बोले बुलंदशहर : जाम से निजात मिले तो बहे विकास की गंगा
Bulandsehar News - सिकंदराबाद नगर में अतिक्रमण और अव्यवस्थित यातायात संचालन से आमजन को चलने में कठिनाई हो रही है। नगर हाईवे, दनकौर रोड और गुलावठी रोड पर जाम की समस्या बढ़ती जा रही है। प्रशासन द्वारा उठाए गए कदम अस्थायी...
सिकंदराबाद नगर में अतिक्रमण और अव्यवस्थित यातायात संचालन ने आमजन का चलना मुहाल कर दिया है। नगर में जाम की समस्या नासूर बन चुकी है। नगर हाईवे, दनकौर रोड और गुलावठी रोड पर आए दिन लगने वाले जाम से वाहन चालकों को ही नहीं पैदल चलने वालों को भी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। नगर पालिका और पुलिस प्रशासन द्वारा समय-समय पर अतिक्रमण हटाओ अभियान जरूर चलाया जाता है, लेकिन वह महज कुछ घंटों या दिनों की कार्रवाई तक ही सीमित रह जाती है। अभियान के दौरान लोग अतिक्रमण हटा लेते हैं, लेकिन प्रशासन के हटते ही दोबारा हालात जस के तस हो जाते हैं।
अतिक्रमण और जाम बना नासूर, प्रशासन की निष्क्रियता पर उठे सवाल सिकंदराबाद। नगर हाईवे इन दिनों अतिक्रमण और ट्रैफिक जाम की गंभीर समस्या से जूझ रहा है। अतिक्रमण के चलते यह मार्ग अब लोगों के लिए नासूर बन गया है। आए दिन हाईवे पर घंटों तक जाम लगा रहता है, जिससे आम नागरिकों, व्यापारियों और वाहन चालकों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है। स्थानीय लोगों और सामाजिक संगठनों के अनुसार, हाईवे किनारे दुकानों और अस्थायी ठेलों द्वारा किया गया कब्जा, वाहन चालकों की लापरवाही और दोपहिया व छोटे वाहनों का अव्यवस्थित संचालन जाम के प्रमुख कारण हैं। इसके अलावा, कई वाहन चालक नियमों की अनदेखी करते हुए हाईवे के किनारे अपने वाहन खड़े कर देते हैं, जिससे रास्ता संकरा हो जाता है और ट्रैफिक जाम लगना आम हो गया है। हालांकि सामाजिक संगठन और नागरिक बार-बार इस मुद्दे को उठाते आ रहे हैं, लेकिन प्रशासनिक स्तर पर अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है। उद्योग व्यापार मंडल के नगर अध्यक्ष डॉ. नवीन राजपूत ने भी कई बार संबंधित अधिकारियों से अतिक्रमण हटाने की मांग की है। उनका कहना है कि अतिक्रमण न केवल ट्रैफिक जाम का कारण है, बल्कि यह सुरक्षा की दृष्टि से भी गंभीर खतरा उत्पन्न करता है। जाम पर काबू पाने के लिए दनकौर तिराहे पर ट्रैफिक पुलिस की तैनाती की गई है, लेकिन वह भी इस गंभीर समस्या से निपटने में असफल साबित हो रही है। भीड़भाड़ के समय तैनात पुलिसकर्मी व्यवस्था संभालने में असमर्थ नजर आते हैं और स्थिति बद से बदतर होती जा रही है। स्थानीय निवासियों और व्यापारियों की मांग है कि प्रशासन जल्द से जल्द अतिक्रमण हटाने के लिए अभियान चलाए और ट्रैफिक व्यवस्था को सुदृढ़ करे। इसके साथ ही, अराजक वाहन चालकों पर सख्त कार्रवाई की जाए ताकि आम जनजीवन सुचारू रूप से चल सके। यदि प्रशासन ने जल्द कोई ठोस कदम नहीं उठाया, तो यह समस्या और गंभीर रूप धारण कर सकती है । हाईवे किनारे अतिक्रमण दिनोंदिन बढ़ता जा रहा