बोले बाराबंकी-खुले में ट्रांसफार्मर, अघोषित कटौती से लोग परेशान
Barabanki News - बाराबंकी में बिजली की कटौती और खुले ट्रांसफार्मरों की समस्या लोगों के लिए चिंता का विषय बन गई है। ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में बिजली की नियमित आपूर्ति नहीं हो रही है। इसके अलावा, खुले ट्रांसफार्मर...

बाराबंकी। शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों तक बिजली व्यवस्था का कोई पुरसाहाल नहीं है। बिजली कटौती की समस्या से लोग पहले से परेशान हैं। वहीं दूसरी तरफ सड़क के किनारे तो कहीं घनी आबादी वाले मोहल्लों में खुले में रखे ट्रांसफार्मर लोगों के लिए परेशानी का सबब बने हुए हैं। अक्सर मवेशी इन ट्रांसफार्मरों की चपेट में जाते हैं, जिससे उनकी मौत हो जाती है। ग्रामीण भी हमेशा परेशान रहते हैं कि कहीं घर के बच्चे खेलते हुए ट्रांसफार्मर के समीप न चले जाएं। विभाग के अधिकारी विभिन्न योजनाओं के तहत तारों को बदलने, उपकेन्द्रों को अपग्रेड करने का काम करा रहे हैं।
जिसको लेकर घन्टो बिजली आपूर्ति भी बाधित रहती है। मगर खुले पड़े ट्रांसफार्मरों को सुरक्षित रखवाना विभाग उचित नहीं समझ रहा है। ग्रामीणों में इसे लेकर आक्रोश है। बारिश के दिनों में भी बिजली विभाग ट्रांसफार्मरों व जमीन छूते तारों को लेकर अंजान बना रहता है। ग्रामीणों ने कहा कि खासतौर से बरसात में ट्रांसफार्मरों के आसपास करंट तक उतर आता है। ऐसे में विभाग किसी बड़े हादसे को न्योता दे रहा है। सभी ने खुले में रखे ट्रांसफार्मरों को ऊंचे चबूतरों पर रखकर लोहे के जाल से घेरने की मांग की है। जिले में इन दिनों सूरज आग उगल रहा है, लेकिन उससे ज्यादा झुलसाने का काम कर रही है अघोषित बिजली कटौती। हालात यह हैं कि लोग न दिन में सुकून पा रहे हैं, न रात में चैन की नींद। जिले के ग्रामीण क्षेत्रों से लेकर शहर के मोहल्लों तक बिजली की भारी किल्लत बनी हुई है। लोग बिजली की आंख मिचौली से काफी परेशान है। जैदपुर, सिद्वौर, त्रिलोकपुर, सतरिख, टिकैतनगर, सिरौलीगौसपुर, सआदतगंज समेत कई इलाके बिजली की कटौती की समस्या से जूझ रहे है। तहसीलों व कस्बो में बिजली व्यवस्था को सुधारने को लेकर अधिकारी भी कोई ठोक योजना नहीं बनाते हैद्ध हालत यह है कि कस्बों व ग्रामीण क्षेत्रों में जगह जगह खुले में रखा ट्रांसफार्मर हादसे को दावत दे रहे हैं। कहीं बिजली की लाइनें खंभों से नीचे लटकी हुई हैं तो कहां खंभों पर स्ट्रीट लाइटें जलाने के लिए खुले तार तीन,चार फिट की ऊंचाई पर ही छोड़ दिए गए हैं। हैरत की बात तो यह है कि ट्रांसफारमर से जुड़ने वाले जंक्शन बाक्स अधिकांश खुले पड़े हुए है। सड़क पर बिखरे लटके तार लोगों के लिए हादसे का सबब बने हुए है। लोगों का कहना है कि कई बार शिकायत करने के बाद भी बिजली विभाग के कर्मचारी उनकी समस्याओं पर ध्यान नहीं देते। खुले में रखे ट्रांसफार्मर से खतरे में जान: शहर से लेकर तहसील, कस्बों व गांव में सड़क व गालियों व सड़क के मोड़ पर किनारे खुले में रखा ट्रांसफार्मर वहां रहने वाले लोगों के साथ बच्चों के लिए बड़ा खतरा बने हुए हैं। खुले ट्रांसफार्मर से किसी भी समय बड़ा हादसा होने की आशंका बनी