इमरजेंसी लगने के समय फिरोजाबाद में थे सरसंघचालक बाला साहब
Firozabad News - फिरोजाबाद में 25 जून 1975 को इमरजेंसी की घोषणा के बाद संघ के सरसंघ चालक बाला साहब देवरस को सुरक्षित निकालने के लिए स्वयंसेवकों ने चुनौती का सामना किया। पुलिस की सक्रियता के बीच, एक रंग की कई कारें...

फिरोजाबाद। 25 जून 1975 का दिन इमरजेंसी के लिए जाना जाता है। जिस वक्त सरकार के खिलाफ बोलना मना था। बड़े-बड़े नेता जेल में भेज दिए गए थे। जिस दिन इमरजेंसी की घोषणा हुई, उस वक्त संघ के तत्कालीन सरसंघ चालक बाला साहब देवरस फिरोजाबाद में थे। प्रथम वर्ग ओटीसी कैंप में वह प्रतिभाग करने आए थे। संघ का यह वर्ग 30 जून तक चलना प्रस्तावित था, लेकिन इमरजेंसी लगने के बाद में 26 जून की सुबह ही उनका बौद्धिक कराने के बाद में इसका समापन कर दिया। 1975 में एक जून से पीडी जैन इंटर कॉलेज के मैदान में ओटीसी प्रथम वर्ग लगा हुआ था।
इस वर्ग में भाग लेने के लिए संघ के सरसंघ चालक बाला साहब देवरस भी फिरोजाबाद में आए हुए थे। इस वर्ग को एक जून से 30 जून तक रहने वाला था। अन्य जिलों से भी स्वयंसेवक इस वर्ग में भाग लेने आए थे। उस वर्ग में भाग लेने वाले स्वयंसेवकों की मानें तो सरसंघ चालक का बौद्धिक बाद में होना था, लेकिन 25 जून को इमरजेंसी लग गई। इसकी घोषणा के बाद में 26 जून 1975 को ही सर संघचालक का उद्भोधन कराकर शिविर का समापन कर दिया। उस वक्त वर्ग के बाहर संघ के प्रमुख पदाधिकारियों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस फोर्स भी पहुंच गई थी, लेकिन संघ के स्वयंसेवकों एवं पदाधिकारियों के चलते अंदर प्रवेश नहीं कर सकी। पुलिस को चकमा देने के लिए मंगाई एक रंग की कारें उस वर्ग में व्यवस्था एवं अन्य कार्य में लगे स्वयंसेवकों की मानें तो उस वक्त स्वयंसेवकों के सामने सबसे बड़ी चुनौती थी सर संघचालक को फिरोजाबाद से सुरक्षित निकालना। पुलिस सक्रिय हो गई थी। भले ही पुलिस पीडी जैन में प्रवेश नहीं कर रही थी लेकिन ओटीसी प्रथम वर्ग पर भी पुलिस की नजर थी। इस स्थिति में यहां से सरसंघ चालक को निकालने के लिए एक रंग की कई कार मंगवाई गई। इन्हें पीडी जैन के अलग-अलग गेट पर खड़ा कर दिया ताकि पुलिस भ्रमित हो जाए। इसके बाद में एक कार को आगरा की तरफ रवाना किया तो एक को शहर में। वहीं एक अन्य कार से सर संघचालक को शिकोहाबाद स्टेशन पर छोड़ने गए तथा उन्हें ट्रेन में बैठाया। ओमनिवास गुप्त ने बाद में देखीं व्यवस्थाएं संघ के स्वयंसेवक बताते हैं कि इमरजेंसी लगने के बाद में अधिकतर संघ के प्रमुख पदाधिकारी भूमिगत हो गए थे। इधर पीडी जैन में काफी सामान ओटीसी के प्रथम वर्ग के लिए आया था। इस स्थिति में चंद्रवार गेट के निवासी संघ के स्वयंसेवक ओमनिवास गुप्त ने अन्य स्वयंसेवकों के साथ इसे पहुंचाने में अपनी अहम भूमिका निभाई। ओमनिवास गुप्त नागपुर से संघ के ओटीसी तृतीय वर्ग प्रशिक्षित थे।
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।