धान के फसल में जिंक की कमी से पत्ती होती है पीली: डॉ.एलसी वर्मा
Azamgarh News - आजमगढ़, संवाददाता। कृषि विज्ञान केंद्र लेदौरा के वरिष्ठधान के फसल में जिंक की कमी से पत्ती होती है पीली: डॉ.एलसी वर्मा धान के फसल में जिंक की कमी

आजमगढ़, संवाददाता। कृषि विज्ञान केंद्र लेदौरा के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष डॉ.एलसी वर्मा ने बताया कि धान के फसल में जिंक की कमी से पत्ती पीली होने लगती है और अधिक जिंक की कमी से पत्ते पर भूरे रंग के धब्बे होने लगते है। इसकी कमी से धान के नए कल्ले निकलना बंद हो जाते है। इससे धान का विकास भी रुक जाते है। फसल में जिंक की कमी से बहुत सारी बीमारी होने लगती हैं। इसलिए धान के फसल में जिंक डालना अति आवश्यक होता है। सस्य वैज्ञानिक डॉ शेर सिंह ने बताया कि धान की रोपाई से ठीक पहले 10 किलोग्राम जिंक सल्फेट मिलाकर प्रति एकड़ के अनुसार छिड़काव करना चाहिए।
अगर धान के फसल में जिंक की कमी होने के कारण किसी प्रकार के लक्षण दिखाई देने लगे तो एक किलोग्राम जिंक सल्फेट और पांच किलोग्राम यूरिया को 200 लीटर पानी में घोल बनाकर प्रति एकड़ के हिसाब से छिड़काव करना चाहिए। इसके बाद ठीक धान के कल्ले निकलने से पहले दो किलोग्राम जिंक सल्फेट का घोल बनाकर छिड़काव करना चाहिए ऐसा करने से धान के अधिक कल्ले निकलते है। प्रक्षेत्र प्रबंधक वेद प्रकाश सिंह ने बताया कि धान के फसल में सही मात्रा में जिंक डालते है तो धान की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है और कई प्रकार के रोग प्रभाव नहीं डाल पाते है।
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