है, जो अब एक बड़ी समस्या बन चुकी है। राहगीरों से लेकर वाहन चालकों तक को इस अराजकता से भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। डग्गामार वाहनों की मनमानी पार्किंग, दुकानदारों द्वारा फुटपाथ और सड़कों पर रखा गया सामान जाम की समस्या को और गंभीर बना रहा है। नगरपालिका और पुलिस प्रशासन द्वारा समय-समय पर अतिक्रमण हटाओ अभियान जरूर चलाया जाता है, लेकिन वह महज कुछ घंटों या दिनों की कार्रवाई तक ही सीमित रह जाती है। अभियान के दौरान लोग अतिक्रमण हटा लेते हैं, लेकिन प्रशासन के हटते ही दोबारा हालात जस के तस हो जाते हैं। स्थिति यह हो गई है कि आमजन को दैनिक कार्यों में भी कठिनाई का सामना करना पड़ता है। डग्गामार वाहनों पर नहीं हो रही कार्रवाई सिकंदराबाद। नगर में दिनोंदिन बढ़ती ट्रैफिक जाम की समस्या से आमजन त्रस्त होता जा रहा है। खासकर प्रमुख मार्गों, चौराहों और बाजार क्षेत्रों में डग्गामार वाहनों की वजह से यातायात ठप हो जाता है। ये वाहन बिना किसी अनुमति के सड़कों पर खड़े होकर सवारियां भरते हैं, जिससे सड़कों पर अव्यवस्था फैल रही है। लोगों का कहना है कि प्रशासन को सबसे पहले इन डग्गामार वाहनों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी चाहिए। लेकिन आश्चर्यजनक रूप से पुलिस और परिवहन विभाग के अधिकारी आंखें मूंदे हुए हैं। ये वाहन कोतवाली के आसपास या अधिकारियों की आंखों के सामने खड़े रहते हैं, फिर भी कोई कार्रवाई नहीं की जाती। दनकौर तिराहा, कोतवाली के सामने, सब्जी मंडी मोड़ इन स्थानों पर डग्गामार वाहन घंटों खड़े रहते हैं, जिससे पैदल यात्रियों तक को निकलने में परेशानी होती है।नगर के आम नागरिकों ने मांग की है कि जिला प्रशासन तत्काल प्रभाव से डग्गामार वाहनों पर रोक लगाए और यातायात व्यवस्था को सुधारने हेतु एक प्रभावी योजना लागू करे।डग्गामार वाहन शहर की सबसे बड़ी समस्या बन चुके हैं। इनके कारण आए दिन जाम लगता है और एंबुलेंस व स्कूल बसें भी फंस जाती हैं। अगर प्रशासन ने शीघ्र कदम नहीं उठाया तो हालात और बिगड़ सकते हैं।अब देखने वाली बात यह होगी कि क्या प्रशासन इस गंभीर समस्या पर जागरूक होता है या फिर जनता यूं ही परेशान होती रहेगी। सिकंदराबाद में ट्रैफिक पुलिस की तैनाती के बावजूद नहीं थम रहा जाम सिकंदराबाद। नगर क्षेत्र में ट्रैफिक पुलिस की तैनाती के बावजूद जाम की समस्या लगातार बनी हुई है। मुख्य तिराहों और चौराहों, व्यस्त बाजारों में जाम लगने से लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। खासकर स्कूल और कार्यालय समय में हालात बेहद खराब हो जाते हैं।