हेयर विग लगाकर अदा की गई नमाज अधूरी, देवबंदी उलेमा बोले-वुजू और गुस्ल की शर्तें...
देवबंदी उलेमा मौलाना कारी इसहाक गोरा ने मौजूदा दौर में मुस्लिम युवाओं में हेयर विग के बढ़ते प्रचलन पर शरीयत का नजरिया पेश करते हुए कहा है कि इससे वुजू और गुस्ल पर असर पड़ता है। नकली बालों से अदा की गई नमाज अधूरी होती है।

जमीयत दवातुल मुस्लिमीन के संरक्षक व प्रसिद्ध देवबंदी उलेमा मौलाना कारी इसहाक गोरा ने मौजूदा दौर में मुस्लिम युवाओं में कृत्रिम बालों (हेयर विग) के बढ़ते प्रचलन पर शरीयत का नजरिया पेश करते हुए कहा है कि इससे वुजू और गुस्ल पर असर पड़ता है। उन्होंने दारुल उलूम द्वारा पूर्व में दिए फतवे के हवाले से कहा कि नकली बालों से अदा की गई नमाज अधूरी मानी जाएगी। देवबंदी उलेमा ने अपने बयान का एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर जारी किया।
शुक्रवार को मीडिया में जारी बयान में मौलाना कारी इसहाक गोरा ने कहा कि आज कल समाज में विग पहनने का चलन तेजी के साथ बढ़ रहा है। कहा कि दीन और शरीयत से जुड़े पहलुओं को कम जानकारी होने के चलते आम लोगों में असमंजस का माहौल है। उन्होंने दारुल उलूम के फतवा विभाग द्वारा पूर्व में दिए फतवे का हवाला देते हुए कहा कि यदि कोई व्यक्ति विग या नकली दाढ़ी लगाकर नमाज अदा करता है तो ऐसी नमाज अधूरी मानी जाएगी। क्योंकि इसके पहने से वुजू और गुस्ल की शरई शर्तें पूरी नहीं होती हैं।
उन्होंने स्पष्ट किया कि इस्लाम में वुजू और गुस्ल का अहम रोल है। लेकिन जब सिर पर विग चढ़ी हो तो पानी बालों के आर-पार होकर त्वचा तक नहीं पहुंच पाती है जिस कारण वुजू और गुस्ल का उद्देश्य अधूरा रह जाता है। यानी जिस्म पाक नहीं माना जाता। साथ ही इस्हाक गोरा ने ये भी कहा कि दारुल उलूम देवबंद ने अपने फतवे में हेयर ट्रांसप्लांट को शरीयत नहीं बताया है, बशर्तें यह धोखा न हो और न ही किसी गैर इस्लामी तरीके से किया गया है।
आतंकवाद किसी मजहब का नुमाइंदी नहीं
इससे पहले इस्हाक गोरा ने पाकिस्तान के आंतकी ठिकानों पर हुई एयर स्ट्राइक पर अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा था कि कि आतंकवाद किसी मजहब की नुमाइंदगी नहीं करता। कहा कि यह एक ऐसा नासूर है जो इंसानियत और समाज दोनों के लिए खतरा है।