रहती है। लेकिन इसके बाद भी विभाग चुप्पी साधे है। शहर का लखपेड़ा बाग जाने वाला मार्ग हो या फिर आवास विकास कालोनी हो, या फिर एलआइसी मोड़ हो सभी जगह बिजली विभाग ने लोगों को बिजली की सप्लाई देने के लिए ट्रांसफार्मर लगाकर उनके चारों तरफ लोहे का जाल भी बंाध दिया है। लेकिन ट्रांसफार्मर रखने के बाद बिजली विभाग उनकी देखरेख करना ही भूल गया। हालत यह है कि अधिकांश ट्रांसफार्मर की जाली टूट चुके हैं। कई ट्रांसफार्मर के चारों तरफ लोहे की जाली का नामोनिशान ही मिट गया है। कई मोहल्ले में ऐसे स्थान पर खुले में ट्रांसफार्मर हैं जहां से होकर सैकड़ों स्कूल के छात्र-छात्राएं निकलते हैं। खुले में सड़क के किनारे रखे ट्रांसफार्मरों को लेकर स्कूल प्रबंधन भी चिंतित रहता है। स्थानीय निवासियों ने कहा कि विद्युत विभाग को कई बार इस समस्या से अवगत कराया गया, लेकिन अधिकारियों ने अब तक कोई कदम नहीं उठाया गया। विभाग की यह उदासीनता किसी बड़े हादसे को निमंत्रण दे रही है। लोगों का यह भी कहना है कि जब कोई बड़ा हादसा होता है तब अधिकारियों की नींद टूटती है। लेकिन फिर कुछ दिनों के बाद ही बिजली व्यवस्था पुराने ढर्रे पर चलने लगती है। ग्रामीण क्षेत्रों की स्थिति काफी खराब: तहसील नवाबगंज, फतेहपुर,टिकैतनगर, सिरौलीगौसपुर, हैदरगढ़, जैदपुर सहित कई इलाको में बिजली की व्यवस्था काफी खराब है। जमीन छूते बिजली के तार व खुले में रखे ट्रांसफार्मर ग्रामीणों को मुंह चिढ़ाते नजर आ रहे है। इसी प्रकार कस्बा टिकैतगंज में खुले में ट्रांसफार्मर रखा हुआ है। इसी मार्ग से होकर राजकीय इंटर कालेज व अन्य स्कूलों के छात्र-छात्राएं निकलते हैं, जिसके कारण हादसे की आशंका बनी रहती है। कुछ स्थानों पर तो लोगों की शिकायत पर बिजली विभाग ने लकड़ी के बांस लगाकर उसमें तार बांधकर औपचारिकता पूरी कर ली है। निगरानी करे तो समस्या का हो समाधान:ट्रांसफार्मर बिजली आपूर्ति के लिए अत्यंत महत्त्वपूर्ण हैं। इनकी उचित देखभाल न होने से बिजली गुल हो सकती है। नियमित निरीक्षण, समय पर मरम्मत और गुणवत्तापूर्ण सामग्री का उपयोग करके ट्रांसफार्मरों की उम्र बढ़ाई जा सकती है। कुशल कर्मचारियों का प्रशिक्षण भी इस दिशा में एक महत्त्वपूर्ण कदम है। इन उपायों से न केवल बिजली आपूर्ति सुचारू रहेगी बल्कि आर्थिक नुकसान को भी कम कर सकते हैं। इसके बावजूद इनके रखरखाव की अनदेखी चिंताजनक है। कई स्थानों पर ट्रांसफार्मर बहुत ही असुरक्षित तरीके से लगे हुए हैं। ट्रांसफार्मर लगाने में विद्युत विभाग की लापरवाही आमजन के लिए खतरनाक हो सकती है। असुरक्षित और लापरवाही से लगाए गए ट्रांसफार्मर से किसी की भी जान जा सकती है। आखिर प्रशासनिक अधिकारी विशेष रूप से इसका संज्ञान कब लेंगे इस मामले में विभाग की अनदेखी चिंताजनक है। विद्युत कंपनियों यह सुनिश्चित करे कि सभी ट्रांसफार्मर सुरक्षित तरीके से लगे हुए हों। साथ ही हरेक ट्रांसफार्मर के आसपास एक बाड़ भी लगाई जाए, ताकि लोग बारिश के मौसम में वहां से गुजरते समय करंट लगने के खतरे से सुरक्षित रह सकें। अजादारों ने मोहर्रम माह में चौबीस घन्टे बिजली आपूर्ति की मांग की:गम का महीना मोहर्रम में अजादारो ने बिजली कटौती