धोखाधड़ी के मामले में तीन वर्ष का कारावास
Bulandsehar News - कमांडर वाहन खरीदने के बाद गाड़ी की आरसी मांगने पर जान से मारने की धमकी देने के मामले में अदालत ने ओमपाल को तीन वर्ष का कारावास और ₹5000 का जुर्माना सुनाया। यह मामला 1998 में शुरू हुआ जब केशीपाल ने...

धोखाधड़ी से कमांडर वाहन बेचने के बाद गाड़ी की आरसी मांगने पर जान से मारने की धमकी देने के दोषी को अदालत ने तीन वर्ष का कारावास की सजा सुनाकर जेल भेजा। जिला शासकीय अधिवक्ता सूरज कुमार यादव ने बताया है कि 10 सितंबर 1998 को गांव नंदपुर थाना नरोरा निवासी केशीपाल पुत्र कृपाल सिंह ने संभल जनपद के गुन्नौर थाना क्षेत्र के गांव मड़ौली निवासी ओमपाल पुत्र रामस्वरूप से कमांडर वाहन 2.61 लाख रुपये में खरीदी थी। उस समय यह भी तय किया गया था कि गाड़ी पर पूर्व में कोई भी कर बकाया नहीं होगा। कागज कुछ दिन बाद देने की बात कह दी थी।
16 मार्च 1999 को पुल के पास ओमपाल सिंह मिले उनसे गाड़ी के कागज मांगने पर इनकार कर दिया और जान से मारने की धमकी दी। घटना को लेकर केशी पाल ने नरोरा थाने में 17 मार्च 1999 को इस संदर्भ में मुकदमा पंजीकृत कर दिया। यह मामला अनूपशहर स्थित सिविल कोर्ट में विचाराधीन था। सिविल जज मयंक सिंह ने साक्ष्य एवं गवाहों के आधार ओमपाल सिंह को दोषी मानते हुए 3 वर्ष का कारावास तथा ₹5000 का अर्थ दंड की सजा सुनाकर जेल भेज दिया।
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