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सड़क पर उतरे खाद, बीज व कीटनाशक विक्रेता

Barabanki News - बाराबंकी में खाद, बीज और कीटनाशक विक्रेता शनिवार को सड़कों पर उतरे। उन्होंने कंपनियों की मनमानी और कृषि विभाग के अधिकारियों के उत्पीड़न के खिलाफ विरोध किया। विक्रेताओं ने डीएम कार्यालय पर ज्ञापन सौंपा...

Newswrap हिन्दुस्तान, बाराबंकीSat, 28 June 2025 11:29 PM
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 सड़क पर उतरे खाद, बीज व कीटनाशक विक्रेता

बाराबंकी। खाद, बीज, कीटनाशक कंपनियों की मनमानी और कृषि विभाग के अधिकारियों के उत्पीड़न से आहत थोक एवं फुटकर विक्रेता शनिवार को सड़क पर उतर आए। जांच के नाम पर लाइसेंस निलंबित करने, मुकदमा दर्ज कराने और सील्ड पैक उत्पाद विक्री करने पर कंपनियों के बजाए दुकानदारों पर कार्रवाई का विरोध किया। विरोध रैली निकालते हुए व्यापारी डीएम कार्यालय पहुंचे और मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन डीएम को सौंपा। चार सूत्रीय मांगे पूरी न होने पर दुकानों को सामूहिक रूप से बंद करने की चेतावनी दी। एग्रो इनपुट एग्रो डीलर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष अनुपम अग्रवाल के नेतृत्व में शनिवार को करीब 400 खाद, बीज व कीटनाशक विक्रेता शहर के जीआईसी मैदान में एकत्र हुए।

उसके बाद नारेबाजी करते डीएम कार्यालय की ओर रवाना हुए। संगठन मंत्री नितेश वैश्य ने कहा कि अधिकारियों की दहशत से व्यापारी दुकान बंद करने को मजबूर हैं। अनुपम अग्रवाल ने कहा कि निर्माता कंपनियां 250 से 252 रुपये तक यूरिया की बिलिंग कर रही हैं। साथ में टैगिंग भी कर रही हैं। भाड़ा छह से आठ रुपये दिया जा रहा है। जिसे बढ़ाकर 15 रुपये किया जाए। अनलोडिंग से लेकर गोदाम से दुकान तक खाद व अन्य उत्पादन पहुंचाने के आदेश हैं, लेकिन यह कार्य भी पैसा खर्च कर व्यापारियों को करना पड़ रहा है। जिससे लागत बढ़ रही है। होलसेलर व रिटेलर का मार्जिन सरकार द्वारा निश्चित किया जाए। कीटनाशक की गुणवत्ता पर सवाल उठाकर अधिकारी व्यापारियों के खिलाफ लाइसेंस निलंबित और मुकदमा दर्ज करते हैं। जबकि उनकी बिक्री परमीशन लखनऊ निदेशालय से ही होती है। व्यापारी कंपनी के सील्ड पैक उत्पाद बेचती है और उनमें गड़बड़ी मिलने पर कंपनियों पर कार्रवाई के बजाए व्यापारियों को परेशान होना पड़ता है। सम्पूर्ण जिम्मेदारी कंपनियों की तय की जाए, कंपनियों द्वारा की जा रही टैगिंग बंद कराई जाए, दुकानदारों पर मुकदमा दर्ज कराने के आदेश को वापस लिया जाए। व्यापारियों ने कहा कि मांगों पर विचार नहीं किया गया तो जिले में सामूहिक रूप से दुकानें बंद कर चाबियां अधिकारियों को सौंप दी जाएंगी। खरीफ में किसानों को होने वाली परेशानियों की जिम्मेदारी अधिकारियों की होगी। इस मौके पर दिग्विजय सिंह, बब्लू वर्मा, अवधेश वैश्य, प्रवेश वर्मा, जितेंद्र गुप्ता आदि मौजूद रहे।

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