मोहर्रम का चांद दिखते ही मजलिस का सिलसिला शुरू
Barabanki News - बाराबंकी में मोहर्रम का चांद गुरुवार को दिखाई दिया, जिसके बाद इमामबाड़ों और घरों में मजलिसों का आयोजन शुरू हुआ। लोग मातम करते रहे और एक-दूसरे के घर जाकर शामिल हुए। मौलाना सय्यद जौहर अब्बास रिज़वी ने...

बाराबंकी। गम के महीने मोहर्रम का चांद गुरुवार को दिखने के बाद घरों व इममबाड़ों में मजलिसों का सिलसिला शुरू हो गया है। सुबह से देर रात तक लोग मजलिस मातम करते रहे। घरों से हाय हुसैन या अली मौला की सदाएं सुनाईं दीं। शहर के मोहल्ला बेगमगंज, सिविल लाइन कटरा सहित कस्बा व तहसीलों में गुरुवार की शाम को मोहर्रम का चांद दिखते ही मजलिसों का दौर शुरू हो गया। लोगों ने एक दूसरे घर पंहुच कर मजलिसों में शिरकत की। इमामबाड़ों में आयोजित मजलिसों में बच्चे बुजुर्ग महिलाएं सभी मजलिसों में पहुंचे। कस्बा जैदपुर स्थित रौज़ए सय्यद ज़ैद के इमामबाडे में मौलाना सय्यद जौहर अब्बास रिज़वी (इमामे जमात तंज़ानिया अफ्रीका ) ने मजलिस ख़िताब किया।
इस मौके पर मौलाना नें आपसी भाईचारा बनाने पर ज़ोर दिया और फिर इमामे हुसैन के मसाएब पढ़े। इसके अलावा इमामबाड़ा वक्फ बुनियादिया बड़ी सरकार में मौलाना जाबिर जौरासी, ऐतिहासिक इमाम बारगाह वक्फ इमामबाड़ा गढ़ी जदीद तालुकदार छोटी सरकार में मजलिस का आयोजन किया गया। जिसे मौलाना कमर अब्बास ख़ान ने खिताब किया। मोहल्ला पूरब तरफ सरकारे हुसैनी, इमामबाड़ा हुसैनिया मीर मुफ़लिस हुसैन सहित असन्दरा, देवरा सादात समेत आसपास के कस्बों व ग्रामीण क्षेत्रों में मजलिसों का सिलसिला सुबह से देर रात तक चलता रहा। लोग एक दूसरे के घर पहंुच कर मजलिसों में शामिल हो रहे थे। इमामबाड़ों में भी मजलिसों के साथ ही सीनाजनी व नोहाखानी होती रही। इस मौके पर सायंम मेहंदी, गुलफाम रिजवी, अली ग़दीर रिजवी, मक़ासिद मेहंदी मक्की मियां, कामिल रिजवी, अबू तुराब, मौलाना जौहर अब्बास रिजवी समेत कई लोग शामिल थे।
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