जब सड़क नहीं मिली, तो कंधे ही बन गए एंबुलेंस..!
Fatehpur News - -आजादी के 75 साल बाद भी कंधों पर लादकर ले जाये जाते हैं मरीज -आजादी के 75 साल बाद भी कंधों पर लादकर ले जाये जाते हैं मरीज-आजादी के 75 साल बाद भी कंधों

जाफरगंज। यह तस्वीर किसी आपदा क्षेत्र की नहीं, दोआबा में यमुना कटरी की हकीकत बयां कर रही हैं। जहां एक घायल महिला को चारपाई पर लिटाकर कीचड़ भरी पगडंडी से गुजरते ग्रामीण अस्पताल ले जा रहे हैं। बरसात में जब सड़कें नदी बन जाती हैं और रास्ते दलदल। तब ‘आजादी का अमृतकाल कंधों पर लदी यह चारपाई है, जो सरकारों की असफलता की बानगी दिखाता है। जाफरगंज कटरी क्षेत्र के कुकेड़ी, गजयीपुर, धौरहरा, कोरवल, रेवरी, बारा, ककोरा, मदुरी, खदरी समेत दर्जनों मजरे आज भी पक्की सड़कों को तरस रहे हैं। हर बार चुनावों में यहां ग्रामीणों से पक्की सड़कों के वादे किए जाते हैं।
लेकिन जमीन पर सिर्फ कीचड़ नजर आता है। सोमवार को कंधई डेरा निवासी शिवबदन निषाद की पत्नी केतकी देवी पर आकाशीय बिजली गिर गई। बेहोश हालत में जब 108 एंबुलेंस नहीं पहुंच सकी तो ग्रामीणों ने चारपाई उठाई और कंधों पर लादकर कीचड़ भरा रास्ता पार कर उसे अस्पताल ले गए। ये केवल इंसान नहीं, व्यवस्था की लाचारी भी ढो रहे थे। कोरवल निवासी अजय निषाद, धौरहरा ग्राम प्रधान रामबिलास, रेवरी निवासी श्यामलाल निषाद आदि ने बताया कि सालों से गजयीपुर से रेवरी होते हुए बारा तक नौ किमी पक्की सड़क की मांग की जा रही है लेकिन मांग फाइलों में दबी पड़ी है। ग्रामीण बताते हैं कि स्कूल जाने वाले बच्चों को रोजाना मीलों कीचड़ और जोखिम भरे रास्ते तय करने होते हैं। गर्भवती महिलाएं, बीमार बुजुर्ग और घायल मरीज कंधों पर अस्पताल पहुंचाए जाते हैं। इन गांवो कों पक्की सड़क से जोड़े जाने को लेकर प्रयास किये जा रहे हैं। शासन एवं लोक निर्माण विभाग को भी पत्र लिखा गया है। जल्द ही सड़क बनवाई जाएगी। प्रयास जारी है कि ग्रामीणों की इस समस्या का निदान हो सके। -राजेंद्र सिंह पटेल, विधायक जहानाबाद
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