रोकने की मांग की है। मोहर्रम के महीने में मजलिसों का सिलसिला सुबह से लेकर देर रात तक चलता रहता है। भीषण गर्मी में बिजली की आवाजाही से मजलिसों में जाने वाले लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ेगा। इस बार मोहर्रम के महीने में उमस भरी गर्मी काफी तेज पड़ रही है। और लोग घरों व इमामबाड़ो में मजलिसे करते है। जिसमें काफी संख्या में महिलाए व बच्चे भी शामिल होते है। ऐसे में बिजली न होने पर अजदारो को काफी परेशानी होगी। लोगों का कहना है अकि अगर मोहर्रम के महीने में बिजली आपूर्ति चौबीस घन्टे कर दी जाए तो लोगों को काफी राहत मिलेगी। कस्बे के अली गदीर रिजवी, सायम मेंहदी, गुलफाम रिजवी, मकासिद मेंहदी, मौलाना जौहर अब्बास, रजा मियां सहित कई लोगों ने मोहर्रम के महीने में बिजली कटौती रोकने की मांग की है। खुला ट्रांसफार्मर बना मुसीबत जैदपुर। कस्बा जैदपुर के मोहल्ला छेदा कटरा जाने वाले पर बिजली का बड़ा ट्रांसफार्मर पिछले कई सालों से रखा हुआ है। ट्रांसफार्मर रखने के बाद बिजली विभाग उसके चारों तरफ जाली लगाना ही भूल गया। कस्बे की सबसे घनी आबादी वाले मोहल्ले में रोजाना हजारों लोगों का आना जाना लगा रहता है सुबह स्कूल जाने के लिए सैकड़ो बच्चे भी इसी रास्ते से होकर निकलते है। मोहल्ले के लोगों ने कई बार बिजली विभाग के अधिकारियों से ट्रांसफार्मर के चारों तरफ लोहे का जाल लगाने के लिए कहा लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। तो सभी मोहल्ले के लोगों ने मिलकर ट्रांसफार्मर के चारों तरफ लकड़ी के बास का घेरा बनाया। आसपास के लोगों का कहना है कि बिजली विभाग का कोई कर्मचारी ट्रांसफार्मर की जांच करने ही नहीं आता है। वार्ड के अफरोज अंसारी, हफीज मेम्बर ने ट्रांसफार्मर के चारों तरफ लोहे का जाल लगवाने की मांग की है। बिजली कटौती से महिला बच्चे काफी परेशान:जिले में चल रही अघोषित बिजली कटौती का सबसे अधिक असर घरेलू महिलाओं पर पड़ रहा है। सुबह से लेकर देर रात तक घर के कामों में जुटी महिलाएं बिजली न होने से बुरी तरह प्रभावित हैं। जहां एक ओर पानी भरने, खाना बनाने, कपड़े धोने और बच्चों की देखभाल जैसे कामों में परेशानी हो रही है, वहीं गर्मी के कारण थकान और चिड़चिड़ापन भी बढ़ गया है। बच्चे भी गर्मी से काफी परेशान है। खुले केबिल बाक्स बने मुसीबत:शहर में ट्रांसफार्मर खुले में लगे हैं मगर अधिकांश चबूतरे पर रखे हुए हैं। यह दूर से लोगों को दिखाई देते हैं। मगर शहर के अधिकांश हिस्सों में जहां अंडर ग्राउंड केबिल पड़ी हैं वहां पर मोहल्लों में लगे बाक्स काफी खतरनाक हैं। शहर के लखपेड़ाबाग, दशहराबाग, जमुरिया नाले के पास, जसवंत नगर आदि कालोनियों में अंडर ग्राउंड केबिलों से घरों को कनेक्शन देने के लिए बाक्स लगाए गए हैं। यह बाक्स जमीन से बमुश्किल एक फिट लोहे के लगे हैं। मगर स्थिति यह है इनमें से अधिकांश जर्जर हो चुके हैं। स्थानीय लोगों ने कहा कि बाक्स के बाहर तारों का जाल फैला रहता है। जिसके कारण उन्हें हमेशा डर लगा रहता है। क्योंकि जब बच्चे बाहर खेलते हैं ऐसे में डर लगता है कि कहीं कोई बाक्स के करीब तारों तक न पहुंच जाए। लोगों ने बताया कि उक्त खुले