काम की गुणवत्ता को देख मंत्री ने एक्सईएन का वेतन रोका
Basti News - फोटो: 17 बीएसटी 19: कुदरहा ब्लॉक क्षेत्र में सरयू किनारे चल रहे स्पर व ठोकर निर्माण का औचक निरीक्षण करने पहुंचे जलशक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह।

बस्ती, हिन्दुस्तान टीम। जलशक्ति मंत्री स्वतंत्रदेव सिंह मंगलवार को अचानक बस्ती के कलवारी रामपुर तटबंध पर पहुंच गए। उन्होंने सरयू नदी की कटान से प्रभावित दो गांव महुआपार कला और बैड़ारी एहतमाली के मईलपुर बड़कापुरवा का निरीक्षण किया। वहां पर ग्रामीणों से बात की और समस्या को जाना। बताते चलें कि यह दोनों गांव पिछले साल सरयू नदी की कटान के जद में थे। कई घर कट गए थे तो कई घरों को लोगों ने स्वयं तोड़कर हटा लिया था। यहां पर गांव को कटान से बचाने के लिए 33 करोड़ की लागत से चार स्पर और 26 ठोकर का निर्माण हो रहा है।
जलशक्ति मंत्री स्वतंत्रदेव सिंह इसी काम का निरीक्षण करने के लिए मौके पर पहुंचे और साइट पर चल रहे कामों को देखा। काम की गुणवत्ता की जानकारी ली। उन्होंने अधिशासी अभियंता बाढ़ खंड को इस बात के लिए फटकार लगाया कि बोल्डर को नदी में डालने के लिए बनाई गई जाली ढीली है, इस कारण समस्या होगी। मंत्री ने पूछा कि आप कितनी बार साइट पर आकर विजिट किए और काम को देखा। अधीक्षण अभियंता को निर्देशित किया कि एक्सईएन बाढ़ खंड का वेतन रोक दिया जाए। कटान के मुद्दे को क्षेत्रीय विधायक दूधराम ने भी उठाया था। निरीक्षण के समय वे भी जलशक्ति मंत्री के साथ मौजूद रहे। मंत्री से कटान व बाढ़ प्रभावित गांवों के लोगों से बात किया। सुभाषचंद्र पासवान से कटान व बाढ़ की जानकारी ली। उन्होंने बताया कि उनका घर कट गया है। अभी तक महुआपार कला के कटान पीड़ितों को मुआवजा नहीं मिला है। बैड़ारी के कुछ लोगों को मुआवजा मिला है। ग्रामीण महिलाओं से भी मंत्री ने बात कर समस्या को जाना। स्कूली बच्चों से मिलने वाली सुविधा ड्रेस, स्कूल बैग, जूता आदि की जानकारी ली। आम जनता से आयुष्मान कार्ड व राशन कार्ड के बारे में जानकारी हासिल किया। इस मौके पर बाढ़ कार्य खंड प्रथम के अभियंता व अन्य मौजूद रहे। बंधे के पास की गई खुदाई के भरने से नहीं होगा रिंगरोड का काम घघौवा। डीएम रवीश गुप्ता ने बीडी तटबंध का दौरा किया। उन्होंने कन्हईपुर व संदलपुर गांव के पास चल रहे बचाव कार्य का जायजा लिया। दोपहर 1.30 बजे से बाढ़ खंड के अधिकारियों के साथ संदलपुर में बन रहे तीन डैंपनरों का देखा। उन्होंने तटबंध मरम्मत और डैम्पनरों का निर्माण सरयू का जलस्तर बढ़ने के पहले बनाने का निर्देश दिया। डीएम ने कन्हईपुर बीडी तटबंध पर पहुंचे। यहां से रिंगरोड निर्माण के लिए कार्यदाई फर्म ने बंधे से सटे हिस्से में खुदाई कर मिट्टी निकाल लिया था। डीएम ने बाढ़ के दौरान होने वाली समस्याओं और खतरों के बारे में रिंगरोड के आलाधिकारी और मौजूद स्थानीय ग्रामीणों से बात की। बीड़ी सिंह व उमाशंकर सिंह आदि ग्रामीणों ने आरोप लगाया बंधे से लेकर नदी की धारा तक लगभग 800 मीटर लंगी और 60 मीटर चौड़ी मिट्टी की खदान कर खाई बना दिया है। यदि इस तरफ नदी मुड़ती है तो बंधे पर कटान लग जाएगी। डीएम ने रिंगरोड के टीम लीडर एचएन सिंह को निर्देश दिया कि बाढ खंड से बिना एनओसी लिए तटबंध के पास खोदी गई खाई को बाढ़ आने के पहले हर हालत में भर दें। तब तक तटबंध से सटे 70 मीटर तक कोई कांन्ट्रक्शन नहीं कराएं। वहीं बाढ़ खंड प्रथम के सहायक अभियंता धर्मेंद्र कुमार सिंह को इस संबंध में एनएचएआई दिल्ली मुख्यालय से नवीनतम गाइडलाइंस और डायरेक्शन मंगा लें। इस पर रिंगरोड कार्यदाई फर्म के टीम लीडर एचएन सिंह ने एतराज जताते हुए कहा कि ऐसा करने पर रिंगरोड निर्माण में देरी होगी। बंधे पर सात मीटर उंचा फ्लाईओवर और पिलर की पायलिंग का काम के लिए बंधे से लेकर नदी तक खोदी गयी गहरी खाई से बाढ़ और कटान का खतरा नहीं होगा। लेकिन डीएम नहीं माने। उन्होंने बताया कि बाढ़ खंड के रिपोर्ट पर तटबंध के पास खोदे गये खाई को 70 मीटर तक पटाई किया जाए। निरीक्षण के समय एनएचएआई के इंजिनियर प्रदीप द्विवेदी, संकल्प श्रीवास्तव, सुभाष दूबे, अरूण कुमार आदि उपस्थित रहे। रैदासपुर में सर्विस रोड बनाने की मांग बस्ती। ग्रामीणों ने डीएम से मांग किया कि रिंगरोड बनने पर रैदासपुर गांव दो भागों में बंट जाएगा। 100 मीटर जाने के लिए एक किमी का चक्कर लगाना पड़ेगा। गांव को जोड़ने के लिए अंडरपास या सर्विस रोड बना दिया जाए। इस पर रिंगरोड के प्रोजेक्ट टीम लीडर एचएन सिंह ने बताया कि स्थानीय लोगों की मांग पर एनएचएआई से स्वीकृत लेकर सर्विस रोड बनाया जाएगा।
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