बीईओ से लेकर एसआरजी, एआरपी को विद्यालय निपुण बनाने की जिम्मेदारी
Bijnor News - बिजनौर में निपुण भारत मिशन के तहत खंड शिक्षा अधिकारियों और अन्य शिक्षकों को निपुण विद्यालय बनाने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। 31 मार्च 2026 तक सभी विद्यालयों को निपुण बनाने का लक्ष्य है। इसके लिए...

बिजनौर। निपुण भारत मिशन के अंतर्गत खंड शिक्षा अधिकारियों, एसआरजी, एआरपी, शिक्षक संकुल, डाइट मेंटर के साथ पूर्व एआरपी को भी निपुण विद्यालय बनाने की जिम्मेदारियां सौंपी गई है। विद्यालय में 80 प्रतिशत की उपस्थिति तथा पाठ्यक्रम को समय से पूरा करना होगा। 31 मार्च 2026 तक प्रदेश में निपुण भारत मिशन के अंतर्गत सभी विद्यालयों को निपुण बनाने का लक्ष्य शासन द्वारा तय किया गया है। इसके अंतर्गत विद्यालयों में कक्षा 2 तक के छात्रों को निर्धारित लक्ष्यों की प्राप्ति करनी है। बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा जारी निर्देशों के तहत विद्यालय में नामांकन के सापेक्ष 80 प्रतिशत या इससे अधिक उपस्थित बनाए रखने के निर्देश जारी किए गए हैं।
इसके अतिरिक्त पाठ्य पुस्तकों में वर्णित सूची के अनुसार मासिक पाठ्यक्रम को समय से पूरा करने के निर्देश महानिदेशक द्वारा जारी किए गए हैं। लर्निंग एट होम को बढ़ावा देने के उद्देश्य से अभिभावकों के साथ शिक्षक दीक्षा एप खान अकादमी रीड अलांग अप जैसी गतिविधियों को शिक्षक अभिभावक बैठक में साझा करेंगे। अब खंड शिक्षा अधिकारी अपने बीआरसी के प्राथमिक या कंपोजिट विद्यालय को आदर्श विद्यालय के रूप में विकसित करेंगे साथ ही डायट मेंटर अपने विकास खंड के एक विद्यालय, एसआरजी अपने विद्यालय, एआरपी अपने विकासखंड के दस विद्यालय, शिक्षक संकुल तथा पूर्व में एआरपी रहे शिक्षक वर्तमान कार्यरत विद्यालय को निपुण बनाने के लिए काम करेंगे। इन सब गतिविधियों का उद्देश्य पूरे प्रदेश को निपुण बनाना है जिसके लिए डाइट के प्रशिक्षु दिसंबर तथा फरवरी में आकलन की प्रक्रिया कर निपुण विद्यालयों को परखेंगे। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी योगेन्द्र कुमार ने कहा कि बीईओ, एसआरजी, एआरपी, शिक्षक संकुल, डाइट मेंटर के साथ पूर्व एआरपी को भी निपुण विद्यालय बनाने की जिम्मेदारी सौंपी गई है।
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