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इटावा कथावाचक पिटाई मामला: पुलिस को पीटना भी पड़े तो पीछे न हटना, गगन ने किया था ऐलान

इटावा में कथावाचक की पिटाई के बाद हुए हंगामे को लेकर एक नया मामला सामने आया है। थाने में हंगामा और हाईवे जाम करने के बाद उपद्रवी जब दांदरपुर गांव की ओर बढ़ रहे थे, तो जाति विशेष के लोगों के खिलाफ भी नारेबाजी करते रहे।

Dinesh Rathour हिन्दुस्तान, बकेवर (इटावा)Fri, 27 June 2025 10:42 PM
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इटावा कथावाचक पिटाई मामला: पुलिस को पीटना भी पड़े तो पीछे न हटना, गगन ने किया था ऐलान

इटावा में कथावाचक की पिटाई के बाद हुए हंगामे को लेकर एक नया मामला सामने आया है। थाने में हंगामा और हाईवे जाम करने के बाद उपद्रवी जब दांदरपुर गांव की ओर बढ़ रहे थे, तो जाति विशेष के लोगों के खिलाफ भी नारेबाजी करते रहे। इनके हौसले इतने बढ़े हुए थे कि पुलिस ने समझाने का प्रयास किया तो पथराव शुरू कर दिया। इस दौरान उपद्रवियों ने यह भी कहा कि उनके नेता गगन यादव का निर्देश है कि पुलिस को भी पीटना पड़े तो पीछे न हटना। कथावाचक से अभद्रता करने वालों को दांदरपुर पहुंचकर सबक सिखाना है। उनके इन तेवरों को देखकर ही पुलिस को लाठी पटकनी पड़ी और हवाई फायर करने पड़े। इन बातों का जिक्र थाना प्रभारी ने दर्ज कराई रिपोर्ट में भी किया है।

दांदरपुर गांव में घुस जाते उपद्रवी तो हो सकती थी बड़ी घटना

बकेवर। चार घंटे तक बकेवर नेशनल हाईवे से लेकर कस्बा और गांव के आसपास उपद्रवियों ने जमकर बवाल काटा था। जान से मारने की धमकी देते हुए निकल रहे युवाओं का देखकर लोग दहशत में आ गए थे। अपने घरों के दरवाजे तक बंद कर लिए थे। इस बात का भी जिक्र पुलिस की ओर से दर्ज कराई गई रिपोर्ट में किया गया है। इसका भी अंदेशा जताया है कि उपद्रवी अगर गांव के अंदर पहुंच जाते तो बड़ी घटना हो सकती थी। हालांकि भारी पुलिस के चलते ये गांव में दाखिल नहीं हो पाए थे।

छावनी बना दांदरपुर, पुलिस-पीएसी संग 25 लेखपाल भी तैनात

महेवा। बवाल के बाद गुरुवार रात को डीएम और एसएसपी ने दांदरपुर गांव पहुंचकर लोगों के हालचाल लिए। गांव वालों को पूरी सुरक्षा व्यवस्था मुहैया कराने का आश्वासन दिया। दांदरपुर को पुलिस ने छावनी में तब्दील कर दिया है। इस समय दांदरपुर किसी अभेद्य किले से कम नहीं है। पुलिस ने सुरक्षा व्यवस्था को आठ बिंदुओं में बांटा है। सुरक्षा व्यवस्था मिलने के बाद ग्रामीणों में संतोष नजर आ रहा है। यहां क्षेत्र के 25 लेखपाल भी लगाए गए हैं। ये अलग अलग तीन शिफ्ट में गांव में रहकर पूरे हालात पर नजर रखे हैं और पल-पल की खबर अधिकारियों को दे रहे हैं। उनकी मॉनिटरिंग भर्थना एसडीएम सुशांत श्रीवास्तव कर रहे हैं।

भागवत कथा में परीक्षित बने जयप्रकाश तिवारी ने बताया कि गांव में पीएसी बल की तैनाती के बाद गांव में शांति का माहौल बना है। परशुराम सेना के जिला उपाध्यक्ष रवि पंडित के साथ कपिल तिवारी, प्रशांत त्रिपाठी, अनुज पंडित, उदय तिवारी, शिवांग दीक्षित, प्रियांशु तिवारी, मुन्ना तिवारी,सहित तमाम कार्यकर्ताओं ने ग्राम दांदरपुर पहुंचकर लोगों से बातचीत की। उधर समाजवादी पार्टी के पूर्व सचिव एवं सक्रिय सदस्य मोहन चन्द्र बाजपेई ने भी गांव में जाकर हालचाल लिए। गांव में पुरुषों से ज्यादा महिलाएं घरों के बाहर काम करती नजर आ रही हैं।

