नेटवर्क और मोबाइल नंबर ने ई केवाईसी, फेस रिक्गनेशन में लगाया पेंच
Deoria News - भारत सरकार ने आंगनबाड़ी कार्यकर्त्रियों को निर्देश दिया है कि वे लाभार्थियों के अभिभावकों का ई-केवाईसी और फेस रिक्गनेशन 30 जून तक पूरा करें। हालांकि, नेटवर्क और मोबाइल नंबर की समस्याओं के कारण...

देवरिया, निज संवाददाता। भारत सरकार द्वारा पोषण ट्रैकर एप पर जिला कार्यक्रम विभाग में कार्यरत आंगनबाड़ी कार्यकर्त्रियों द्वारा लाभार्थियों के अविभावकों का हर हाल में 30 जून तक ई-केवाईसी व फेस रिक्गनेशन का निर्देश दिया है। वहीं गांव में नेटवर्क और मोबाइल नंबर ने ईकेवाईसी व फेस रिक्गनेशन में पेंच लगाया है। उधर विभाग की चेतावनी को लेकर आंगनबाड़ी कार्यकर्त्रियां परेशान हैं। आंगनवाड़ी केंद्रों पर पोषाहार वितरण की नई प्रक्रिया के तहत जो नौनिहाल आंगनबाड़ी केंद्रों पर प्री एजुकेशन ले रहे हैं उनके अभिभावकों का बकायदा आधार के जरिये फेस रिक्गनेशन कराया जा रहा है। यह प्रक्रिया पूर्ण होने के बाद बाद ही नौनिहालों का पोषाहार मिलेगा।
इसके लिए जिले में संचालित कुल 3243 आंगनबाड़ी केंद्रों पर कार्यरत कुल लगभग 3200 सौ कार्यकत्रियों को अपने केंद्रों से संबंधित नौनिहालों के घर-घर जाकर उनके अभिभावकों का बकायदा आधार के जरिये फेस रिक्गनेशन कराया जाना है। इसे पूर्ण करने के लिए उन्हें 30 जून तक की समय सीमा निर्धारित की गई है। वहीं आंगनबाड़ी का कहना है कि इस कार्य में काफी कठिनाई भी आ रही है। केंद्रों पर आने वाले नौनिहालों के अविभावकों या उनके मां का आधार कार्ड पहले से किसी अन्य सदस्य या पति के मोबाइल नम्बर से लिंक है। वहीं किसी का पति विदेश तो कोई बाहर नौकरी कर रहा है। ओटीपी नहीं मिलने से ई-केवाई में भी दिक्कत हो रही है। इनका कहना है कि इस कार्य में होने वाली दिक्कतों को देखते हुए इसकी समय सीमा बढ़ाई जानी चाहिए। पोषाहार वितरण में पारदर्शिता के लिए शासन ने यह व्यवस्था लागू की है। 30 जून तक हर हाल में इसे पूरा करना अनिवार्य है। जिन लाभार्थियों के पिता बाहर या विदेश काम कर रहे हैं उनके मां के आधार कार्ड से फेस रिक्गनेशन किया जाय और इसकी सूचना संबंधित आंगनबाड़ी कार्यकत्री द्वरा सीडीपीओ को देकर पूर्व में लगे आधार को डिलीट करा दें। ऐसा करने से समस्या दूर हो जाएगी। आदीश मिश्रा, जिला कार्यक्रम अधिकारी।
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