Hindi NewsUttar-pradesh NewsBarabanki NewsSmart Meter Initiative in Barabanki Digital Billing and Consumer Concerns

बोले बाराबंकी:सब कुछ ठीक तो स्मार्ट मीटर लगाने से कतरा क्यों रहे लोग

Barabanki News - बाराबंकी में स्मार्ट मीटर योजना की शुरुआत की गई है, जिसमें पहले और दूसरे चरण में 33,000 मीटर लगाए जा चुके हैं। उपभोक्ताओं को रीयल टाइम बिजली खपत की जानकारी मिलेगी, लेकिन कई लोग बढ़े हुए बिलों और...

Newswrap हिन्दुस्तान, बाराबंकीSun, 22 June 2025 06:32 PM
share Share
Follow Us on
बोले बाराबंकी:सब कुछ ठीक तो स्मार्ट मीटर लगाने से कतरा क्यों रहे लोग

बाराबंकी। उत्तर प्रदेश पावर कार्पोरेशन की ओर से स्मार्ट मीटर योजना की शुरुआत शहरी क्षेत्रों में की गई है। पहले चरण में बाराबंकी शहर व कस्बों में करीब 22 हजार मीटर लगाए गए। दूसरे चरण में 11 हजार और मीटर लगे। तीसरे और चौथे चरण में ग्रामीण क्षेत्रों को शामिल किया जाएगा। स्मार्ट मीटर से बिजली आपूर्ति और बिलिंग व्यवस्था पूरी तरह डिजिटल हो जाएगी। मीटर रीडर के आने की जरूरत नहीं पड़ेगी। उपभोक्ता मोबाइल ऐप से अपने रीयल टाइम खपत की जानकारी देख सकेगा। कई उपभोक्ताओं का यह भी मानना है कि बिजली चोरी तो रुकेगी, लेकिन मीटर में तकनीकी गड़बड़ी होने पर उपभोक्ता को अपनी बात साबित करने में मुश्किल होगी।

