बोले अयोध्या: अयोध्या व आसपास की बिजली सुधरी हो तो आसान हो कारोबार
Ayodhya News - अयोध्या में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की विकास योजनाओं के बावजूद बिजली की समस्या विकराल बनी हुई है। शहर में 24 घंटे बिजली देने का वादा किया गया है, लेकिन वास्तव में लोग केवल 10 से 18 घंटे ही बिजली...

अयोध्या। कहने को अयोध्या विश्व पटल पर स्थापित हो चुकी है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की प्राथमिकताओं में शामिल अयोध्या का चौतरफा विकास हो रहा है। यहां 24 घंटे बिजली आपूर्ति के निर्देश हैं। लेकिन अयोध्या शहर को 20 घंटे भी बिजली नहीं मिल पा रही है। श्रीराम जन्मभूमि पर भव्य और दिव्य राममंदिर बनने के बाद अयोध्या में लाखों श्रद्धालुओं का आवागमन बना रहता है। अयोध्या में सैकड़ों होम स्टे, धर्मशालाएं हैं, जहां श्रद्धालुओं का ठहराव होता है। लेकिन अयोध्या धाम में ही बिजली कटौती की समस्या इन दिनों विकराल है। हालांकि गर्मी कम होने के कारण बिजली कटौती को लेकर बहुत आक्रोश लोगों में नहीं है।
लेकिन विगत दिनों अयोध्या के कई मोहल्लों को 18 से 20 घंटे बिना बिजली के गुजारने पड़े हैं। बिजली गुल होने का एक प्रमुख कारण यह भी है कि जिले के शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में लगे विद्युत उपकरण और ट्रांसफार्मर सही ढंग से काम नहीं करते हैं। अक्सर इनके जलने और एबीसी केबल के खराब होने से बिजली गुल हो जाती है। उपभोक्ताओं का कहना है कि अगर बिजली आपूर्ति व्यवस्था को दुरुस्त रखना है तो बिजली उपकरणों को दुरुस्त करना होगा। बांस-बल्लियों के सहारे उपभोक्ताओं के घरों तक जा रही केबल को पोल लगाकर दुरुस्त किया जाए। एबीसी केबल की संख्या बढ़ायी जाये और ट्रांसफार्मरों की मरम्मत के साथ उनकी क्षमता वृद्धि की जाए। अगर उपकरण और संसाधन सही रखे जाएं तो बिजली संकट से बहुत हद तक निजात मिल सकती है। नियम के मुताबिक अयोध्या में 24 घंटे और ग्रामीण क्षेत्र में 18 घंटे बिजली मिलनी चाहिए। लेकिन वास्तविकता में नगरीय क्षेत्र में 18 घंटे और ग्रामीण क्षेत्र में मात्र 10 से 12 घंटे ही बिजली मिल रही है। दो दिनों से भले ही बादलों की आवाजाही और बरसात होने से गर्मी में कमी रहीं। लेकिन उमस भरी गर्मी से लोग परेशान हैं और रात में स्थिति और भी खराब हो जाती है। ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को रात में चारपाई लेकर बाहर सोना पड़ रहा है। इसके अलावा लो-वोल्टेज और बार-बार लाइन ट्रिपिंग की समस्या ने लोगों की परेशानी बढ़ा दी है। इनवर्टर चार्ज नहीं हो पा रहे हैं। दूसरी ओर से बिजली विभाग में आपूर्ति व्यवस्था को संभालने और लाइन फाल्ट ठीक करने का जिम्मा आउटसोर्स कर्मियों पर डाला गया है। लेकिन आउटसोर्स पर कार्यरत 243 से अधिक कर्मचारियों को नौकरी से बाहर का रास्ता दिखा दिये जाने के कारण बिजली आपूर्ति व्यवस्था और भी लड़खड़ाई हुई है। अगर लाइन में फाल्ट भी आ जा रहा है तो उसे बनाने में भी दो से तीन दिन तक लगा दे रहे हैं। जब तक लाइन को विद्युत कर्मी ठीक करते हैं तब तक कट आउट का शेड्यूल जारी हो जाता है फिर लोगों को कई घंटे बाद ही लाइट मिल पा रही है। कई जगह से तो ऐसी भी जानकारियां आ रही है कि वायर केबल ही जलकर गिर जा रहे हैं। जिसे बदलने के लिए विधि विभाग को भी कड़ी मशक्कत करना पड़ रहा है। इसके अलावा विभिन्न विद्युत उपकेन्द्रों पर तारों को बदलने और ट्रांसफार्मरों के अनुरक्षण का कार्य भी कराया जा रहा है। इसके चलते कई-कई घंटे बिजली कटौती का दंश लोगों को सहना पड़ रहा