उपद्रवियों से बचने को लगाए बसपा के झंडे

गांव में हुए उपद्रव से लोग सहमे हैं। लोगों को लग रहा है कि उपद्रवी फिर से गांव में आकर उत्पात मचा सकते हैं। इससे बचने के लिये कुछ लोगों ने अपने घरों में बहुजन समाज पार्टी के झंडे लगा लिए हैं। गांव के अनुसूचित जाति के युवक ने बताया कि उन्होंने झंडा इसलिए लगाया कि दूर से ही पता चल जाए कि वे किस जाति के हैं, इससे उपद्रवी हमला नहीं करेंगे।

पहले कुर्सी पर बैठाकर पूछी जाति, फिर अभद्रता

घटना के दिन 21 जून को दोनों भागवताचार्यों को मौजूद लोगों ने कुर्सी पर बैठाया और फिर दोनों से जाति पूछी। पकड़े जाने पर वे कहने लगे कि महात्मा व संत की कोई जाति नहीं होती है। 10 मिनट तक दोनों पक्षों में बातचीत हुई। बातचीत का वीडियो वायरल हो रहा है। इसके बाद युवाओं ने दोनों के साथ अभद्रता की थी।

उपद्रवियों पर इन धाराओं में दर्ज हुई रिपोर्ट
धारा 61 : अपराधिक षडयंत्र रचना।
धारा 191(1) : दंगा करना।
धारा191(3) : दंगे में घातक हथियार प्रयोग करना।
धारा 190 : गैर कानूनी सभा करना।
धारा 352 : जानबूझकर अपमान करके शांतिभंग की कोशिश करना।
धारा 109 : हत्या के प्रयास से हमला करना।
धारा 126(2) : किसी व्यक्ति को गलत तरीके से रोकना।
धारा 132 : सरकारी काम में बाधा डालना, रोकना व हमला करना।
धारा 121(2) : सरकारी कर्मचारी के काम में बाधा डालना, चोट पहुंचाना।
धारा.125(बी) : किसी दूसरे की जान व व्यक्तिगत सुरक्षा को खतरा उत्पन्न करना। धारा.324. सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाना।
7 सीएलए : किसी व्यक्ति के रोजगार व व्यवसाय में नुकसान पहुंचाना।

इस तरह बढ़ती गयी दांदरपुर गांव की घटना, गूंज लखनऊ तक

इटावा, संवाददाता। जाति छिपाकर भागवत कहने पहुंचे भागवताचार्यों से अभद्रता के साथ शुरू हुआ बवाल इतना बढ़ गया कि लखनऊ तक इसकी गूंज पहुंची। सोशल मीडिया पर भी इस घटना को लेकर जमकर टीका-टिप्पणी हो रही है और राजनैतिक दल भी अपने-अपने हिसाब से घटना को भुनाने में लगे हैं।

21 जून को दांदरपुर गांव में भागवत कथा कहने आए भागवताचार्य मुकुट मणि यादव व उसके सहयोगी संत सिंह यादव कलश यात्रा के बाद शाम को खाना खा रहे थे। तभी गांव वाले एकत्र हुए और कुर्सी पर बैठाकर दोनों की जाति पूछी। दोनों के यादव होने और अपने को ब्राह्मण बताने के बाद दो आधार कार्ड मिलने से युवाओं ने मारपीट करते हुए चोटी काटी और मुख्य यजमान की पत्नी के पैरों पर नाक रगड़वाई थी। किसी ने इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया। एक राजनैतिक दल ने वीडियो देखने के बाद दोनों से संपर्क किया और एसएसपी के पास पहुंचे। एसएसपी ने घटना को गंभीर मानते हुए चार युवाओं आशीष तिवारी, उत्तम अवस्थी, प्रथम दुबे, निक्की अवस्थी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जेल भेज दिया। अगले दिन दोनों भागवताचार्यों को लखनऊ बुलाकर सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सम्मानित किया। रात को ही फर्जी आधार कार्ड बनवाने और धोखाधड़ी करने की दोनों भागवताचार्यों पर रिपोर्ट दर्ज की गई। इसी से नाराज होकर यादव समाज के लोगों ने गुरुवार को उपद्रव किया था।

