यूपी के इस शहर में फैली बर्ड फ्लू, पांच नमूने मिले पॉजिटिव; 21 जून तक मुर्गों की बिक्री पर रोक
गोरखपुर चिड़ियाघर परिसर के बाहर भी बर्ड फ्लू का प्रसार हो गया है। शहर के अलग-अलग इलाकों की चार दुकानों से लिए गए मुर्गे के नमूने पॉजिटिव मिले हैं। जबकि चिड़ियाघर में मृत मिले कौए में भी बर्ड फ्लू की पुष्टि हुई है।

गोरखपुर चिड़ियाघर परिसर के बाहर भी बर्ड फ्लू का प्रसार हो गया है। शहर के अलग-अलग इलाकों की चार दुकानों से लिए गए मुर्गे के नमूने पॉजिटिव मिले हैं। जबकि चिड़ियाघर में मृत मिले कौए में भी बर्ड फ्लू की पुष्टि हुई है। शनिवार को राष्ट्रीय उच्च सुरक्षा पशुरोग संस्थान, भोपाल से जांच रिपोर्ट मिलने के बाद से पूरे जिले में हड़कंप मच गया है। नगर निगम, जिला प्रशासन, चिकित्सा और पशुपालन विभाग की टीम ने मौके पर पहुंच कर एक हजार से अधिक मुर्गों को दफनाया है। साथ ही 21 जून तक मुर्गों की बिक्री पर रोक लगा दी गई है।
चिंता की बात यह है कि पॉजिटिव मिले मुर्गे के सभी सैंपल फुटकर दुकानों से लिए गए थे। शुरुआती जांच में अभी दुकानदारों से यह जानकारी नहीं मिल सकी है कि उन्होंने इन मुर्गों को कहां से खरीदा था। उनका कहना है कि उन्होंने मुर्गों की खरीदारी बिचौलियों के माध्यम से की थी। फिलहाल, पशुपालन विभाग स्रोत की जांच में जुट गया है। चिड़ियाघर में बाघिन शक्ति की मौत के बाद भेजे गए नमूने की जांच रिपोर्ट 12 मई को आई थी जिसमें बर्ड फ्लू की पुष्टि हुई थी। इसके बाद से ही पशुपालन विभाग भी रैंडम सैंपल लेकर जांच के लिए भेज रहा था। दो चरणों में चिड़ियाघर के बाहर से लिए गए पांच सौ से ज्यादा सैंपल निगेटिव मिले। लेकिन शुक्रवार की देर रात जारी हुई रिपोर्ट में पांच नमूने पॉजिटिव मिले। पॉजिटिव मिले नमूनों में चार मुर्गे के थे जिनका सैंपल झुंगिया बाजार, एल्यूमिनियम, तारामंडल और भगत चौराहे की फुटकर दुकान से लिया गया था।
रिपोर्ट मिलने के बाद शनिवार की सुबह नगर निगम, प्रशासन और पशु विभाग की टीम ने सबसे पहले मेडिकल कॉलेज स्थित झुंगिया चुंगी के पास लगने वाले बाजार में मीट की दुकानों से करीब 350 मुर्गों को मारकर दफन कराया। इसके बाद टीम ने तारामंडल, भगत चौराहा और एलुमिनियम फैक्ट्री क्षेत्र में भी यही कार्रवाई की। बताया जा रहा है कि करीब एक हजार से अधिक मुर्गों को दफन किया गया है। शहर में बर्ड फ्लू के संक्रमण के बाद 21 दिनों तक मुर्गे की मीट पर पूरी तरह से रोक लगा दी गई है। हालांकि, राहत की बात यह है कि पोल्ट्री फार्म से भेजे गए सभी नमूनों की रिपोर्ट निगेटिव आई है।
चिड़ियाघर में बढ़ाई गई सतर्कता
चिड़ियाघर में फिर मरे हुए कौए में बर्ड फ्लू की पुष्टि के बाद बचाव के उपाय के साथ सतर्कता और बढ़ा दी गई है। इससे पहले भी चिड़ियाघर में दो कौओं में बर्ड फ्लू की पुष्टि हो चुकी है। इसके अलावा दुर्लभ हिमालयन गिद्ध, बाघिन, तेंदुए के दो शावक और विदेशी पक्षी काकाटेल में भी संक्रमण की पुष्टि हो चुकी है। काकाटेल की रिपोर्ट पॉजिटिव आने के कुछ घंटे पहले ही मौत हो गई थी। फिलहाल चिड़ियाघर 12 मई से ही दर्शकों के लिए बंद कर दिया गया है।
बर्ड फ्लू के दो वायरस की हुई है पुष्टि
पांच जगहों से लिए गए नमूनों की जांच में बर्ड फ्लू के दो वायरस की पुष्टि हुई है। इसमें एच-5एन-1 और एच-9एन-2 शामिल हैं। एच-5एन-1 बर्ड फ्लू एक अधिक रोगजनक एवियन इन्फ्लूएंजा (एचपीएआई) वायरस है, जो मुख्य रूप से पक्षियों को प्रभावित करता है, लेकिन यह मानवों सहित स्तनधारी जानवरों को भी संक्रमित कर सकता है। जबकि, एच-9एन-2 एक एवियन इन्फ्लूएंजा ए वायरस है, जो मुख्य रूप से पक्षियों को संक्रमित करता है, लेकिन इसका संक्रमण मनुष्यों में भी फैल सकता है।
मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डॉ. धर्मेन्द्र पांडेय ने बताया, जिन इलाकों से लिए गए सैंपल में बर्ड फ्लू की पुष्टि हुई है, वहां पर मुर्गों को तत्काल दफना दिया गया है। 21 दिनों तक मुर्गे की बिक्री पर पूरी तरह से रोक लगा दी गई है। साथ ही उन इलाकों एक किलोमीटर की परिधि में जीवित पक्षियों के कलिंग, मारने एवं विसंक्रमित करने का काम शुरू कर दिया गया है।