नगर के प्रमुख स्थानों जैसे दनकौर तिराहा, जेवर तिराहा, दनकौर स्टेशन रोड पर अक्सर डग्गामार वाहन और अवैध पार्किंग जाम की बड़ी वजह बनते हैं। प्रशासन ने ट्रैफिक व्यवस्था सुधारने के लिए कुछ स्थानों पर ट्रैफिक पुलिस कर्मियों की तैनाती की है, लेकिन इसके बावजूद स्थिति में कोई सुधार नहीं दिखाई दे रहा है। स्थानीय निवासियों का कहना है कि ट्रैफिक पुलिसकर्मी सिर्फ नाममात्र की ड्यूटी कर रहे हैं। वाहन चालकों में भी कोई डर या नियमों का पालन करने की प्रवृत्ति नहीं दिखती। एसडीएम संतोष कुमार ने बताया कि जाम की समस्या को गंभीरता से लिया गया है। अवैध वाहनों और डग्गामार चालकों के खिलाफ अभियान चलाया जाएगा। संबंधित विभागों को निर्देश दिए जा चुके हैं कि वह नियमित कार्रवाई करें। जनता की मांग है कि ट्रैफिक व्यवस्था को ठीक करने के लिए स्थायी समाधान निकाला जाए, जिसमें अतिक्रमण हटाने, डग्गामार वाहनों पर रोक और पार्किंग व्यवस्था को दुरुस्त किया जाए। अतिक्रमण बना मुसीबत की जड़ सिकंदराबाद। मुख्य सड़कों पर डग्गामार वाहन, ठेले, रेहड़ियां और दुकानों के आगे रखा गया सामान सड़क के बड़े हिस्से को घेर लेता है, जिससे वाहनों को निकलने में परेशानी होती है। हालत यह है कि एक बार जाम लगने पर लोगों को घंटों तक उसमें फंसे रहना पड़ता है। स्कूल जाने वाले बच्चों से लेकर दफ्तर जाने वाले कर्मचारियों तक सभी को समय पर पहुंचने में दिक्कत होती है। ----- प्रशासनिक कार्रवाई बेअसर नगर पालिका और पुलिस प्रशासन की ओर से समय-समय पर अतिक्रमण हटाओ अभियान चलाया जाता है, लेकिन यह सिर्फ कुछ समय के लिए ही असर दिखाता है। कुछ ही दिनों में फिर वही हालात बन जाते हैं। कार्रवाई के दौरान दुकानदार और ठेलेवाले अपना सामान हटा लेते हैं, लेकिन जैसे ही अभियान खत्म होता है, दोबारा कब्जा कर लिया जाता है। बाईपास निर्माण से भी नहीं मिली राहत सरकार ने जाम की समस्या से निजात दिलाने के लिए बाईपास रोड का निर्माण कराया था, ताकि भारी वाहनों को शहर के भीतर न आना पड़े। लेकिन बाईपास बनने के बाद भी जाम की समस्या जस की तस बनी हुई है। इसका कारण है कि शहर के भीतर की ट्रैफिक और अतिक्रमण पर कोई स्थायी नियंत्रण नहीं है। ---- शिकायतें--- 1-बिना अनुमति चलने वाले प्राइवेट वाहन निर्धारित स्थानों की बजाय सड़क पर सवारी भरते हैं। 2-रेहड़ी-पटरी वाले फुटपाथ पर दुकानें सजा लेते हैं, जिससे पैदल चलने की जगह नहीं बचती। 3-व्यापारी अपनी दुकानों का सामान बाहर तक फैला देते हैं, जिससे सड़क संकरी हो जाती है। 4-समय-समय पर अभियान चलाने के बावजूद कोई स्थायी समाधान नहीं निकाला गया। 5- छोटे वाहनों द्वारा ट्रैफिक नियमों का पालन नहीं करना। ----- सुझाव 1- नियमित और कठोर कार्रवाई की जाए, जिससे लोग दोबारा अतिक्रमण करने से डरें। 2- अवैध वाहन संचालन पर जुर्माना और सीधी कार्रवाई की जाए। 3-फुटपाथ को चिह्नित कर सीसीटीवी निगरानी के साथ सुरक्षित किया जाए। 4-दुकानदारों और आम लोगों को यातायात नियमों के प्रति जागरूक किया जाए। 5- स्थानीय नागरिकों, व्यापारियों और प्रशासन की एक समिति बनाकर नियमित समीक्षा की जाए। --- सिकंदराबाद की अतिक्रमण और जाम की समस्या अब स्थानीय प्रशासन और जनता दोनों के समन्वय से ही हल हो सकती है। जब तक प्रशासन कठोर और निरंतर कार्रवाई नहीं करेगा और जनता भी सहयोग नहीं करेगी, तब तक यह समस्या यूं ही बनी रहेगी। ज़रूरत है सामूहिक जिम्मेदारी और सजग नागरिक व्यवहार की। ------ नगरवासियों की पीड़ा--- नगर में जगह-जगह ठेले, खोखे और डग्गामार वाहन खड़े रहते हैं, जिससे जाम की स्थिति बनी रहती है। प्रशासन को जाम की समस्या से निजात दिलाने के लिए ठोस कदम उठाने चाहिए। हेमंत शर्मा, व्यापारी। -- प्रशासन केवल अतिक्रमण हटाओ अभियान चलाकर दिखावा करता है। स्थायी समाधान नहीं निकाला जाता।