उपद्रवियों के साथ प्रधानाचार्य व तीन शिक्षक भी जेल गए

इटावा, संवाददाता। दांदरपुर गांव में गुरुवार को उपद्रव के बाद पुलिस ने जिन 19 लोगों को गिरफ्तार किया है, उनमें एक स्कूल के प्रधानाचार्य व तीन शिक्षक भी हैं। शुक्रवार को तीनों शिक्षक और प्रधानाचार्य के परिजनों ने कलेक्ट्रेट पहुंचकर डीएम और एसएसपी से बेवजह गिरफ्तार करने का आरोप लगाया है। साढ़े 12 बजे पुलिस उपद्रव के आरोप में पकड़े गए 19 लोगों को जिला अस्पताल में मेडिकल कराने के बाद कलेक्ट्रेट में स्क्रीनिंग के लिए लेकर पहुंची। यहां पकड़े गए लोगों के परिवार वाले भी पहुंच गए। भरथना ज्ञानपुर के रहने वाले वीरेंद्र मोहन प्रताप सिंह दोहरे की पत्नी नीलू गौतम ने आरोप लगाया कि उनके पति लाला राम इंटर कालेज उरैंग खितौरा में प्रधानाचार्य हैं और इसी कॉलेज के शिक्षकों हीरेंद्र सिंह दोहरे, अभिषेक कठेरिया, अनुज यादव को पुलिस ने बिना बजह स्कूल से गिरफ्तार कर लिया।

उनकी इस घटना में कोई संलिप्तता नहीं है। 20 जून से स्टाफ के लिए स्कूल व कॉलेज खुल चुके हैं, वहां सभी लोग अपना काम कर रहे थे। इसी बीच कार्यालय से बाहर निकले डीएम शुभ्रांत शुक्ला और एसएसपी बृजेश कुमार श्रीवास्तव के पास बकेवर अलियापुर के रहने वाले गिरफ्तार शिक्षक अनुज यादव के परिजन पहुंच गए। डीएम और एसएसपी ने परिजनों को कार्यालय में बुलाकर उनकी बात को सुना और निष्पक्ष जांच का आश्वसन दिया है। डीएम ने कहा है कि निर्दोष के खिलाफ कार्रवाई नहीं की जाएगी।

कड़ी सुरक्षा में ट्रक से आरोपियों को कोर्ट लेकर पहुंची पुलिस

इटावा, संवाददाता। बकेवर पुलिस 19 लोगों को कड़ी सुरक्षा में ट्रक में लेकर मेडिकल के लिए जिला अस्पताल पहुंची। बड़ी संख्या में मेडिकल के लिए पहुंचे लोगों की बजह से इमरजेंसी में भीड़ इकट्ठा हो गई। इनके परिवार के लोगों के पहुंचने से भीड़ बढ़ गई, ड्यूटी पर तैनात सुरक्षा कर्मियों ने परिजनों को इमरजेंसी से बाहर निकाला। उधर, कार्रवाई के बाद फिर से हालात न बिगड़ जाए, इसको लेकर पुलिस प्रशासन पूरी तरह अलर्ट मोड पर रहा। डीएम चैराहा से लेकर कोर्ट तक पुलिस कर्मियों की ड्यूटी लगाई गई थी। पकड़े गए आरोपियों के पीछे उनके परिजन भी कलेक्ट्रेट पहुंचे और खाने पीने की चीजें देने का प्रयास करने लगे। ट्रक के पास भीड़ इकट्ठा होने पर पुलिस ने सभी को वहां से हटाया।

पकड़े एक लोगों के परिवार की महिलाएं बिलखतीं हुई नजर आईं। कलेक्ट्रेट में स्क्रीनिंग के बाद सभी को सिविल जज जूनियर डिवीजन की कोर्ट में भेजा गया, कोर्ट परिसर में सीओ सिटी को तैनात किया गया था। कोर्ट ने आरोपियों को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेजने का आदेश दिया। इसके बाद कड़ी सुरक्षा के बीच सभी को जेल भेज दिया गया। इसी बीच एसएसपी बृजेश कुमार श्रीवास्तव एसपी सिटी अभयनाथ त्रिपाठी के साथ डीएम कार्यालय पहुंचे। जहां पूरी घटना को लेकर बैठक की और आगे की रणनीति तैयार की।

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