इस जिले के 2294 बुजुर्गों की पेंशन पर विभाग ने लगा दी रोक, वजह कर देगी हैरान
लखीमपुर खीरी में वृद्धावस्था पेंशन के लाभार्थियों का वार्षिक सत्यापन पूरा हो गया है। सत्यापन के दौरान 2294 पेंशन लाभार्थी मृतक मिले हैं। इनकी पेंशन रोकते हुए विभाग ने पेंशन लाभार्थियों की सूची से इनके नाम अलग कर रहा है।

यूपी के लखीमपुर खीरी में वृद्धावस्था पेंशन के लाभार्थियों का वार्षिक सत्यापन पूरा हो गया है। सत्यापन के दौरान 2294 पेंशन लाभार्थी मृतक मिले हैं। इनकी पेंशन रोकते हुए विभाग ने पेंशन लाभार्थियों की सूची से इनके नाम अलग कर रहा है। पात्र लाभार्थियों के खाते में जुलाई के पहले सप्ताह में पेंशन की धनराशि पहुंच सकती है।
समाजकल्याण विभाग से जिले के 69619 बुजुर्गों को वृद्धावस्था पेंशन दी जाती है। निदेशक समाजकल्याण के निर्देश पर पेंशन लाभार्थियों का वार्षिक सत्यापन वित्तीय वर्ष शुरू होने पर अप्रैल व मई में कराया जाता है। ग्रामीण क्षेत्र में सत्यापन ब्लॉकों के माध्यम से कराया जाता है वहीं शहरी क्षेत्र के लाभार्थियों का सत्यापन एसडीएम के माध्यम से कराया जाता है। जिला समाजकल्याण अधिकारी वंदना सिंह के मुताबिक वार्षिक सत्यापन पूरा हो गया है। सत्यापन रिपोर्ट आने के बाद क्रास वेरीफिकेशन एडीओ समाजकल्याण के माध्यम से कराया गया।
सत्यापन में 2294 लाभार्थी मृतक मिले हैं। इनकी पेंशन रोकते हुए इनके नाम लाभार्थियों की सूची से हटाए जा रहे हैं। बताते चलें कि इससे पहले भी दिसम्बर महीने में सत्यापन कराया गया था। वहीं इस वित्तीय वर्ष में नए लाभार्थियों की पेंशन स्वीकृति की अगर बात की जाए तो करीब 1600 बुजुर्गों की पेंशन स्वीकृत की गई है। पहले चरण में करीब 981 और दूसरे चरण में करीब सात सौ की पेंशन स्वीकृत की गई है। वहीं बताया जाता है कि सत्यापन पूरा होने के बाद जून के अंत या जुलाई के पहले सप्ताह में लाभार्थियों के खाते में तीन महीने की पेंशन की धनराशि भेजी जा सकती है।
ग्रामीण क्षेत्र में ब्लॉक, शहर में तहसील से सत्यापन
वृद्धावस्था पेंशन के आवेदकों और पेंशन ले रहे लाभार्थियों का सत्यापन ब्लॉक व एसडीएम कार्यालय से कराया जाता है। सत्यापन रिपोर्ट आने के बाद समाजकल्याण विभाग के एडीओ रेंडम सत्यापन करते हैं। जिला समाजकल्याण अधिकारी के मुताबिक ग्रामीण क्षेत्र के लाभार्थियों के सत्यापन के लिए ब्लॉकों को सूचियां भेजी जाती हैं। ब्लॉक से सचिवों के माध्यम से गांव के लाभार्थियों का सत्यापन होता है। वहीं नगरीय क्षेत्र के लाभार्थियों का सत्यापन तहसील के माध्यम से कराया जाता है। यह सत्यापन वार्षिक कराया जाता है।