पड़े तारों में गई जानवर चिपक चुके हैं। जसवंत नगर में तो एक गाय की मौत भी हो चुकी है। स्थानीय लोगों ने कहा कि कई बार बिजली विभाग के अधिकारियों को लिखित शिकायत की गई मगर कोई सुधार नहीं हुआ। रात को उक्त छोटे बाक्स दिखाई नहीं देते हैं, ऐसे में दोपहिया व चार पहिया वाहनों के टकरो का भी खतरा बना रहता है। लोगों ने कहा कि बिजली विभाग बाक्सों को दुरुस्त करवाकर उन्हें जाल से ढके। इतना ही नही जल्द से जल्द वहां फैले तारों को भी दुरुस्त करे जिससे हादसा न हो। लोग बोले- रात में बिजली की आवाजाही से काफी परेशानी होती है। अगर रात में बिजली की कटौती न की जाए तो लोगों को काफी आसानी होगी। - शहाबुददीन मोहर्रम के महीने में बिजली की कटौती न की जाए, रात में होने वाली मजलिसों के दौरान बिजली कट जाने से लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। - सायम मेंहदी मोहल्ला छेदा कटरा में बिजली का खुला रखे टांसफार्मर से काफी खतरा बना रहता है। कई बार टांसफार्मर के चारो तरफ लोहे का जाल लगाने की मांग भी की गई है। - अफरोज अंसारी रात बिजली कटौती होने से बहुत परेशानी होती है नींद भी पूरी नहीं होती है। सुबह से देर से उठने के कारण कई काम पूरे नहीं हो पाते है। - जितेन्द्र पाल बिजली कटौती के कारण काफी दिक्कते होती हैं, कामकाज पर भी असर पड़ता है। अगर बिजली व्यवस्था में सुधार हो जाए तो बहुत सी परेशानियां दूर हो जाएगी। - ध्रुव यादव मोहर्रम के महीने में हम प्रशासन से सभी अजादारो की तरफ से यह मांग करते है कि इस गमो के महीने में बिजली कटौती पर अंकुश लगना चाहिए। -मौलान जौहर अब्बास पावर हाउस पर बुनकरो के बिजली का बिल ठीक करने के लिए अलग से एक काउंटर बनाना चाहिए, जिससे बुनकरों को कोई दिक्कते न हो। - जियाउददीन गर्मी के महीने में बिजली की कटौती बहुत होती है। रात में बिजली की आंख मिचौली से काफी परेशानी होती है। बच्चे भी बहुत परेशान हो जाते है। -राजू मोहर्रम के महीने में अगर चौबीस घन्टे बिजली आपूर्ति कर दी जाए तो सभी अजादारो को काफी आसानी होगी और उनको रात में मजलिस जाने में में कोई परेशानी नहीं होगी। - आरिफ मेंहदी रात में बिजली कटौती बहुत परेशान करती है। एक तो गर्मी उपर से मच्छरो की भरमार से रात भर जाग के काटना पड़ता है। जिस कारण काफी दिक्कतें होती हैं। -मनोज वर्मा रात की बिजली कटौती को रोका जाए, दिन भर काम करने के बाद रात में बिजली न आने से काफी परेशानी होती है। प्रशासन रात की बिजली कटौती पर रोक लगाई जाए। - रुबी सिंह गर्मी के दिनों में रात में बिजली कटौती बहुत परेशान करती है। अक्सर रात में कई कई घन्टे बिजली नहीं आती है। गर्मी में रात भर जाग कर काटना पड़ता है। - राजा जायसवाल बोले जिम्मेदार बिजली के तारो व विद्युत टांसफार्मरों की सुरक्षा की जंाच स्थानीय कर्मचारियों से कराई जाती है। इतना ही नहीं शिकायत मिलने पर टांसफार्मरों को लोहे के जाल से घिरवा दिया जाता है। उपभोक्ताओं की समस्या का पूरा ध्यान रखा जाता है। जो भी शिकायत मिलती है उसका निस्तारण तत्काल किया जाता है। -राजबाला, अधीक्षण अभियंता बिजली विभाग बाराबंकी
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