संक्रामक रोगों का बढ़ा खतरा, ओपीडी 500 के पार
Balrampur News - बरसात, जल जमाव और गंदगी के कारण बलरामपुर जिले के अस्पतालों में संक्रामक रोगों के मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ी है। उल्टी, दस्त, बुखार और त्वचा संबंधी समस्याएं आम हैं। चिकित्सक लोगों को सावधानी बरतने और...

बरतें सावधानी जिला अस्पतालों में आने वाले मरीजों में अधिकतर लोग होते हैं संचारी रोगों के शिकार जिला अस्पतालों में बढ़ी मरीजों की संख्या, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर भी तेजी से बढ़ रहे बीमार बलरामपुर, संवाददाता। बारिश, जल जमाव और गंदगी के कारण संक्रामक रोगों पांव पसारना शुरू कर दिया है। यही कारण है कि जिले के सरकारी अस्पतालों में उल्टी, दस्त, बुखार और त्वचा सम्बन्धी रोगों के मरीजों की संख्या बढ़ गई है। जिला अस्पतालों में ओपीडी 500 के पार पहुंच गई है। गांव से लेकर शहर तक जल जमाव व गंदगी की भरमार है। जिससे लोग परेशान हैं। मच्छर जनित बीमारियां भी बढ़ रही हैं।
चिकित्सक इलाज के साथ-साथ लोगों को संचारी रोगों के प्रति सचेत रहने की भी सलाह दे रहे हैं। जिले में हो रही बारिश के कारण जगह-जगह जलभराव हो गया है। कीचड़ और गंदगी के कारण लोग संक्रामक रोगों के शिकार हो रहे हैं। गांवों में गंदगी का अंबार लगा हुआ है। सफाई कर्मी नहीं पहुंच रहे हैं। जबकि संचारी रोग नियंत्रण अभियान में शामिल पंचायती राज विभाग व नगर निकाय के जिम्मे सफाई व्यवस्था की गई थी। दोनों विभाग अपने कार्य में रुचि नहीं लिया। गांवों में न तो बजबजाती नालियों को साफ कराया गया और न ही झाड़ियों को हटवाया गया है। संक्रामक रोगों की चपेट में तेजी से लोग आ रहे हैं। यही कारण है कि अचानक अस्पतालों में मरीजों की संख्या बढ़ गई है। संयुक्त जिला चिकित्सालय के चिकित्सक डॉ प्रभात त्रिपाठी ने बताया कि इस समय उल्टी, दस्त, पेट दर्द, बुखार व त्वचा सम्बन्धी मरीज अधिक आ रहे हैं। जिला अस्पतालों के ओपीडी से लेकर पैथॉलाजी में मरीजों की भीड़ लग रही है। शनिवार को संयुक्त जिला चिकित्सालय व जिला मेमोरियल अस्पताल को मिलाकर करीब 550 मरीजों का उपचार हुआ है। इसमें से करीब 300 से अधिक ऐसे मरीज थे जो संक्रामक रोगों के शिकार हुए हैं। सामुदायिक व प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर भी बढ़ी मरीजों की संख्या जिले के नौ सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर संक्रामक रोगों के मरीजों की संख्या बढ़ी है। अधिकतर सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर लोगों को समुचित इलाज नहीं मिल पा रहा है। इसलिए भी जिला अस्पतालों में मरीजों की संख्या ज्यादा रहती है। सीएचसी पर जांच की भी बेहतर सुविधा नहीं है। मरीजों का कहना है कि सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर दवाएं भी पर्याप्त मात्रा में नहीं मिल पाती है। अधिकतर दवाएं व जांचें बाहर की लिखी जाती हैं। सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र उतरौला के अधीक्षक डा. चन्द्र प्रकाश सिंह ने बताया कि बारिश के बाद संक्रामक रोगों के मरीजों की संख्या बढ़ी है। अस्पताल आने वाले मरीजों को बेहतर सुविधा देने का प्रयास किया जा रहा है। इसी तरह से तराई क्षेत्र में स्थित गैंड़ास बुजुर्ग के सीएचसी अधीक्षक डॉ शोयब अहमद ने बताया कि बारिश के इस मौसम में अधिकतर गांव में जल जमाव है, जिससे भी लोग संक्रामक रोगों के शिकार हो रहे हैं। अस्पताल आने वाले मरीजों और उनके तीमारदारों को इलाज के साथ-साथ संक्रामक रोगों से बचाव की सलाह भी दी जा रही है। चिकित्सकों की राय, उबालकर पिएं पानी चिकित्सक संक्रामक रोगों से बचने के लिए लोगों को जागरूक कर रहे हैं। जिला मेमोरियल अस्पताल के चिकित्सक डॉ रमेश पाण्डेय ने बताया कि बरसात में पानी उबालकर पीना चाहिए। बीमारियों से बचने के लिए तली-भुनी व बाहरी खाद्य पदार्थों का सेवन करने से बचें। ताजा और हल्का भोजन करें। मौसमी फल का प्रयोग अधिक करें। अपने आस-पास जल जमाव न होने दें। साफ-सफाई पर विशेष ध्यान दें। गंदगी से दूर रहें। उन्होंने बताया कि संक्रामक रोगों में एक से दूसरे शरीर में फैलने की क्षमता होती है। मलेरिया, टायफायड, चेचक, इन्फ्लूएंजा इत्यादि रोग इसके उदाहरण हैं। कोट संक्रामक रोगों के दृष्टिगत सभी अस्पतालों को निर्देश जारी किया गया है। पर्याप्त मात्रा में दवाओं की उपलब्धता है। लोग खुद भी सावधानी बरतें। संचारी रोग नियंत्रण अभियान के तहत गांव-गांव में जागरूकता अभियान चलाया गया है, जिसमें लोगों को जागरूक भी किया गया है। डा. मुकेश कुमार रस्तोगी, सीएमओ बलरामपुर
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