जिससे जाम की समस्या जस की तस बनी हुई है।इसके लिए सक्षम अफसरों की जिम्मेदारी तय की जानी चाहिए। जिसे शीघ्र इस समस्या से लोगों को निजात मिल सकेगी। -डॉ. नवीन राजपूत, व्यापारी नेता। --- अतिक्रमण और जाम को लेकर प्रशासन समय-समय पर अभियान चलाता है ।पुलिस प्रशासन की सख्ती केवल एक-दो दिन रहती है। उसके बाद सब फिर वैसा ही हो जाता है। -रवि गोयल, व्यापारी। -- अतिक्रमण और जाम लगने से पैदल चलना भी मुश्किल हो गया है। प्रशासन को जल्दी ही इस समस्या से लोगों को राहत दिलानी चाहिए। महिलाएं और बच्चे सबसे ज़्यादा परेशान हैं। -अशोक प्रजापति व्यापारी। --- अगर नगरपालिका स्थायी समाधान करे, तो अतिक्रमण और जाम से निजात मिल सकती है। पार्किंग की व्यवस्था भी होनी चाहिए। जिससे नगर हाईवे किनारे वाहनो को लोग खड़े ना कर सके। गिरीश शर्मा, व्यापारी। --- नगर हाईवे पर वाहन चालकों द्वारा में ट्रैफिक नियमों का पालन नहीं होता, जिससे जाम की समस्या बनी रहती है। जाम से निजात दिलाने के लिए वे कई बार प्रशासन से मांग कर चुके हैं। युगम भाटी --- अतिक्रमण और जाम लोगो की गलती नहीं, इसके लिए प्रशासन की उदासीनता भी जिम्मेदार है। प्रशासन के अफसरों को इस ओर ध्यान देना चाहिए। भोलू ----- जाम लगे रहने से नगर में कारोबार पर भी असर पड़ रहा है। पूरे दिन दुकानदार हाथ पर हाथ रखे बैठे रहते हैं। जाम के चलते आसपास क्षेत्र के लोग नगर में आने से कतराते हैं। बिट्टू ----- महिलाओं को खरीदारी के दौरान बहुत दिक्कत होती है, सड़कों पर चलना मुश्किल हो गया है। लोग घरों से निकलने में भी दिक्कत करने लगे हैं। आकाश गर्ग, व्यापारी --- जाम और अतिक्रमण की समस्या वर्षों से बनी हुई है, अब स्थायी हल चाहिए। जिससे नगर के व्यापार को नई दिशा मिल सके। सुनील शर्मा। -- जो भी अतिक्रमण करें या जाम लगाए उसे पर ध्यान रखना चाहिए। नियमित निगरानी और जुर्माने का प्रावधान हो, तभी सुधार संभव है। रिंकू प्रजापति, व्यापारी ---- नगर में जाम और अतिक्रमण की समस्या नासूर बन चुकी है। इसका शीघ्र समाधान होना चाहिए । तभी सिकंदराबाद का विकास संभव है। यश कौशिक, व्यापारी। वर्जन- अतिक्रमण की समस्या को गंभीरता से लिया गया है। हम शीघ्र ही विशेष अभियान चलाकर लोगों को इससे निजात दिलाएंगे। हमारा प्रयास रहेगा कि कार्रवाई केवल दिखावटी न होकर स्थायी समाधान की ओर बढ़े। साथ ही, आमजन से सहयोग की अपेक्षा है कि वे भी सड़कों और सार्वजनिक स्थलों पर अतिक्रमण से बचें। जिससे इस समस्या से आम लोगों को निजात मिल सके। -डॉ. प्रदीप दीक्षित, अध्यक्ष,नगर पालिका सिकंदराबाद
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