है। बछड़ा सुलतानपुर क्षेत्र सबसे अधिक प्रभावित, जल्दी फाल्ट ठीक नहीं होती :शहरी क्षेत्र में बिजली की समस्या से सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्र देवकाली वार्ड का बछड़ा सुलतानपुर है। यहां 16 से 18 घंटे ही बिजली मिलती है। क्षेत्रीय पार्षद सर्वजीत यादव कहते हैं कि बछड़ा सुलतानपुर और शक्तिनगर कालोनी में बिजली के तार बल्लियों के सहारे घरों तक सींखे गए हैं, जिसमें अक्सर करंट आता है। कुछ दिन पहले ही यहां एक ई रिक्शा चालक को करंट लग गया था। इसके पहले करंट लगने से एक कुत्ते की मौत हो गयी है। यहां करीब 500 की आबादी के सामने सबसे बड़ी समस्या है। घरों तक बिजली के तार खींचे गए हैं वह नीचे तक लटकते रहते हैं। शक्तिनगर कालोनी में ट्रांसफार्मर सही नहीं रहता है। करीब एक दर्जन पोल क्षतिग्रस्त पडे़ हैं। अगर किसी उपभोक्ता की केबल फाल्ट होती है तो अवर अभियंता फोन नहीं उठाते। अगर सब स्टेशन पर जाओ तो फाल्ट ठीक करने के लिए लाइन मैन औफ बिजली स्टाफ के लोग उपभोक्ताओं से 500 से 1000 रुपए ले लेते हैं। एक बक्सा बनाने वाली फैक्ट्री के सामने स्थित गली में बल्लियों के सहारे करीब 50 मकानों के विद्युत केबल घरों को गए हैं। यह लकड़ी के पोल सड़ चुके हैं। यहां दो सीमेंट के पोल करीब 15 साल पहले से ही लगे पड़े हैं, लेकिन विद्युत उपकेन्द्र देवकाली के जेई और विद्युतकर्मियों की लापरवाही के कारण आज तक इस पोल से तार नहीं बांधे गए हैं। इसका नतीजा यह है कि यहां आए दिन केबल फाल्ट होती है। जब केबल फाल्ट ठीक कराने यहां के उपभोक्ता शिकायत करते हैं उनसे सुविधा शुल्क मांगी जाती है। फाल्ट ठीक करने के नाम पर उपभोक्ताओं की जेब होती है ढीली: ग्रामीण क्षेत्र में 18 घंटे बिजली देने का वादा करने वाले विद्युत विभाग सुचारू रूप से 10 घंटे भी बिजली भी ग्रामीण क्षेत्र के उपभोक्ताओं को मुहैया नहीं करा पाते हैं। एक तरफ सरकार गर्मी के पूर्व ही पूरी तैयारी करने के लिए विद्युत विभाग को निर्देशित करती है लेकिन विद्युत विभाग के कर्मचारियों के कानों पर जूं तक नहीं रेंगती। अप्रैल से अगस्त तक भीषण गर्मी के चलते छोटे-छोटे बच्चे व ग्रामीण क्षेत्र में स्थित बाजार के रहने वाले लोग तड़पते रहते हैं लेकिन विद्युत विभाग पर इसका कोई असर नहीं पड़ता। ग्रामीण उपभोक्ताओं को कहना है कि शिकायत करने के लिए जब जिम्मेदार अधिकारियों के सीयूजी नंबर पर फोन किया जाता है तो वह फोन तक नहीं उठाते,शिकायत दूर करना तो दूर की बात है। यदि किसी ग्राम सभा या बाजार में ट्रांसफार्मर जल गया तो उसे बदलवाने के लिए विद्युत विभाग द्वारा सुविधा शुल्क की भी मांग होती है। बोले उपभोक्ता-: बिजली इतनी कटती है कि गर्मी में घर के अंदर बैठना मुश्किल हो जाता है। घर में पानी नहीं रहता है। हमारे मोहल्ले में किसी के घर पर इनवर्टर नहीं लगा है। हम लोग गरीब हैं। केबल लकड़ी के पोल से घर तक आई है। अक्सर केबल खराब रहती है। बनवाने के पैसे देते हैं। शिव कुमारी भइया काओ बतायी, इहां तौ बिजरिया अइसन जावत है जइसे अंखिया से काजलवा कोई चुराये लिहिस हो। कब आती है कब जाती है कछु पता नाही चलत है। घरवा का कामकाज कैसे करत हई वह हमही लोगन जानत हई। बिजरिया खराब होवत है तो ओहू कै लिये पैसा लागत बाटै। शांति देवी इस क्षेत्र में तो बिजली इतनी जाती है कि न पूछौ। हर आधे घंटे पर कट जाती है और एक घंटे नहीं आती है। गली में पोल से केबल को घर तक लाने के लिए बल्ली का सहारा दिया गया है। कई साल से अधिकारियों से कहा जा रहा है कि पोल लगवा दो लेकिन कोई सुनवाई नहीं होती है। मानसा आये दिन हम लोगों की बिजली केबल खराब हो जाती है। पूरे पूरे दिन बिजली नहीं रहती है। यहां सबसे अधिक समस्या यही है कि सड़क से घर तक करीब 150 मीटर लम्बी केबल लगी है लेकिन कोई पोल नहीं है। लकड़ी के पोल से लाइन आई है। करंट आता है। बहुत दिक्कत है। राकेश कुमारी हमने कई बार फाल्ट होने की शिकायत की है लेकिन फाल्ट बहुत होती रहती है। 