बिजली विभाग ने बताया कि जिले में 4 लाख 60 हजार उपभोक्ताओं को स्मार्ट मीटर से जोड़ने का लक्ष्य है। इसे जल्द पूरा करने की योजना है। हालांकि पांच प्रतिशत मकानों में मीटर नहीं लगाने की बात कही जा रही है। रीयल टाइम रीडिंग, मोबाइल ऐप पर देखें कितनी बिजली खर्च हो रही, ऑटोमेटिक बिलिंग मीटर रीडर की जरूरत नहीं, प्रीपेड सुविधा, फोन रिचार्ज की तरह बिजली रिचार्ज भी संभव, बिजली चोरी पर लगाम, हर यूनिट का डेटा सर्वर पर दर्ज, बिल बढ़ने की शिकायतें, कई उपभोक्ता अचानक बढ़े बिलों से परेशान, नेटवर्क समस्या दूरदराज के क्षेत्रों में नेटवर्क कमजोर होने पर डेटा अपलोड में रुकावट, पारदर्शिता की कमी, तकनीकी गड़बड़ी होने पर उपभोक्ता के पास सीमित विकल्प, तकनीकी जागरूकता की कमी बुजुर्ग और ग्रामीण लोगों को मीटर की कार्यप्रणाली समझाना मुश्किल। ऐसे में स्मार्ट मीटर निश्चित रूप से एक तकनीकी क्रांति है, लेकिन इसके लाभ तभी मिलेंगे जब उपभोक्ताओं की आशंकाएं दूर हों और बिजली विभाग पारदर्शिता तथा जवाबदेही बनाए रखे। तकनीक के इस बदलाव को स्वीकारने के लिए लोगों को विश्वास में लेना, सही जानकारी देना और शिकायतों का तत्काल समाधान करना आवश्यक है। तेज रीडिंग और ज्यादा बिल आने की शिकायतें: स्मार्ट मीटर की सबसे बड़ी शिकायत बिल की बढ़ी हुई रकम को लेकर सामने आ रही है। कई उपभोक्ताओं का कहना है कि मीटर लगने के बाद से बिल अचानक दोगुना या तीन गुना आने लगा है, जबकि बिजली की खपत पहले जैसी ही है। जबकि बिजली विभाग इस पर सफाई देते हुए कहता है कि पुराने एनालॉग मीटर अक्सर धीमा चलते थे और सही खपत दर्ज नहीं कर पाते थे। स्मार्ट मीटर से अब खपत सटीक मापी जा रही है। लोगों का कहना है कि यदि मीटर की रीडिंग तेज दिखाई दे रही है, तो उसकी स्वतंत्र जांच की व्यवस्था होनी चाहिए। केवल विभाग के जवाब को अंतिम न माना जाए। इसके साथ ही बिलिंग से पहले उपभोक्ता को रीयल टाइम रीडिंग का नोटिफिकेशन भी दिया जाए, ताकि वे समझ सकें कि कितनी बिजली खर्च हो रही है। शहर में जगह-जगह मीटर लगाने का विरोध: बाराबंकी शहर के कई मोहल्लों में स्मार्ट मीटर लगाने का जमकर विरोध हो रहा है। खासकर पुरानी कॉलोनियों, किराए के मकानों और मध्यमवर्गीय इलाकों में लोग न केवल मीटर लगवाने से इनकार कर रहे हैं, बल्कि बिजली विभाग की टीमों से सामना करने से भी परहेज़ कर रहे हैं। ऐसे में विभाग की टीम को कई बार बिना मीटर लगाए वापस लौटना पड़ा। कुछ जगहों पर सामूहिक विरोध के कारण मीटर लगाने का काम रोकना पड़ा। फ्री में लगना चाहिए मीटर, लेकिन मांगते हैं पैसे:स्मार्ट मीटर योजना को लेकर जहां तकनीकी फायदे गिनाए जा रहे हैं, वहीं जमीनी हकीकत कुछ और बयां कर रही है। शहर और कस्बों में कई उपभोक्ताओं ने आरोप लगाया है कि मीटर लगवाने के नाम पर विभागीय कर्मचारी 100 से 500 रुपये तक की वसूली कर रहे हैं, जबकि सरकार की ओर से मीटर नि:शुल्क लगाए जाने का स्पष्ट आदेश है। स्मार्ट मीटर योजना उपभोक्ता हित में जरूर है, लेकिन अगर जमीनी स्तर पर भ्रष्टाचार और अव्यवस्था को रोका नहीं गया तो इसका भरोसा खो जाएगा। विभाग को न केवल जवाबदेह बनाना होगा बल्कि कर्मचारियों की मॉनिटरिंग और पारदर्शिता के लिए जवाबदेही तय करनी होगी। बिजली चोरी रुकेगी, पर क्या विभाग की मनमानी बढ़ेगी:स्मार्ट मीटर लगाने की सबसे बड़ी वजह बिजली चोरी को रोकना है। पुराने एनालॉग मीटरों में छेड़छाड़ कर खपत को कम दिखाना आसान होता था, लेकिन डिजिटल स्मार्ट मीटर पूरी तरह सीलबंद और डेटा आधारित होते हैं। इससे बिजली चोरी की गुंजाइश बेहद कम हो जाएगी। स्मार्ट मीटर रियल टाइम डेटा भेजते हैं, जिससे पता चल जाता है कि कौन सा उपभोक्ता कितनी यूनिट खर्च कर रहा है। मीटर में छेड़छाड़ की कोई संभावना नहीं रहती। किसी भी अनियमितता की जानकारी तुरंत कंट्रोल सेंटर को मिल जाती है। ऑनलाइन निगरानी की सुविधा से लाइन लॉस, फाल्ट और चोरी का स्पॉट लोकेशन भी पता चल जाता है। स्मार्ट