पहली बाढ़ में ही बांध में आयी दरार, दर्जनों गांवों पर खतरा
Balrampur News - महराजगंज तराई के खरझार नाला का तटबंध कटान के कगार पर है। ग्रामीणों ने जिलाधिकारी से मरम्मत की मांग की थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। पिछले वर्ष आई बाढ़ से तटबंध में दरारें आ गई हैं। यदि समय पर मरम्मत...

महराजगंज तराई, संवाददाता। तराई क्षेत्र के खरझार नाला तटबंध कटान के कगार पर पहुंच गया है। वहीं बेला नदी के काटन से भी ग्रामीण सहमे हुए हैं। ग्रामीणों ने जिलाधिकारी से कुछ दिन पूर्व ही शिकायत कर तटबंध व रेन कट को दुरुस्त कराने की मांग की थी, लेकिन कोई कार्य न कराए जाने से ग्रामीणों के सामने संकट मंडराने लगा है। महराजगंज तराई के ललिया रोड पर स्थित खरझार नाला पर 3 वर्ष पूर्व लाखों की लागत से तटबंध निर्माण का कार्य कराया गया था। लेकिन पिछले वर्ष आई बाढ़ के तबाही से लगभग 60 मीटर की दूरी तक तटबंध टूट गया।
इसके बाद बाढ़ खंड ने खाना पूर्ति करते हुए जैसे तैसे तटबंध का मरम्मत कराया। लेकिन बाढ़ के एक झोंके से ही इस बार बांध पर दरार आ गई। मरम्मत न होने से बांध टूटने के कगार पर पहुंच गया है। ग्रामीण विजय, तुलाराम, तुलसी, बाबूलाल व नसीम ने बताया कि जून की पहली बारिश से पहाड़ी खरझार नाला में तेज बाढ़ आ गई। जिससे तटबंध पर दरार आने लगी है। पहले से ही तटबंध पर रेनकट हो जाने की शिकायत ग्रामीणों ने डीएम व बाढ़ खंड अधिकारियों से कर बांध मरम्मत करने की मांग की है। बावजूद जिम्मेदार अधिकारियों ने अभी तक कोई ध्यान नहीं दिया। बुद्धजीवियों का कहना है कि अगर तटबंध का मरम्मत समय से नहीं कराया गया तो बांध टूटने से कई गांव जलमग्न हो जाएंगे। ग्रामीण राजेंद्र प्रसाद, राम धीरज, मनोहर, नसीम, नफीस व कल्लू ने तटबंध निर्माण के मरम्मत की मांग की है।
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