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कुरीतियों और भेदभाव समाप्त करने को राजपाट छोड़कर वन में आए थे प्रभु श्रीराम

Chitrakoot News - भगवान राम की तपोभूमि चित्रकूट में तीन दिवसीय एकल अभियान वर्ग का समापन हुआ। केंद्रीय सह प्रमुख दीप कुमार ने बलिदान और एकता की बात की। उन्होंने कहा कि हिंदू समाज को एकजुट होकर धर्म की रक्षा करनी चाहिए...

Newswrap हिन्दुस्तान, चित्रकूटFri, 20 June 2025 09:34 AM
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कुरीतियों और भेदभाव समाप्त करने को राजपाट छोड़कर वन में आए थे प्रभु श्रीराम

चित्रकूट, संवाददाता। भगवान राम की तपोभूमि धर्मनगरी चित्रकूट स्थित केशवगढ़ में चल रहे तीन दिवसीय एकल अभियान वर्ग का समापन हुआ। आखिरी दिन केन्द्रीय सह प्रमुख दीप कुमार ने कहा कि पूरब से पश्चिम व उत्तर से दक्षिण तक भारत के करीब सात लाख सपूतों ने खुद बलिदान किया। इसके बाद भारत स्वतंत्र हो पाया। उन्होंने कहा कि कुरीतियों और ऊंच-नीच के भेदभाव को समाप्त करने के लिए भगवान श्रीराम राजपाट छोड़कर वन में आए। जिस धरती पर प्रभु श्रीराम का जन्म हुआ। उसी धरती को छिन्न-भिन्न करने की नाकाम कोशिश हो रही है। लेकिन हिंदू समाज को बरगलाना इतना आसान नहीं है।

हिंदु इस देश की प्राण है। कहा कि किसान दूध एवं अन्न पैदा करता है, जिसका देश का हर नागरिक उपभोग करता है। शहरी व ग्रामवासी मिलकर देश की उन्नति के लिए काम करते हैं। हिंदू समाज मंदिर में सभी एक हो, वह चाहे कोई किसी जाति, बिरादरी, पंथ, संप्रदाय का हो, धर्म का संरक्षण एवं संवर्धन करना सभी का कर्तव्य है। प्रत्येक व्यक्ति का स्वास्थ्य ठीक हो,पर्यावरण की सोच अच्छी हो एवं उसकी भारतीय सोच उत्तम होनी चाहिए। कहा कि संस्कारिक शिक्षा के आधार पर भारत को विश्व गुरु की तरफ ले जाने का सभी लोग काम कर रहे हैं। दिगंबर अखाड़ा के महंत दिव्य जीवनदास ने चित्रकूट की महिमा को रेखांकित किया। कहा कि सुवर्णकूटं रजिताभिकूटं, माणिक्यकूटं मणिरत्नकूटं, अनेक कुटं बहुवर्ण कूटं, श्रीचित्रकूटं शरणं प्रपद्ये। गायत्री शक्तिपीठ के संचालक डा रामनारायण त्रिपाठी ने कहा कि संस्कृत भाषा विलुप्त होती जा रही है। सभी लोग पाश्चात्य संस्कृति के पीछे भाग रहे हैं। इसी नाते पहले व मौजूदा गुरुकुल पद्धति में जमीन आसमान का अंतर है। सबको पुरानी पद्धति के अनुसार सनातन धर्म को बचाने के लिए गुरुकुल पद्धति अपनाना पड़ेगा। कहा कि सनातन का मतलब ही है कि सभी मिल बांटकर उपभोग करें। वर्गाधिकारी डा उमेश शुक्ला ने कहा कि अच्छे कार्य के लिए विश्वामित्र ने भगवान राम को मांगा था। जिससे यज्ञ की रक्षा हुई थी और राक्षसों का समूल नाश हुआ था। उसी प्रकार एकल अभियान ने सभी कार्यकर्ताओं को अच्छे एवं नेक काम करने के लिए समाज में लाया है। उसके अनुरूप सभी को कार्य करना चाहिए। अजीत सिंह ने सभी अतिथियों का अभिनंदन किया। इस दौरान केंद्रीय अधिकारी मनोहर, अनिल ठाकुर, राघवेंद्र, ओमप्रकाश, बृजेश, धीरेंद्र कुमार आदि मौजूद रहे।

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