मीटर से जहां पारदर्शिता का दावा किया जा रहा है, वहीं उपभोक्ताओं को डर है कि इससे विभाग का नियंत्रण अत्यधिक केंद्रीकृत हो जाएगा और आम उपभोक्ता अपनी बात कहने के लिए किसी के पास नहीं जा सकेगा। स्मार्ट मीटर बिजली चोरी रोकने का मजबूत उपाय है, लेकिन इसके साथ शिकायत निस्तारण प्रणाली को मजबूत, ग्रामीण उपभोक्ताओं को प्रशिक्षित और फील्ड स्तर पर जवाबदेही तय करना जरूरी है। नहीं तो टेक्नोलॉजी के नाम पर विभाग की एकतरफा मनमानी का खतरा बना रहेगा। अब तक 33 हजार घरों में लगे स्मार्ट मीटर: बिजली विभाग द्वारा बाराबंकी में स्मार्ट मीटर लगाने का काम दो चरणों में चलाया जा रहा है। अब तक जिले भर में करीब 33,000 घरों में स्मार्ट मीटर लगाए जा चुके हैं, जो कुल उपभोक्ताओं का बहुत छोटा हिस्सा है। जिले में कुल 4 लाख 60 हजार बिजली उपभोक्ता हैं। पहले और दूसरे चरण को मिलाकर अब तक केवल 33 हजार घरों में मीटर लगाने का कार्य पूरा हुआ है। यानी अभी भी लगभग 4 लाख 27 हजार उपभोक्ताओं को स्मार्ट मीटर लगाए जाने बाकी हैं। बोले उपभोक्ता-: स्मार्ट मीटर लगने से बिजली का बिल बहुत आता है। स्मार्ट मीटर लगने से कई तरह की परेशानियां होती है। शिकायत करने पर कोई सुनवाई नहीं होती है। - मुस्तैहसन जिम्मी बिल तो अब नहीं आता, रिचार्ज खत्म हुआ तो लाइट चली जाती है। काफी परेशानी होती है। अब तो रिचार्ज न होंने पर अंधेरा हो जाता है। -राम मनोरथ प्रीपेड बिजली हमारी उम्र के लोगों के लिए बड़ी चुनौती है। हर बार बच्चों के भरोसे रहना पड़ता है रिचार्ज के लिए। जिससे कभी कभी बहुत समस्या आती है। -अनिल कुमार बिजली स्मार्ट मीटर लगने से बिजली का बिल बहुत आता है। स्मार्ट मीटर लगने से कई तरह की परेशानियां होती है। शिकायत करने पर कोई सुनवाई नहीं होती है। - महेन्द्र बिजली कटना अब मोबाइल रिचार्ज जैसा हो गया है। समय रहते रिचार्ज न किया तो अंधेरा हो जाता है। रात में परेशानी होती है। जो दुखदायी बनता जा रहा है। - सतीश हमें तो समझ ही नहीं कि ये मीटर कैसे चलता है। बच्चा मोबाइल से रिचार्ज कर देता है। विभाग मीटर तो लगवा रहा है लेकिन किसी प्रकार की कोई सुविधा नहीं दे रहा है। - वेद प्रकाश स्मार्ट मीटर की रीडिंग ऐप पर देख सकते हैं, ये अच्छा है। पर हर बार मोबाइल से रिचार्ज करना बुजुर्गों के लिए मुश्किल है। और उन्हें परेशानी होती है। - विमल कुमार बिजली चोरी अब नहीं हो पा रही, ये तो अच्छा है। पर गलती से भी कट जाए तो जल्दी ठीक करने कोई नहीं आता है। कही अगर शिकायत करो तो कोई सुनता ही नहंीं है। - अतुल शुक्ला स्मार्ट बिजली का मीटर लगने से बहुत परेशानी होती है। अगर बिजली का बिल बकाया हो जाता है तो कनेक्शन काट दिया जाता और सात सौ रुपए जुर्माना देना पड़ता है। -विजय पडिंत बिजली विभाग स्मार्ट मीटर लगाने के साथ ही कर्मचारियों की संख्या भी बढ़ाये जिससे लोगों को बिजली की समस्या आने पर विभाग के चक्कर न लगाने पड़े और उनका काम आसानी से हो जाए। - तव्वाब अंसारी स्मार्ट मीटर लगवाने से साथ ही सारी सुविधा भी देनी चाहिए । जिससे उपभोक्ताओं को कोई परेशानी न हो लेकिन हालत यह है कि कोई कर्मचारी सुनता ही नहीं है। - अवधेश बाबा पहले हर महीने 700-800 रुपये का बिल आता था, अब 5 से 6 हजार बिजली का बिल आता है। किसी से शिकायत करो तो कोई सुनता ही नहीं है -सुरेश चंद्र गौतम बोले जिम्मेदार: इस बारे में अधीक्षण अभियंता राजबाला का कहना है कि इस समय जिले में करीब 33 हजार स्मार्ट मीटर लगाए जा चुके है। पहले चरण में करीब 22 हजार स्मार्ट मीटर लगे थे। स्मार्ट मीटर उपभोक्ताओं को लगवाना चाहिए इससे बेहतर सुविधाएं मिल सकेंगी। स्मार्ट बिजली मीटर को लेकर यदि कहीं कोई शिकायत सामने आती है तो उसका तत्काल निस्तारण करवा दिया जाता है।

लेटेस्ट   Hindi News ,    बॉलीवुड न्यूज,   बिजनेस न्यूज,   टेक ,   ऑटो,   करियर , और   राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।

अगला लेखऐप पर पढ़ें