ध्यान रखना चाहिए। बिजली कटौती से इस गर्मी में दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। अचानक हुई कटौती की जानकारी जरूर दें। - वीरेश कुमार
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