बच्चे के रोने की आवाज पर पहुंचे लोग, अंदर पड़ी थी परिवार के तीन लोगों की लाश
यूपी के प्रतापगढ़ में बच्चे के रोने की आवाज सुनकर पहुंचे लोगों ने घर के अंदर परिवार के तीन सदस्यों की लाश देखी तो हड़पंक मच गया। पुलिस ने तीनों को शव पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। तीनों रिश्ते में मां और बेटे-बहू हैं।

उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ में एक घर से बच्चे के रोने की आवाज आने पर लोग पहुंचे तो दंग रह गए। घर के अंदर परिवार के तीन सदस्यों की लाश पड़ी थी। तीनों रिश्ते में मां और बेटा-बहू लगते हैं। तीनों की नाक से झाक निकल रहा था। तीनों के अलावा घर में एक बुजुर्ग और बच्चा भी था। दोनों सुरक्षित हैं। पुलिस ने शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है। रिपोर्ट आने के बाद ही मौत का कारण पता चल सकेगा। हालांकि पुलिस को सामूहिक सुसाइड की आशंका है। घटना लालगंज क्षेत्र की है।
अपर पुलिस अधीक्षक पश्चिमी संजय राय ने बताया है कि आज सुबह घटना की सूचना पर पहुंची पुलिस ने पाया कि घर के अंदर से एक बच्चे के रोने की आवाज आ रही थी। घर अंदर से बंद था जिसका दरवाजा खुलवाया गया तो अंदर एक ही बेड पर पति अंकित पटवा (26), पत्नी रिया (22) और अंकित की मां आशा पटवा (52) मृत अवस्था में पड़े थे। तीनों की नाक से झाग आ रहा था। शवों को पोस्टमार्टम रिपोर्ट के लिए भेजा गया है। रिपोर्ट मिलने पर मौत के कारणों का पता चल सकेगा। अंकित पटवा अपने ननिहाल में रहता था और कॉस्मेटिक की दुकान चलाता था। घर में अब उसकी नानी और छह माह का बच्चा बचा है। घटना की जानकारी मिलने पर कब्जे के लोगों की भारी भीड़ मौके पर जुट गई।
अंकित मूल रूप से रायबरेली के रहने वाले थे। उनकी मां आशा और पिता राकेश का 25 साल पहले तलाक हो गया था। तभी से अंकित अपनी नानी यशोदा देवी के साथ ननिहाल में रह रहे थे। नानी अक्सर बीमार रहती हैं। डेढ़ साल पहले अंकित की शादी रिया से हुई थी। पांच महीने पहले रिया ने बेटे को जन्म दिया था। अभी तक बच्चे का नामकरण भी नहीं हुआ है। नानी यशोदा देवी ने बताया कि बुधवार रात पूरे परिवार ने साथ बैठकर खाना खाया। इसके बाद सभी अपने-अपने कमरे में सोने चले गए।
नानी ने बताया कि गुरुवार सुबह जब मैं सोकर उठी तो काफी देर तक सभी के उठने का इंतजार करती रही। फिर मैं किसी तरह फर्स्ट फ्लोर पर गई। अंदर से बच्चे के रोने की आवाज आ रही थी। दरवाजा खटखटाया लेकिन दरवाजा नहीं खुला।
सुबह 7 बजे दूधवाला आया। उसने काफी देर तक घर का दरवाजा खटखटाया। मैंने दूधवाले से कहा कि अभी सो रहे हैं। इस पर दूधवाले मनोज ने अंकित की मां को फोन लगाया, लेकिन फोन नहीं उठा। मैंने इसकी जानकारी पड़ोसियों को दी। पड़ोसी अंकित के दोस्त अशोक और मनोज ने भी दरवाजा खटखटाया। इस दौरान भी बच्चे के रोने की आवाज आती रही।