आईआईटी में रिसर्च स्कॉलर के सुसाइड में साथ पढ़ने वाली छात्रा, गाइड समेत 3 पर केस
IIT में 10 फरवरी को आत्महत्या करने वाले पीएचडी छात्र अंकित यादव के मामले में आरोपित प्रोफेसर पारितोष सारथी सुब्रमण्यम की जांच पूरी हो गई है। संस्थान के निदेशक की ओर से गठित इंटरनल इंक्वारी कमेटी ने रिपोर्ट तैयार कर सौंप दी है। 22 जून को बोर्ड की बैठक होगी। इसमें आरोपी प्रोफेसर पर फैसला लिया जाएगा।

आईआईटी कानपुर के असिस्टेंट प्रोफेसर, शोध छात्रा और उसकी मां के खिलाफ रिसर्च स्कॉलर को आत्महत्या के लिए उकसाने की कल्याणपुर पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज की है। मुकदमा कोर्ट के आदेश पर दर्ज हुआ है। 10 फरवरी को संस्थान के रसायन विभाग के स्कॉलर ने हॉस्टल के कमरे में फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली थी।
उसके पिता ने तीनों पर प्रताड़ना, ब्लैकमेलिंग और आत्महत्या को प्रेरित करने का आरोप लगाया था। थाने में तहरीर भी दी थी पर सुनवाई नहीं हुई। कोर्ट के आदेश पर कल्याणपुर पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। अंकित आजमगढ़ का रहने वाला था।
अंकित यादव के पिता रामसूरत यादव ने आरोप लगाया था कि दिल्ली की रहने वाली योगिता यादव अंकित के साथ लैब मेट के रूप में शोध करती थी। आरोप है कि योगिता ने उसे अपने मोहपाश में फंसाया और आर्थिक शोषण शुरू कर दिया। दबाव में आकर अंकित ने पर्सनल लोन लेकर योगिता को 50 हजार रुपये दिए। जानकारी पर मैंने योगिता और उसकी मां मीरा यादव से शिकायत की। इस पर दोनों ने माफी मांगते हुए अंकित से ली गई रकम लौटा दी। फिर कुछ समय बाद योगिता ने मां के साथ मिलकर अंकित का जीना हराम कर दिया। उसकी आपत्तिजनक फोटो-वीडियो लेकर उसे वायरल करने की धमकी। मुकदमा का खौफ दिखाया और पांच लाख की मांग करने लगी। योगिता के कहने पर ही गाइड असिस्टेंट प्रो. पार्थ सारथी भी अंकित को असमय लैब पर रोकने लगे। उसे भोजन न देने व सबके सामने बेइज्जत करने लगे। अंततः हिम्मत हारकर अंकित ने फांसी लगा ली। उसनें अपने अंतिम संदेश में लिखा था आई एम क्विट।
आईआईटी में 10 फरवरी को आत्महत्या करने वाले पीएचडी छात्र अंकित यादव के मामले में आरोपित प्रोफेसर पारितोष सारथी सुब्रमण्यम की जांच पूरी हो गई है। संस्थान के निदेशक की ओर से गठित इंटरनल इंक्वारी कमेटी ने रिपोर्ट तैयार कर सौंप दी है। 22 जून को होने वाली बोर्ड की बैठक में आरोपी प्रोफेसर पर फैसला लिया जाएगा। बोर्ड सदस्य जांच रिपोर्ट के आधार पर प्रोफेसर पर कार्रवाई करेंगे।
आईआईटी कानपुर में केमिस्ट्री विभाग के शोधार्थी अंकित यादव ने संस्थान के हॉस्टल में आत्महत्या कर ली थी। सुसाइड नोट में तो उसने किसी को जिम्मेदार नहीं ठहराया था, लेकिन परिजनों ने अंकित के गाइड प्रो. पारितोष सारथी समेत एक छात्रा पर कई गंभीर आरोप लगाए थे। वहीं, संस्थान के कुछ छात्रों ने भी प्रो. पारितोष सारथी के खिलाफ शिकायत की थी। जिसको लेकर आईआईटी प्रशासन ने प्रो. पारितोष की लैब बंद करने के साथ उनके खिलाफ जांच का आदेश दिया था। हालांकि कुछ समय बाद लैब छात्रों के लिए खोल दी गई थी। अंकित ने जुलाई 2024 में संस्थान में शोध कार्य शुरू किया था। अंकित को विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के फेलोशिप प्रोग्राम के तहत शोध कार्य का मौका मिला था।
सुसाइड नोट में बेटे की राइटिंग नहीं, हत्या का आरोप
रामसूरत ने आरोप लगाया कि पुलिस ने उनके बेटे का जो सुसाइड नोट दिया था उसकी राइटिंग का मिलान उन्होंने कराया। आरोप है कि एक्सपर्ट से सुसाइड नोट में लिखी राइटिंग का उनके बेटे के लेखन से मिलान नहीं कराया गया। राममूरत ने बेटे की हत्या की आशंका जताई है। उनका आरोप है कि आईआईटी प्रशासन से इस मामले में शिकायत की थी लेकिन आरोपियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई। कल्याणपुर थाना प्रभारी ने बताया कि कोर्ट के आदेश पर रिपोर्ट दर्ज कर मामले की जांच की जा रही है।
निदेशक बोले
आईआईटी कानपुर के निदेशक प्रो.मणींद्र अग्रवाल ने कहा कि शोधार्थी अंकित यादव की आत्महत्या के मामले में परिजनों ने प्रोफेसर पारितोष सारथी पर आरोप लगाए थे। इसकी जांच के आदेश दिए थे। कमेटी ने जांच पूरी कर रिपोर्ट सौंप दी है। 22 जून को होने वाली बोर्ड की बैठक में इस रिपोर्ट को रखा जाएगा। रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई होगी।