बाढ़ में डूब रहे लोगों को रेस्क्यू ऑपरेशन चलाकर जवानों ने बचायी जान
Chandauli News - गरई नदी में बाढ़ आने की आशंका से लोगों को भी निकाला सुरक्षित गंगा नदी में नाव से रेस्क्यू ऑपरेशन चलाकर बाढ़ प्रभावितों को बचाया गंगा नदी में नाव से र

चंदौली, हिटी। जिले के गंगा तटवर्ती क्षेत्रों में संभावित बाढ़ नियंत्रण और विभागीय समन्वय को बेहतर बनाने के लिए गुरुवार को चार तहसीलों में मॉकड्रिल आयोजित किया गया। इस दौरान बाढ़ के दौरान राहत और बचाव कार्यों को प्रभावी ढंग से संचालित करने का पूर्वाभ्यास किया गया। ड्रिल के दौरान गंगा एवं गरई नदी में बाढ़ आने की आशंका को ध्यान में रखते हुए प्रभावित इलाकों से लोगों को सुरक्षित निकालने, नाव से रेस्क्यू ऑपरेशन चलाने, प्राथमिक उपचार देने और सुरक्षित स्थानों पर शरण दिलाने की कार्रवाई की गई। इसमें जिला प्रशासन, एनडीआरएफ, पीएसी, पुलिस, राजस्व, स्वास्थ्य एवं नगर पालिका की टीमों ने संयुक्त रूप से भाग लिया।
जिले में संभावित बाढ़ की संभावना को लेकर जिला प्रशासन पूरी तरह से गंभीर है। बीते दिनों जिलाधिकारी ने चंद्रमोहन गर्ग ने कलेक्ट्रेट में अधिकारियों के साथ बैठक कर आपदा से बचाव को लेकर सभी संबंधित अधिकारियों को कार्य योजना तैयार करने का निर्देश दिया था। ताकि बाढ़ की स्थिति में लोगों के बचाव एवं राहत कार्य किसी प्रकार की समस्या न होने पाए। उत्तर प्रदेश राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण और डीएम के निर्देश पर गुरुवार को संभावित बाढ़ नियंत्रण और विभागीय समन्वय को बेहतर बनाने के लिए चार तहसीलों में मार्कड्रिल किया गया। सदर तहसील में सदर उपजिलाधिकारी दिव्या ओझा के नेतृत्व में नरहन कला ग्राम में माकड्रिल किया गया। वहीं चकिया तहसील के पीतपुर, सकलडीहा तहसील के बलुआ घाट एवं पीडीडीयू नगर तहसील के बहादुरपुर ग्राम में संबंधित अधिकारियों की देखरेख में मार्कड्रिल के जरिए पूर्वाभ्यास किया गया। जिलाधिकारी ने बताया कि मॉकड्रिल का उद्देश्य बाढ़ की आपदा की स्थिति में विभिन्न विभागों के बीच समन्वय स्थापित कर समय से राहत एवं बचाव कार्य सुनिश्चित करना है। ड्रिल के दौरान गंगा एवं गढ़ई नदी में बाढ़ आने की आशंका को ध्यान में रखते हुए प्रभावित इलाकों से लोगों को सुरक्षित निकालने, नाव से रेस्क्यू ऑपरेशन चलाने, प्राथमिक उपचार देने और सुरक्षित स्थानों पर शरण दिलाने की कार्रवाई की गई। इस दौरान एनडीआरएफ की टीमों ने नावों के माध्यम से डूब रहे लोगों को सुरक्षित बाहर निकालने का रेस्क्यू ऑपरेशन दिखाया। वहीं मेडिकल टीम ने प्राथमिक उपचार देकर घायलों को एम्बुलेंस के जरिए अस्पताल भेजने की प्रक्रिया को प्रदर्शित किया। लतीफशाह में आपदा प्रबंधन ने माक ड्रिल से परखी तैयारी चकिया। लतीफशाह डाक बंगले पर गुरुवार को जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण और राजस्व एवं आपदा विभाग द्वारा आपदा से बचाव विषय पर गोष्ठी करने के