18 घंटे भी हम लोगों का सुकून की बिजली नहीं मिलती है। बिजली न रहने पर नल से पानी नहीं आता है। कपड़े और बर्तन धोने के साथ घरेलू कामकाज के लिए पानी नहीं मिलता है। समस्या बहुत है। मालती देवी धान की रोपाई के लिए धान की नर्सरी तो तैयार हो गई है एक तरफ मौसमी बरसात नहीं हो रही है। वहीं दूसरी तरफ रोस्टर के मताबिक बिजली न मिलने से धान की नर्सरी खराब हो रही है। विद्युत उपकेंद्र पर जब फोन किया जाता है तो उपभोक्ताओं के फोन काट दिए जाते हैं। सिद्धनाथ मिश्र उनके धान की नर्सरी तैयार हो चुकी है बिजली आपूर्ति न होने से एक बीघा खेत में चार से पांच दिन तक पानी लगाना पड़ रहा है। जिसके चलते धान की रोपाई नहीं हो पा रही है। विद्युत उपकेंद्र पर मौजूद अधिकारी व कर्मचारी सरकार को बदनाम करने में लगे हैं। हनुमान दत्त मिश्र विद्युत उपकेंद्र कुमारगंज पर अधिकारी व कर्मचारी बेलगाम हो गए हैं इंडो डच लाइन आए दिन खराब रहती है सरकार की ओर से ग्रामीण क्षेत्र में 18 से 22घटे विद्युत सप्लाई की बात अखबारों में की जाती है लेकिन 24 घंटे में मात्र चार से पांच घंटे की सप्लाई दी जाती है। उमेश प्रताप सिंह एक तरफ उमश भरी गर्मी से जहां बच्चे बूढ़े व बीमार लोग परेशान हैं वही खेती किसानी विद्युत सप्लाई न होने से धान की खेती चौपट हो रही है। विद्युत सप्लाई को लेकर सरकार को इस पर विशेष ध्यान देना चाहिए। विशाल यादव सरकार की ओर से सभी सुख सुविधा किसानों को कागजों पर तो मिलती रहती है लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही है कारखाने से लेकर खेती किसानी तक विद्युत पर ही निर्भर है। संविदा पर काम कर रहे लइनमैन सरकार को बदनाम करने में लगे हैं। मकसूद अहमद गर्मी के दिनों मे जब बिजली की सबसे अधिक आवश्यकता है तो उस समय विद्युत विभाग सुचारु व रोस्टर के हिसाब से बिजली देने मे पूरी तरह से नाकाम रहता है। विभागीय मंत्री को इस समस्या पर ध्यान देना चाहिए। आलोक यादव मिल्कीपुर उपकेन्द्र क्षेत्र स्थित पलिया गांव मे लो वोल्टेज के चलते ट्यूबेल नहीं चल पा रही हैं। धान की रोपाई का समय चल है लेकिन पानी न मिलने के कारण धान की रोपाई पिछड़ती चली जा रही है। संजय कुमार मिल्कीपुर उपकेन्द्र क्षेत्र स्थित ग्राम सभा पलिया के मजरे पूरे धौकल मे केबल जल जाने से विद्युत व्यवस्था बेपटरी हो गई है। गांव की सैकड़ों की आबादी अंधेरे मे रहने को मजबूर है। शिकायत के बावजूद जिम्मेदार ध्यान नहीं दे रहे हैं। ऊषा यादव बिजली विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों की उदासीनता के चलते सरकार के मंशा के अनुरूप सप्लाई नहीं मिल पा रही है। शासन के निर्देशानुसार 18 घंटे बिजली मिलनी चाहिए लेकिन बमुश्किल 7 से 8 घंटे ही बिजली मिल पा रही है। अर्जुन बोले जिम्मेदार: इस बारे में अयोध्या के अधिशासी अभियंता मनीष चौबे का कहना है कि शहरी क्षेत्र में 24 घंटे की सप्लाई के आदेश हैं। लेकिन कुछ जगह फाल्ट आने से बाधा आती है। इसके अलावा अनुरक्षण कार्य के लिए प्लांट शट डाउन लेना पड़ता है इसलिए सप्लाई बंद की जाती है। इस समय बिजली कुल 48.7 मिलियन यूनिट बिजली की खपत हो रही है।
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