अयोध्या- दिव्य धाम में राम: अस्थाई राम मंदिर में विराजमान हनुमान जी पहुंचे यज्ञमंडप
Ayodhya News - निर्माण अपडेट विराजमान रामलला के अस्थाई मंदिर को स्थायित्व प्रदान करने के लिए

निर्माण अपडेट विराजमान रामलला के अस्थाई मंदिर को स्थायित्व प्रदान करने के लिए पुराने ढांचे को जा रहा हटाया 25 मार्च 2020 से 22 जनवरी 2024 तक विराजमान रामलला की पूजा-अर्चना के कारण जागृत स्थल पर रामलला की स्मृति में नया पूजित स्थल बनाया जाएगा अयोध्या, संवाददाता। श्री राम जन्मभूमि में विराजमान रामलला के अस्थाई मंदिर को तोड़कर नये रूप में संरक्षित किया जाएगा। इसकी प्रक्रिया शुरू हो गयी और विदेशी सागौन की लकड़ी से निर्मित इस अस्थाई मंदिर के ढांचे को हटाया जा रहा है। ढांचा हटाने के पहले यहां विराजित हनुमान जी के श्रीविग्रह को यज्ञमंडप में प्रतिष्ठित कर उनका पूजन हो रहा है।
इस बीच रामलला के भोग के लिए इस अस्थाई मंदिर में स्थापित सीता रसोई फिलहाल नहीं हटाई गई है लेकिन जल्द ही इस रसोई को भी यथोचित स्थान पर शिफ्ट कर दिया जाएगा। अस्थाई मंदिर की तरह नया मंदिर बनाया जाएगा भवन-निर्माण समिति चेयरमैन नृपेन्द्र मिश्र कहते हैं कि रामलला के अस्थाई मंदिर को संरक्षित करने की योजना पर काम शुरू हो गया है। उन्होंने बताया कि इस अस्थाई मंदिर को नये स्वरूप में टीक ऊड (सागौन) की लकड़ी से उसी तरह बनाया जाएगा जैसा कि पहले था। उन्होंने बताया कि केन्द्र सरकार की संस्था फारेस्टर रिसर्च इंस्टीट्यूट, देहरादून के सुझावों के अनुसार टरमाइट (दीमक) से बचाकर दीर्घजीवी बनाने के उपाय किए जाएंगे। इस अस्थाई मंदिर के ऊपर अनब्रेकेबल शीशे लगाकर कवर्ड किया जाएगा जिससे रामलला के दर्शनार्थी इस स्थान को भी देखकर समझ सकें कि रामलला पहले कहां विराजित थे और कहां विराजित हैं। टेंट में विराजमान रामलला को अस्थाई मंदिर में सीएम योगी ने किया था प्रतिष्ठित छह दिसंबर 1992 में विवादित ढांचे के ध्वस्त होने के बाद अस्थाई टेंट में रामलला को विराजित कर पूजा अर्चना की जा रही थी। नौ नवंबर 2019 को सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद पांच फरवरी 2020 को केंद्र सरकार ने कोर्ट के आदेश पर श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की घोषणा की थी। इस घोषणा के साथ ही राम मंदिर की चल-अचल सभी परिसम्पतियों को ट्रस्ट के हवाले कर दिया गया। इसके बाद तीर्थ क्षेत्र की ओर से रामलला के लिए अस्थाई मंदिर का निर्माण कराया गया। यह मंदिर विदेश से लाई गयी ठीक वुड (सागौन) की लकड़ियों से निर्मित था। इस मंदिर में विराजमान रामलला को 25 मार्च 2020 को प्रतिष्ठित किया गया था। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ही यजमान रूप में सुबह साढ़े पांच बजे भगवान की प्रतिष्ठा कर उनकी आरती थी। इसके बाद भूमि का समतलीकरण कर पांच अगस्त 2022 को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के हाथों भूमि पूजन कराया गया। इस अस्थाई मंदिर में रामलला 22 जनवरी 2024 तक पूजित रहे। राम मंदिर निर्माण के बाद बालक राम की प्राण-प्रतिष्ठा के साथ ही विराजमान रामलला को भी नवनिर्मित मंदिर में प्रतिष्ठित कर दिया गया। तब इस अस्थाई मंदिर में हनुमान जी की अकेले पूजा-अर्चना चल रही है । फिलहाल हनुमान जी के श्री विग्रह को यज्ञमंडप में प्रतिष्ठित कर पूजन शुरू किया गया है। वहीं अस्थाई मंदिर के ढांचे को ध्वस्त कर जेसीबी से यथास्थान उत्खनन भी शुरू करा दिया गया है। राम मंदिर के तीनों तलों की खिड़कियों पर लगेगी टाइटेनियम की जाली: अयोध्या। राम मंदिर के भूतल समेत तीनों तलों की खिड़कियों पर टाइटेनियम की जाली लगाई जाएगी। भवन-निर्माण समिति चेयरमैन नृपेन्द्र मिश्र ने बताया कि इस जाली का एक दिन पूर्व बैठक में प्रजन्टेशन देखा गया और इस प्रजन्टेशन को सभी ने पसंद किया। उन्होंने बताया कि तीनों तलों को मिलाकर कुल 32 जालियां लगाई जाएंगी जो कि 15 अगस्त तक पूरी हो जाएगी। उन्होंने बताया कि राम मंदिर व परकोटे को मिलाकर 14 लाख घन फिट बंशी पहाड़पुर पत्थरों को लगाया जाना था जिनमें 13 लाख घन फिट पत्थरों का प्रयोग हो चुका है। उन्होंने उम्मीद जताई कि जुलाई तक राम मंदिर के साथ परकोटे का निर्माण पूरा हो जाएगा।
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।