साथ ही मॉक ड्रिल कराया गया। जिसमें लोगों को आकाशीय बिजली, वज्रपात, सर्पदंश और पानी में डूबने से बचाव के उपाय सुझाए गए। मॉक ड्रिल में राजस्व के साथ ही, सिंचाई, स्वास्थ्य विभाग, सीआरपीएफ, नागरिक सुरक्षा, आपूर्तिविभाग, बिजली विभाग, फायर, लोक निर्माण, एनडीआरफ , ग्राम्य विकास और पुलिस के साथ ही बाढ़ प्रभावित क्षेत्र के ग्राम प्रधानों ने भाग लिया। तहसीलदार संदीप श्रीवास्तव ने कहा कि कई तरह की आपदाओं में क्षतिपूर्ति तभी मानी जाएगी जब वास्तविक स्वरूप में क्षति हुई होगी। इस अवसर पर नायब तहसीलदार आशुतोष राय, मोहम्मद आरिफ, थाना प्रभारी अतुल प्रजापति, पीएचसी प्रभारी डॉ विकास सिन्हा, पूर्ति निरीक्षक ममता सिंह, फायरमैन जियाउद्दीन खां मौजूद रहे। बाढ़ से निबटने की तैयारी, बलुआ घाट पर हुआ मॉक ड्रिल चहनियां। बाढ़ संभावित क्षेत्रों में किसी भी आपदा से निबटने के लिए जिला प्रशासन ने तैयारियों को परखा है। गुरुवार को को बलुआ स्थित पश्चिम वाहिनीं गंगा घाट पर मॉक ड्रिल का आयोजन एसडीएम कुंदन राज कपूर और सीओ रघुराज की देखरेख में किया गया। इस मॉक ड्रिल का उद्देश्य आपदा के समय में विभिन्न विभागों के बीच समन्वय स्थापित करना, त्वरित प्रतक्रियिा प्रणाली को परखना और आमजन को जागरूक करना है। मॉक ड्रिल में स्वास्थ्य विभाग, पुलिस विभाग, अग्निशमन दल, पीएसी, राजस्व विभाग, पशुपालन विभाग, खाद्य एवं रसद विभाग सहित अन्य विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों ने सहभागिता निभायी। इस दौरान प्रभारी चिकित्साकारी डा. रितेश कुमार, सत्यम सिंह, एडीयो पंचायत राकेश दक्षिीत मौजूद रहे। बाढ़ प्रभावितों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया पड़ाव। जिले में संभावित बाढ़ से बचाव के लिए जिला प्रशासन की ओर से गुरुवार को तैयारियों को परखा गया। बहादुरपुर गांव स्थित गंगा घाट पर मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया। जिसमें पुलिस और स्वस्थ विभाग की टीम ने गंगा नदी में डूब रहे लोगो को बचाने और स्वास्थ्य उपचार करने के लिए परीक्षण किया गया। इस दौरान बाढ़ के दौरान गंगा नदी में नाव पलट जाती है। जिसमें 10 लोग सवार रहते है। जिसमे सात लोग तैरकर निकल जाते है। बाकी तीन लोग पानी मे डूबने लगते है। बाढ़ राहत के लिए तैनात पुलिस की टीम ने गंगा में डूबते लोगों को सुरक्षित बाहर निकालने का अभ्यास किया। वहीं स्वास्थ्य विभाग की ओर से गंगा से निकाले गए लोगों को सबसे पहले सांस और नाड़ी की जांच करना और जरूरत पड़ने पर तो सीपीआर देने के बाद एम्बुलेंस के माध्यम से हॉस्पिटल भेजने की प्रक्रिया का प्रदर्शन किया गया। इस अवसर पर एसडीएम अनुपम मिश्रा, फायर ब्रिगेड अधिकारी रामशंकर तिवारी, तहसीलदार राहुल सिंह, लेखपाल पंकज सिंह, सुजीत यादव वीरेंद्र यादव सहित चिकत्सिा विभाग की टीम, पीएसी, कोतवाली पुलिस, एनसीसी जवान मौजूद रहे।
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।