विधायक, सांसद निधि से भी बन सकेंगे अन्नपूर्णा भवन
Farrukhabad-kannauj News - फर्रुखाबाद में खाद्य रसद विभाग के अन्नपूर्णा भवनों के निर्माण में बजट की कमी के कारण समस्या आ रही थी, जिसे अब मनरेगा, विधायक, सांसद निधि और राज्य वित्त आयोग से धन जुटाकर हल किया जाएगा। 2023-24 में 75...

फर्रुखाबाद, संवाददाता। बजट की कमी से जनपद में जो खाद्य रसद विभाग के अन्नपूर्णा भवन नही बन पा रहे हैं उसका रास्ता निकाल लिया गया है। अब मनरेगा के अलावा विधायक, सांसद निधि और राज्य वित्त आयोग की धनराशि से अन्नपूर्णा भवन बनाये जा सकेंगे। यदि फिर भी कोई समस्या या धन की कमी आडे़ आती है तो खाद्य रसद विभाग के बजट से भी धनराशि की व्यवस्था हो सकेगी। जनपद में अन्नपूर्णा भवन के लिए वित्तीय वर्षवार लक्ष्य निर्धारित किया जा चुका है। सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत वर्ष 2023-24 में 75 अन्नपूर्णा भवन का निर्माण होना था। इसके सापेक्ष दो अन्नपूर्णा भवन अभी तक नही बन सके हैं।
वित्तीय वर्ष 2024-25 में चयनित 75 अन्नपूर्णा भवनों के निर्माण के सापेक्ष महज 5 अन्नपूर्णा भवनों पर ही निर्माण कार्य चल रहा है। इसको लेकर लगातार मानीटरिंग भी की जा रही है। फिर भी किस स्तर से निर्माण कार्य बाधित चल रहा है यह जवाब देने की स्थिति मे जिम्मेदार नहीं हैं। बताया जा रहा है कि बजट की कमी से निर्माण कार्य पर असर पड़ रहा है। ऐसे में शासन स्तर से राशन कार्ड धारकों के लिए खाद्यान्न की सुचारू रूप से व्यवस्था उपलब्ध कराने के मकसद से भवनों का निर्माण समय से पूरा हो इसके लिए राज्य कोषीय बजट से भी अन्नपूर्णा भवन निर्माण का फैसला लिया गया है। अभी तक मनरेगा से अन्नपूर्णा भवनों का निर्माण कराया जा रहा था। अब बजट की कमी आड़े न आये इसके लिए राज्य वित्त आयोग, सांसद निधि, विधायक निधि या अन्य किसी राज्य या केंद्र सरकार की योजना जिसमें इसका निर्माण अनुमन्य है उससे अन्नपूर्णा भवनों का निर्माण कराया जा सकेगा। जहां पर इन योजनाओं के माध्यम से धनराशि की उपलब्ध नही हो सकेगी वहां खाद्य एवं रसद विभाग को जारी बजट से धनराशि की व्यवस्था सुनिश्चित की जाएगी। अन्नपूर्णा भवनों के निर्माण में कई निधियों से धनराशि का जो प्राविधान किया गया है ऐसे में भवनों के लिए भूमि का चयन, भवनों का संचालन को लेकर गाइड लाइन जारी कर दी गयी है। एकल अन्नपूर्णा भवन का कुल क्षेत्रफल करीब 484 वर्ग फिट का प्राविधानित किया गया है। इसमें एक बड़ा कक्ष दुकान का संचालन करने को और दूसरा कक्ष सीएससी का संचालन करने को प्राविधानित है। कक्ष के सामने एक चौड़ा बरामदा लाभार्थियों के प्रतीक्षा हाल के रूप में भी प्राविधानित है।यह भी सुनिश्चित किया गया है कि स्टीमेट और डिजाइन के अनुसार कलस्टर में डिजाइन और स्टीमेट के आधार पर एक कलस्टर में दो से पंाच दुकानों का निर्माण किया जा सकता है। यह कलस्टर नगरीय क्षेत्र में ही बनाये जा सकेंगे।कलस्टर भवनो ंकी स्वीकृति जिलाधिकारी की ओर से नामित अधिशासी अभियंता की ओर से दी जाएगी। जबकि एकल भवनों की तकनीकी स्वीकृति कार्यदायी संस्था के नियमों के अनुसार सुनिश्चित की गयी है।
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