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एटीएम गबन: चंडीगढ़ पुलिस के इंस्पेक्टर समेत तीन पुलिस कर्मियों की जमानत अर्जी निरस्त

Bagpat News - चंडीगढ़ पुलिस के इंस्पेक्टर समेत तीन पुलिस कर्मियों की जमानत अर्जी को सत्र न्यायाधीश ने खारिज कर दिया। आरोपियों पर एटीएम में डालने के लिए 5.26 करोड़ रुपये का गबन करने का आरोप है। पुलिस ने 5.02 करोड़...

Newswrap हिन्दुस्तान, बागपतFri, 6 June 2025 02:13 AM
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एटीएम गबन: चंडीगढ़ पुलिस के इंस्पेक्टर समेत तीन पुलिस कर्मियों की जमानत अर्जी निरस्त

एटीएम में डालने के लिए लाए गए 5.26 करोड़ रुपये का गबन करने वाले आरोपियों को फर्जी मुकदमे में जेल भेजने वाले चंडीगढ़ पुलिस के इंस्पेक्टर समेत तीन पुलिस कर्मियों की जमानत अर्जी सत्र न्यायाधीश ने सुनवाई के बाद खारिज कर दी। उक्त मुकदमे में 16 से अधिक लोग जेल में बंद है। वहीं, पुलिस गबन की गई धनराशि में से 5.02 करोड़ रुपये बरामद कर चुकी है। सीएमएस कंपनी के कर्मचारी गौरव तोमर निवासी गांव आरिफपुर खेड़ी और राकी मलिक निवासी ग्राम लिसाढ़ (शामली) ने एटीएम में नगदी डालने के बहाने 5.26 करोड़ रुपये का गबन किया था। आरोपियों को चंडीगढ़ डीसीसी की पुलिस टीम ने मिलीभगत करते हुए तमंचे व कारतूस के साथ गिरफ्तार किया था।

इसके बाद दोनों आरोपियों को जेल भेज दिया गया था। पता चलने पर डीसीसी प्रभारी इंस्पेक्टर जसमिंदर सिंह, हेड कांस्टेबल सतीश और समुंदर के अलावा मनीष को चंडीगढ़ पुलिस ने गिरफ्तार किया था। इसके अलावा बड़ौत कोतवाली पुलिस ने आरोपी गौरव तोमर की पत्नी काजल, माता सविता, आरोपित राकी मालिक की माता सरिता, भाई राबिन उर्फ गुड्डू, रोहित, दोस्त लोकेंद्र, राजीव, शरद, गौरव, बागपत स्वाट टीम के हेड कांस्टेबल राजीव कुमार निवासी रिजर्व पुलिस लाइन बागपत, मेरठ के सरधना कोतवाली के कांस्टेबल ओजस्वी मलिक निवासी ग्राम लिसाढ़ (शामली) व उसके भाई मोनू मलिक को गिरफ्तार किया था। सौरभ तोमर व उसके पिता कुलदीप तोमर ने गत एक मई को अदालत में आत्मसमर्पण किया था। कुछ दिनों बाद ही पुलिस ने हरियाणा जेल में बंद इंस्पेक्टर समेत तीनों पुलिस कर्मियों को पुलिस रिमांड पर लिया था। जिसके बाद आरोपियों को बागपत जेल में शिफ्ट कर दिया गया था। वहीं, पुलिस अभी तक आरोपियों की निशानदेही पर 5.02 करोड़ रुपये बरामद कर चुकी है। डीजीसी राहुल सिंह नेहरा और अधिवक्ता गौरव मान ने बताया कि जेल में बंद चंदीगढ़ पुलिस के इंस्पेक्टर, हेडकांस्टेबल सतीश और समुंदर ने सत्र न्यायाधीश के न्यायालय में जमानत अर्जी दाखिल की थी। जिसे सुनवाई के बाद सत्र न्यायाधीश मनोज कुमार ने खारिज कर दिया।

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